मिर्जापुर: विंध्याचल धाम में विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी का दर्शन पाने के लिए तीसरे दिन भी भक्तों का तांता लगा हुआ है. नवरात्र के तीसरे दिन मां विंध्यवासिनी के चंद्रघंटा स्वरूप की आराधना की गई. मां की मंगला आरती के बाद भक्तों को मां का दर्शन मिलना शुरू हो गया है.
भगवती चंद्रघंटा की उपासना करने से उपासक अध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्राप्त करता है और जो श्रद्धालु इस दिन श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक दुर्गा सप्तमी का पाठ करता है. वह संसार में यश कीर्ती एवं सम्मान को प्राप्त करता है. माता चंद्रघंटा की पूजा अर्चना से मां भक्तों को सभी जन्मों के कष्ट और पापों से मुक्त कर इस लोक और परलोक में कल्याण प्रदान करती हैं.
मां भगवती अपने दोनों हाथों से साधकों को चिरायु, सुख-संपदा और रोगों से मुक्त होने का वरदान देती हैं. मनुष्य को निरंतर माता चंद्रघंटा का पवित्र विग्रह को ध्यान में रखते हुए साधना करनी चाहिए. इस दिन महिलाओं को घर पर बुलाकर आदर सम्मानपूर्वक उन्हें भोजन कराना चाहिए. और उन्हें कलश या मंदिर की घंटी भेंट स्वरूप प्रदान करना चाहिए. इससे भक्तों पर सदा भगवती की कृपा दृष्टि बनी रहती है.