ETV Bharat / briefs

बालगृह में बच्चों की देखभाल के लिए बनाई गई टीम - लखनऊ बालगृह

लखनऊ में बालगृह में कोरोना पहुंच गया है. बच्चों की सुरक्षा के लिए टीम का गठन किया गया है. आइसोलेशन में बच्चों के खानपान का खास ख्याल रखा जा रहा है.

etv bharat
etv bharat
author img

By

Published : May 15, 2021, 10:15 PM IST

लखनऊ: बालगृह तक कोरोनावायरस पहुंच चुका है. ऐसे में 32 संक्रमित बच्चों सहित 29 बालिकाओं को आइसोलेशन में रखा गया है. इनकी देखभाल के लिए विशेष टीम तैयार की गई है, ताकि बच्चे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. राजकीय बालगृह में 32 कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद मोतीनगर राजकीय बालगृह से 29 कोरोना मरीजों को सरस्वती कुंज बालगृह में शिफ्ट कर आइसोलेट किया गया है. शुक्रवार को लखनऊ सहित सभी जनपदों में डीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है.

उत्तर प्रदेश में 56 सरकारी बालगृह और महिलागृह हैं. बालगृह में पाए गए सभी कोरोना संक्रमित मरीजों को गृहों में ही आइसोलेट के साथ ही इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम बनाई गई है, ताकि सभी को बेहतर इलाज मिल सके. सभी की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी टास्क फोर्स को दी गई है. बच्चों का मन लगाने के लिए कैरम और कई प्रतियोगिता भी कराई जा रही हैं.

यह भी पढ़ें: थाई स्पा के रूम में तय होता एक्स्ट्रा सर्विस "हैप्पी एंडिंग" का रेट




बीते बुधवार को हकीकत आई सामने

बाल कल्याण समिति की सदस्य डॉ. संगीता शर्मा ने बताया कि पहले किसी को नहीं मालूम था कि बालगृह में संक्रमण पहुंच जाएगा. यहां तक कि किसी भी बच्चे की कोरोना जांच नहीं की गई थी, लेकिन बीते बुधवार को जब लगातार बच्चों में खांसी, जुखाम, बुखार जैसे लक्षण देखे गए तो सभी की कोरोना वायरस की जांच हुई. इसमें पता चला कि बच्चे संक्रमण की जद में हैं. 32 संवासनी संक्रमित हो गई हैं, जिनमें एक मानसिक मंदित और दो गर्भवती भी हैं. इनकी जांच रिपोर्ट आए तीन-चार दिन बीत गए हैं, लेकिन इन्हें आइसोलेट नहीं किया गया. बाल आयोग और बाल कल्याण समिति को सूचना मिली तो बीते बुधवार शाम इन्हें अलग शिफ्ट करने की व्यवस्था हो पाई. इनमें से 29 संक्रमित बालिकाओं को निरालानगर स्थित आइसोलेशन सेंटर शिफ्ट किया जाएगा. मानसिक मंदित और दो गर्भवती को बालगृह में ही आइसोलेट किया जाएगा. और उनके देखभाल का विशेष ख्याल रखा जाएगा, ताकि सभी जल्द से जल्द रिकवर हो जाएं.


टीम का हुआ गठन

राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि शुक्रवार को डीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया. इसके अंतर्गत कमेटी के सदस्य बच्चों का, गर्भवती महिलाओं का और सभी बालिकाओं का खान-पान से लेकर सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्थिति अभी चिंताजनक है. संक्रमण पर काबू पाना है तो टीम को एकजुट होकर काम करना पड़ेगा. साथ ही बच्चों को संक्रमण की चपेट से निकालना हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए बालगृह को तैयार होना जरूरी है. दो कमरों में 16-16 बच्चियों को रखा गया है. बिना सुरक्षा हम इन्हें शिफ्ट नहीं कर सकते. ऐसे में विभाग ने 10 मई को ही गार्ड के लिए पत्र लिख दिया था. अपर जिलाधिकारी पूर्वी केपी सिंह से बात भी हुई थी. पहले उन्होंने बालगृह के ही गार्ड के लिए कहा था कि हम बालगृह के गार्ड को यहां रख देंगे, लेकिन ऐसा होने पर यहां की निगरानी कौन करेगा. एडीएम का कहना है कि देरी नहीं हुई है, सारी व्यवस्थाएं हो चुकी हैं. जल्द ही गार्ड दे दिए जाएंगे.

