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बस्ती: शुगर मिल के किसानों ने किया चुनाव वहिष्कार, सीएम-डीएम पर लगाया आरोप - धरना

बस्ती में नाराज किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना देते हुए मतदान बहिष्कार की घोषणा कर दी है. इसके बाद चुनाव आयोग के उस जागरूकता अभियान पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं, जिसमें अरबों रुपये खर्च कर लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बात की जा रही है.

धरना
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Published : Apr 2, 2019, 8:45 PM IST

बस्ती: बस्ती में एक बार फिर वाल्टरगंज सुगर मिल का मामला गर्म हो गया है. यहां के सैकड़ों शुगर मिल के कर्मचारी और किसानों ने बकाया भुगतान न होने से नाराज होकर मतदान बहिष्कार का एलान किया है. इस बहिष्कार से इलाके के 66 हजार किसानों पर असर पड़ेगा.

किसानों का अनिश्चितकालीन धरना.

मंगलवार को बस्ती में वाल्टरगंज सुगर मिल के गेट पर धरने में बैठे किसानों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि होली से पहले उनका गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इससे किसानों और मिल के कर्मचारियों के घर में होली की मिठाई तक नहीं आ पाई. उन्होंने कहा की सरकार चाहती तो मिल भी शुरू हो सकती थी और भुगतान भी हो जाता, लेकिन किसान विरोधी झूठी सरकार ने ऐसा नहीं किया.

किसानों ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 66 हजार किसान हैं, अगर एक-एक ने भी मतदान बहिष्कार कर दिया तो 66 हजार लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे. इसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यहां के डीएम राजशेखर ने भी किसानों और श्रमिकों को गुमराह किया. किसानों का करोड़ों बकाया दबाकर बैठे मिल मालिक किसानों को महीनों से गुमराह कर रहे हैं.

किसानों ने बताया कि वाल्टरगंज सुगर मिल पर गन्ना किसानों का 43 करोड़ का बकाया है और मिल कर्मियों का 6 करोड़ का बकाया है. लिविंग रेडियस ग्रुप ने बस्ती की वाल्टरगंज शुगर मिल को हाल ही में बजाज ग्रुप से खरीदा है, लेकिन इस ग्रुप ने भी न तो मिल चालू की और न ही किसानों का भुगतान किया.

वोट बहिष्कार की अगुवाई कर रहे जिला पंचायत सदस्य राम प्रकाश ने कहा कि अब बहुत हो गया है. किसान कब तक ठगा जाता रहेगा, सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हमने धरना दिया, आत्महत्या का प्रयास किया और हाईवे जाम किया, लेकिन शासन-प्रशासन सिर्फ आश्वासन देते आ रही है. इसलिए किसानों ने तय किया है कि इस बार वो अपना वोट किसी को नहीं देगें.

बस्ती: बस्ती में एक बार फिर वाल्टरगंज सुगर मिल का मामला गर्म हो गया है. यहां के सैकड़ों शुगर मिल के कर्मचारी और किसानों ने बकाया भुगतान न होने से नाराज होकर मतदान बहिष्कार का एलान किया है. इस बहिष्कार से इलाके के 66 हजार किसानों पर असर पड़ेगा.

किसानों का अनिश्चितकालीन धरना.

मंगलवार को बस्ती में वाल्टरगंज सुगर मिल के गेट पर धरने में बैठे किसानों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि होली से पहले उनका गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इससे किसानों और मिल के कर्मचारियों के घर में होली की मिठाई तक नहीं आ पाई. उन्होंने कहा की सरकार चाहती तो मिल भी शुरू हो सकती थी और भुगतान भी हो जाता, लेकिन किसान विरोधी झूठी सरकार ने ऐसा नहीं किया.

किसानों ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 66 हजार किसान हैं, अगर एक-एक ने भी मतदान बहिष्कार कर दिया तो 66 हजार लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे. इसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यहां के डीएम राजशेखर ने भी किसानों और श्रमिकों को गुमराह किया. किसानों का करोड़ों बकाया दबाकर बैठे मिल मालिक किसानों को महीनों से गुमराह कर रहे हैं.

