लखनऊ: कस्तूरबा गांधी बलिका विद्यालय में फर्जी तरह से नौकरी करने के मामले को लेकर एसटीएफ सक्रिय दिख रही है. शनिवार को एसटीएफ टीमों ने अलीगढ़, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कासगंज, बागपत सहित पूर्वांचल के कई जिलों में छापेमारी की. एसटीएफ को राज नाम के व्यक्ति की तलाश है. पिछले दो दिनों में एसटीएफ ने गिरफ्तार की गई फर्जी शिक्षकों से पूछताछ की थी. जिसमें कई शिक्षकों ने राज नाम का जिक्र किया था. राज ने ही इन शिक्षिकाओं की नौकरी लगाई थी और इसके बदले में पैसा लिया था. राज का नाम सामने आने के बाद अब पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.
बीते दिनों एसटीएफ की एक टीम ने जसवंत नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था, जो फर्जी तौर पर विद्यालय में नौकरी कर रहा था. यह व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विद्यालय में नौकरी कर रहा था. एसटीएफ की पूछताछ में यह बात निकलकर सामने आई थी कि जसवंत राज का भाई है. जिस तरह से गिरफ्तार की गई फर्जी शिक्षिकाएं लगातार राज का नाम ले रही है. इस पूरे प्रकरण के पीछे राज को मास्टरमाइंड माना जा रहा है. एसटीएफ की अब तक की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि राज का असली नाम पुष्पेंद्र है. एसटीएफ पुष्पेंद्र उर्फ राज की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.
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कई फर्जी शिक्षकों को मिलता था आधा मानदेय
गिरफ्तार की गई फर्जी शिक्षिकाओं पूछताछ में यह बात भी निकलकर सामने आई है कि जहां इन फर्जी शिक्षकों को नियुक्ति दिलाने के लिए मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र उर्फ राज मोटी रकम लेता था. वहीं दूसरी ओर इन फर्जी शिक्षकों को मानदेय के तौर पर सिर्फ आधी रकम दी जाती थी. वहीं आधी रकम मास्टरमाइंड खुद रखता था. तमाम शिक्षिकाओं को तो पैसा कैश दिया जाता था और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अकाउंट खोलकर मानदेय उस अकाउंट में क्रेडिट कराया जाता था.
एसटीएफ की नजर विभाग पर भी, अधिकारियों से होगी पूछताछ
जिस तरह से कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फर्जी तरह से शिक्षकों की नियुक्ति का मामला निकलकर सामने आया है. ऐसे में जहां मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र उर्फ राज की एसटीएफ तलाश कर रही है. वहीं दूसरी ओर नियुक्ति करने वाले अधिकारियों पर भी एसटीएफ की नजर है. फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति करने वाले कई विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से जल्द एसटीएफ पूछताछ करेगी.