रायबरेली: सांसद सोनिया गांधी ने लालगंज स्थित रेल कोच कारखाने को निगमीकरण के दायरे में लाने के लिए सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी हैं. संसद से लेकर सड़क तक रेलवे बोर्ड के इस फैसले का विरोध देखने को मिल रहा है. लोकसभा में बड़ा हमला करते हुए सोनिया ने सरकार को पूंजीपतियों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. इसके अलावा इसी मुद्दे पर रायबरेली सांसद होने के नाते रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भी लिखा है. सोनिया गांधी ने सरकार से इस विषय में जानकारी साझा करने की बात कही है.
- क्या कारण रहा कि रेल मंत्रालय द्वारा सबसे पहले निगमीकरण के दायरे में लाने के प्रक्रिया की शुरुआत एमसीएफ रायबरेली से की गई.
- इस चुनाव के पीछे किसी स्वतंत्र और एक्सपर्ट से ली गई राय के विषय में भी जानकारी मांगी है.
- एमसीएफ रायबरेली ने बीते 3 वर्षों में इकाई की निर्माण क्षमता में कुल तीन गुना बढ़ोतरी करते हुए तय क्षमता से अधिक रेल कोच का निर्माण किया है.
- बेहद किफायती दामों में इस फैक्ट्री के अंदर कोच निर्माण किए जाने की बात कही है.
- एमसीएफ समेत भारतीय रेल की तमाम निर्माण इकाईयां को राष्ट्रीय धरोहर करार देते हुए सोनिया ने इनकी संरचना का मुख्य कारण जनहित व जनसरोकार बताया है.
- फैक्ट्री के हजारों वर्कर्स और उनके आश्रितों के हितों पर विपरीत असर पड़ने के बात कहते हुए रेल मंत्री को उनकी रक्षा करने की बात कही है.
- बीएसएनएल, एमटीएनएल एचएएल समेत अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से जुड़ी मुद्दों को भी लिखा है.
- सोनिया ने पीयूष गोयल से तत्काल इस निर्णय को रद्द करने की अपील की है.
- इन इकाई के श्रमिकों और कर्मचारियों के साथ बैठकर इन संस्थानों को विकास को नई ऊंचाई देने के बात पर जोर दिया है.