किसानों ने बताया कि वाल्टरगंज सुगर मिल पर गन्ना किसानों का 43 करोड़ का बकाया है और मिल कर्मियों का 6 करोड़ का बकाया है. लिविंग रेडियस ग्रुप ने बस्ती की वाल्टरगंज शुगर मिल को हाल ही में बजाज ग्रुप से खरीदा है, लेकिन इस ग्रुप ने भी न तो मिल चालू की और न ही किसानों का भुगतान किया.

वोट बहिष्कार की अगुवाई कर रहे जिला पंचायत सदस्य राम प्रकाश ने कहा कि अब बहुत हो गया है. किसान कब तक ठगा जाता रहेगा, सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हमने धरना दिया, आत्महत्या का प्रयास किया और हाईवे जाम किया, लेकिन शासन-प्रशासन सिर्फ आश्वासन देते आ रही है. इसलिए किसानों ने तय किया है कि इस बार वो अपना वोट किसी को नहीं देगें.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: बस्ती में एक बार फिर वाल्टरगंज सुगर मिल का मामला गर्म हो गया है. यहां के सैकड़ों सुगर मिल के कर्मचारी और किसानों ने बकाया भुगतान न होने से नाराज होकर आज मतदान बहिष्कार का एलान कर दिया. इस बहिष्कार से इलाके के 66 हज़ार किसानो पर असर डालेगा.

दरअसल नाराज किसानों ने अनिश्चित कालीन धरना देते हुए मतदान बहिष्कार की घोषणा कर दी है, जिसके बाद चुनाव आयोग के उस जागरूकता अभियान पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं, जिसमे अरबों रुपए खर्च कर इस लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बात की जा रही है.




Body:बहरहाल बस्ती में वाल्टरगंज सुगर मिल के गेट पर धरने पर बैठे किसानो ने सरकार पर आरोप लगाया उन्हें सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि होली से पहले उनका गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा, मगर ऐसा नही किया गया. जिससे सैंकड़ो किसानों व मिल के कर्मचारियों के घर मे होली की मिठाई तक नही आ पाई.

उन्होंने कहा की सरकार चाहती तो मिल भी शुरू हो सकती थी और भुगतान भी हो जाता लेकिन किसान विरोधी झूठी सरकार ने ऐसा नही किया. किसानों ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 66 हजार किसान हैं, अगर एक-एक नए भी मतदान बहिष्कार कर दिया तो 66 हजार लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे. इसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ेगा. 





Conclusion:किसानों ने बताया कि वाल्टरगंज सुगर मिल पर गन्ना किसानों का 43 करोड़ का बकाया है और मिल कर्मियों का 6 करोड़ का बकाया है. लिविंग रेडियस ग्रुप ने बस्ती की वाल्टरगंज सुगर मिल को हाल ही में बजाज ग्रुप से खरीदा है लेकिन इस ग्रुप ने भी न तो मिल चालू की और न ही किसानों का भुगतान किया.

उन्होंने कहा कि यहां के डीएम राजशेखर ने भी किसानों और श्रमिकों को गुमराह किया. किसानों का करोड़ो बकाया दबाकर बैठे मिल मालिकान किसानों को महीनों से बलगला रहे हैं मगर अब किसानों का सब्र जवाब दे गया है.

वोट बहिष्कार की अगुवाई कर रहे जिला पंचायत सदस्य राम प्रकाश ने कहा कि अब बहुत हो गया है. किसान कब तक ठगा जाता रहेगा, सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हमने धरना दिया, आत्महत्या का प्रयास किया, हाईवे जाम किया लेकिन शासन प्रशासन सिर्फ आश्वासन देता रहा और किसान अपनी बदहाली पर आज भी आंसू बहा रहा. इस बार किसान ने तय किया है कि वो अपने वोट किसी को नही देगा.


बाइट.1- राम प्रकाश चौधरी,,,,,,किसान नेता और जिला पंचायत सदस्य
बाइट.2- हृदय राम वर्मा,किसान नेता
बाइट3- राम मनोहर चौधरी, जिलाध्यक्ष, भाकियू
बाइट4- कमलेश पटेल, मिल श्रमिक प्रतिनिधि

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