सोनभद्र: जनपद मुख्यालय पर स्थित सैकड़ों की आबादी वाला एक परिवार विगत 30 वर्षों से सड़क किनारे रहने को मजबूर है और मतदान से वंचित है. उन्हें देखकर उनकी बातों को सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो ये हिंदुस्तानी नहीं बल्कि किसी दूसरे मुल्क से आये उपेक्षित व्यक्ति हैं. जिन्हें न सिर्फ समाज ने बल्कि सरकार ने भी ठुकरा दिया हो.
राबर्ट्सगंज कोतवाली इलाके के राबर्ट्सगंज-घोरावाल मार्ग पर 500 मीटर की दूरी पर स्थित कंहारी गांव की सड़क पर ढैकार जाति के लोग पिछले 50 सालों से सड़क के किनारे निवास करते चले आ रहे हैं. ये लोग सूप, दरी बीनने का काम करते हैं. इनके बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं.
इन लोगों को अभी तक न ही किसी सरकारी योजना का लाभ मिला है और न ही मतदान का अधिकार. जबकि इस विशेष जाति के लोगों के विकास के लिए प्रदेश सरकार ने जनपद में विशेष पैकेज आया हुआ था. बावजूद इसके यह आदिवासी समुदाय उपेक्षित पड़ा हुआ है.
बस्ती के लोग कहते हैं कि पिछले 30 सालों से वे रह रहे हैं. एक बार कुछ लोगों का नाम वोटर लिस्ट में आया था, लेकिन बाद में प्रधान ने कटवा दिया. इसके बाद से हम लोग वोट नहीं डाल पा रहे हैं. इसके लिए कई बार अधिकारियों और नेताओं से बात हुई, लेकिन कोई असर नहीं पड़ता.
इस पूरे मामले पर अपर जिलाधिकारी ने बताया की जनपद में लगातार मतदाता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से मतदाताओं को जोड़ने का काम किया जा रहा है. जनपद में 25 हजार नए मतदाताओं को जोड़ने का काम भी किया गया है. रही बात कंहारी में रहने वाले परिवारों कि तो यह देखना होगा कि वे लोग लीगली रह रहे हैं या नहीं. अगर लीगल तरीके से रह रहे हैं तो निश्चित जोड़ा जाएगा.