ETV Bharat / briefs

इन बच्चों का टैलेंट देख दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाएंगे आप... - bhadohi news

भदोई में स्थाई आवासीय दिव्यांग विद्यालय के छात्रों का टैलेंट देखते ही बनता है. आम बच्चों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने के लिए इन बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है. इनका टैलेंट देखकर किसी को भी विश्वास नहीं होता है.

दिव्यांग बच्चे
author img

By

Published : Feb 1, 2019, 5:25 PM IST

भदोही: स्थाई आवासीय दिव्यांग विद्यालय के छात्रों का टैलेंट देख कर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. आवासीय एक्सीलरेटेड लर्निंग प्रोग्राम के तहत भदोही जिले में हर साल 60 से 70 दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है. ताकि वह किसी भी सरकारी या प्राइवेट स्कूल के प्राथमिक विद्यालयों में सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई कर सकें. इस हर साल की तरह इस साल भी ज्ञानपुर के अस्थाई आवासीय दिव्यांग विद्यालय में 70 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन उन का टैलेंट देख कोई भी अविश्वास नहीं कर पाता है.

इन दिव्यांग बच्चों का टैलेंट देख आपको विश्वास नहीं होगा क्योंकि वह प्राइमरी नहीं बल्कि जूनियर हाई स्कूल के भी बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के मामले में मात दे देंगे. इस स्कूल के दिव्यांग बच्चों को 50 तक के पहाड़े देश की भौगोलिक स्थिति, राजनीति की स्थिति, राज्यपाल, राज्य राजधानी, भाषा, संगीत, कविताएं, कला आदि जैसी सामान्य जानकारियां हर बच्चे को है.

undefined
देखें रिपोर्ट
undefined

बच्चों की सामान्य जानकारी दूसरे स्कूल के जूनियर हाई स्कूल के बच्चों से भी ज्यादा है. इस आवासीय स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अपने कामों को किस तरह से स्वयं करें आदि चीजों की ट्रेनिंग दी जाती है. दिव्यांग बच्चों को इस तरीके से इस ट्रेनिंग कैंप इन के माध्यम से तैयार करते हैं ताकि वह किसी भी साधारण स्कूल में या परिषदीय विद्यालय में जहां सामान्य बच्चे पढ़ते हैं वहां पढ़ सकें.

दिव्यांग बच्चों को इस स्कूल में यह भी भी सिखाया जाता है कि स्वाबलंबी कैसे हो और उन्हें अपने रोजमर्रा के कामों में किसी से मदद न लेनी पड़े. विडंबना यह है कि यहां से ट्रेनिंग ले बच्चे प्राथमिक स्कूलों तक तो पहुंच जाते हैं लेकिन प्राथमिक स्कूलों में इन दिव्यांग बच्चों के लिए किसी भी स्थाई अध्यापक की नियुक्ति न होने के कारण यह आगे नहीं बढ़ पाते हैं.

भदोही: स्थाई आवासीय दिव्यांग विद्यालय के छात्रों का टैलेंट देख कर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. आवासीय एक्सीलरेटेड लर्निंग प्रोग्राम के तहत भदोही जिले में हर साल 60 से 70 दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है. ताकि वह किसी भी सरकारी या प्राइवेट स्कूल के प्राथमिक विद्यालयों में सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई कर सकें. इस हर साल की तरह इस साल भी ज्ञानपुर के अस्थाई आवासीय दिव्यांग विद्यालय में 70 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन उन का टैलेंट देख कोई भी अविश्वास नहीं कर पाता है.

