इटावा : एक तरफ जहां सरकार स्वच्छता अभियान का क्रियान्वयन करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं और निर्देश समय-समय पर जारी किए जा रहे हैं. स्वच्छता मिशन के तहत भारत स्वच्छ हो लेकिन उनके ही अधीनस्थ अधिकारी स्वच्छता अभियान के तहत सरकार की मंशा को किस तरह पलीता लगा रहे हैं. इसके लिए जीता-जागता उदाहरण शहर के मुख्य इलाकों पर भी देखे जा सकते हैं.
स्वच्छता के लिए केंद्र व राज्य सरकार वैसे तो प्रचार बहुत कर रही हैं, लेकिन काम धेला भर भी नहीं हुआ है. अब नगर पालिका के दावे कितने सच हैं. यह तो इटावा शहर के नालों और पार्कों की यह तस्वीर ही सब कुछ बयां कर रही है.
- इटावा शहर के सबसे वीवीआईपी इलाके सिविल लाइंस में डीएम जेबी सिंह का आवास है.
- उनके आवास के बगल से निकले नाले का यह हाल है कि यह नाला पिछले छह माह से साफ ही नहीं किया गया है.
- डीएम आवास के बगल के इस नाले की छह माह से सफाई न होने के कारण यह नाला अब चोक हो गया है.
- शहर के वीवीआईपी इलाके सिविल लाइंस के अलावा और भी कई नाले हैं जिनकी सफाई न होने के कारण से इनमें जगह जगह बेसुमार गन्दगी जमा है.
शहर का यह है बूढ़ा पार्क जिसकी सफाई पिछले कई दिनों से नहीं की गई है. लिहाजा यह बुद्धा पार्क कूड़े घर मे तब्दील जो चुका है. स्थानीय लोग तो यहां तक बताते हैे कि गत शनिवार को बुद्ध पूर्णिमा के दिन भी नगर पालिका ने इस पार्क की सफाई नहीं करवाई थी. स्थानीय लोग यह साफ-साफ कहते है कि नगर पालिका प्रशासन शहर की सफाई की ओर ध्यान न देकर सिर्फ अवैध धन कमाई में लगा रहता है.
-प्रदीप शर्मा ,स्थानीय नागरिक
शहर के वीवीआईपी इलाकों के नालों और महापुरुषों के पार्कों की सफाई को लेकर नगर निगम प्रशासन काफी गम्भीर है. शहर में छोटे-बड़े 77 नाले हैं,जिनकी सफाई के लिए नगर पालिका बेहद गम्भीर है. शहर में नालों की सफाई का काम 1 मार्च से चल रहा है और बरसात तक शहर के सभी नाले व पार्क साफ कर दिए जाएंगे.
रामानन्द त्यागी, मुख्य सफाई निरीक्षक