लखनऊ: बालगृह तक कोरोनावायरस पहुंच चुका है. ऐसे में 32 संक्रमित बच्चों सहित 29 बालिकाओं को आइसोलेशन में रखा गया है. इनकी देखभाल के लिए विशेष टीम तैयार की गई है, ताकि बच्चे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. राजकीय बालगृह में 32 कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद मोतीनगर राजकीय बालगृह से 29 कोरोना मरीजों को सरस्वती कुंज बालगृह में शिफ्ट कर आइसोलेट किया गया है. शुक्रवार को लखनऊ सहित सभी जनपदों में डीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है.

उत्तर प्रदेश में 56 सरकारी बालगृह और महिलागृह हैं. बालगृह में पाए गए सभी कोरोना संक्रमित मरीजों को गृहों में ही आइसोलेट के साथ ही इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम बनाई गई है, ताकि सभी को बेहतर इलाज मिल सके. सभी की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी टास्क फोर्स को दी गई है. बच्चों का मन लगाने के लिए कैरम और कई प्रतियोगिता भी कराई जा रही हैं.

यह भी पढ़ें: थाई स्पा के रूम में तय होता एक्स्ट्रा सर्विस "हैप्पी एंडिंग" का रेट




बीते बुधवार को हकीकत आई सामने

बाल कल्याण समिति की सदस्य डॉ. संगीता शर्मा ने बताया कि पहले किसी को नहीं मालूम था कि बालगृह में संक्रमण पहुंच जाएगा. यहां तक कि किसी भी बच्चे की कोरोना जांच नहीं की गई थी, लेकिन बीते बुधवार को जब लगातार बच्चों में खांसी, जुखाम, बुखार जैसे लक्षण देखे गए तो सभी की कोरोना वायरस की जांच हुई. इसमें पता चला कि बच्चे संक्रमण की जद में हैं. 32 संवासनी संक्रमित हो गई हैं, जिनमें एक मानसिक मंदित और दो गर्भवती भी हैं. इनकी जांच रिपोर्ट आए तीन-चार दिन बीत गए हैं, लेकिन इन्हें आइसोलेट नहीं किया गया. बाल आयोग और बाल कल्याण समिति को सूचना मिली तो बीते बुधवार शाम इन्हें अलग शिफ्ट करने की व्यवस्था हो पाई. इनमें से 29 संक्रमित बालिकाओं को निरालानगर स्थित आइसोलेशन सेंटर शिफ्ट किया जाएगा. मानसिक मंदित और दो गर्भवती को बालगृह में ही आइसोलेट किया जाएगा. और उनके देखभाल का विशेष ख्याल रखा जाएगा, ताकि सभी जल्द से जल्द रिकवर हो जाएं.


टीम का हुआ गठन

राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि शुक्रवार को डीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया. इसके अंतर्गत कमेटी के सदस्य बच्चों का, गर्भवती महिलाओं का और सभी बालिकाओं का खान-पान से लेकर सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्थिति अभी चिंताजनक है. संक्रमण पर काबू पाना है तो टीम को एकजुट होकर काम करना पड़ेगा. साथ ही बच्चों को संक्रमण की चपेट से निकालना हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए बालगृह को तैयार होना जरूरी है. दो कमरों में 16-16 बच्चियों को रखा गया है. बिना सुरक्षा हम इन्हें शिफ्ट नहीं कर सकते. ऐसे में विभाग ने 10 मई को ही गार्ड के लिए पत्र लिख दिया था. अपर जिलाधिकारी पूर्वी केपी सिंह से बात भी हुई थी. पहले उन्होंने बालगृह के ही गार्ड के लिए कहा था कि हम बालगृह के गार्ड को यहां रख देंगे, लेकिन ऐसा होने पर यहां की निगरानी कौन करेगा. एडीएम का कहना है कि देरी नहीं हुई है, सारी व्यवस्थाएं हो चुकी हैं. जल्द ही गार्ड दे दिए जाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.