इन दिव्यांग बच्चों का टैलेंट देख आपको विश्वास नहीं होगा क्योंकि वह प्राइमरी नहीं बल्कि जूनियर हाई स्कूल के भी बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के मामले में मात दे देंगे. इस स्कूल के दिव्यांग बच्चों को 50 तक के पहाड़े देश की भौगोलिक स्थिति, राजनीति की स्थिति, राज्यपाल, राज्य राजधानी, भाषा, संगीत, कविताएं, कला आदि जैसी सामान्य जानकारियां हर बच्चे को है.

undefined
देखें रिपोर्ट
undefined

बच्चों की सामान्य जानकारी दूसरे स्कूल के जूनियर हाई स्कूल के बच्चों से भी ज्यादा है. इस आवासीय स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अपने कामों को किस तरह से स्वयं करें आदि चीजों की ट्रेनिंग दी जाती है. दिव्यांग बच्चों को इस तरीके से इस ट्रेनिंग कैंप इन के माध्यम से तैयार करते हैं ताकि वह किसी भी साधारण स्कूल में या परिषदीय विद्यालय में जहां सामान्य बच्चे पढ़ते हैं वहां पढ़ सकें.

दिव्यांग बच्चों को इस स्कूल में यह भी भी सिखाया जाता है कि स्वाबलंबी कैसे हो और उन्हें अपने रोजमर्रा के कामों में किसी से मदद न लेनी पड़े. विडंबना यह है कि यहां से ट्रेनिंग ले बच्चे प्राथमिक स्कूलों तक तो पहुंच जाते हैं लेकिन प्राथमिक स्कूलों में इन दिव्यांग बच्चों के लिए किसी भी स्थाई अध्यापक की नियुक्ति न होने के कारण यह आगे नहीं बढ़ पाते हैं.

Intro:भदोही जिले में स्थित स्थाई आवासीय दिव्यांग विद्यालय के छात्रों का टैलेंट देख कर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते है आवासीय एक्सीलरेटेड लर्निंग प्रोग्राम के तहत भदोही जिले में हर साल 60 से 70 दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वह किसी भी सरकारी या प्राइवेट स्कूल के प्राथमिक विद्यालयों में सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई कर सकें इस हर साल की तरह इस साल भी ज्ञानपुर के अस्थाई आवासीय दिव्यांग विद्यालय में 70 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन उन का टैलेंट देख कोई भी अविश्वास नहीं कर पाएगा कि यह बच्चे प्राथमिक स्कूल में दाखिले के लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं यहां के बच्चे पढ़ाई में तो अव्वल है संगीत भजन काव्य पाठ कला जैसी चीजों में भी सामान्य बच्चों से कम नहीं है


Body:उन दिव्यांग बच्चों का टैलेंट देख आपको विश्वास नहीं होगा क्योंकि वह प्राइमरी नहीं बल्कि जूनियर हाई स्कूल के भी बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के मामले में मात दे देंगे वहां के दिव्यांग बच्चों को 50 तक के पहाड़े देश की भौगोलिक स्थिति राजनीति की स्थिति राज्यपाल राज्य राजधानी भाषा , संगीत ,कविताएं , कला आदि जैसी सामान्य जानकारियां वहां के हर बच्चों को बताया जाता है यहां के बच्चों की सामान्य जानकारी दूसरे स्कूल के जूनियर हाई स्कूल के बच्चों से भी ज्यादा है इस आवासीय स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ चलने रहने अपने कामों को किस तरह से स्वयं करें आदि चीजों की ट्रेनिंग दी जाती है दिव्यांग बच्चों को इस तरीके से इस ट्रेनिंग कैंप इन के माध्यम से तैयार करते हैं ताकि वह किसी भी साधारण स्कूल में या परिषदीय विद्यालय में जहां सामान्य बच्चे पढ़ते हैं वहां पढ़ सके


Conclusion:दिव्यांग बच्चों को इस स्कूल में यह भी भी सिखाया जाता है कि स्वाबलंबी कैसे हो और उन्हें अपने रोजमर्रा के कामों में किसी से मदद ना लेनी पड़े विडंबना यह है कि यहां से ट्रेनिंग ले बच्चे प्राथमिक स्कूलों तक तो पहुंच जाते हैं लेकिन प्राथमिक स्कूलों में इन दिव्यांग बच्चों के लिए किसी भी स्थाई अध्यापक की नियुक्ति न होने के कारण यह आगे नहीं बढ़ पाते हैं
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.