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रायबरेली: एमसीएफ को लेकर सोनिया गांधी ने लिखा रेल मंत्री को पत्र - soniya gandhi

संसद में एमसीएफ का मुद्दा उठाने के अलावा सोनिया गांधी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. दरअसल रायबरेली के रेल कोच कारखाने का सियासत से लंबे अरसे से नाता रहा है.

सोनिया गांधी (फाइल फोटो).
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Published : Jul 3, 2019, 3:30 PM IST

रायबरेली: सांसद सोनिया गांधी ने लालगंज स्थित रेल कोच कारखाने को निगमीकरण के दायरे में लाने के लिए सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी हैं. संसद से लेकर सड़क तक रेलवे बोर्ड के इस फैसले का विरोध देखने को मिल रहा है. लोकसभा में बड़ा हमला करते हुए सोनिया ने सरकार को पूंजीपतियों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. इसके अलावा इसी मुद्दे पर रायबरेली सांसद होने के नाते रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भी लिखा है. सोनिया गांधी ने सरकार से इस विषय में जानकारी साझा करने की बात कही है.

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सोनिया गांधी ने लिखा रेल मंत्री को पत्र.
सोनिया गांधी ने पत्र में लिखी ये बातें
  • क्या कारण रहा कि रेल मंत्रालय द्वारा सबसे पहले निगमीकरण के दायरे में लाने के प्रक्रिया की शुरुआत एमसीएफ रायबरेली से की गई.
  • इस चुनाव के पीछे किसी स्वतंत्र और एक्सपर्ट से ली गई राय के विषय में भी जानकारी मांगी है.
  • एमसीएफ रायबरेली ने बीते 3 वर्षों में इकाई की निर्माण क्षमता में कुल तीन गुना बढ़ोतरी करते हुए तय क्षमता से अधिक रेल कोच का निर्माण किया है.
  • बेहद किफायती दामों में इस फैक्ट्री के अंदर कोच निर्माण किए जाने की बात कही है.
  • एमसीएफ समेत भारतीय रेल की तमाम निर्माण इकाईयां को राष्ट्रीय धरोहर करार देते हुए सोनिया ने इनकी संरचना का मुख्य कारण जनहित व जनसरोकार बताया है.
  • फैक्ट्री के हजारों वर्कर्स और उनके आश्रितों के हितों पर विपरीत असर पड़ने के बात कहते हुए रेल मंत्री को उनकी रक्षा करने की बात कही है.
  • बीएसएनएल, एमटीएनएल एचएएल समेत अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से जुड़ी मुद्दों को भी लिखा है.
  • सोनिया ने पीयूष गोयल से तत्काल इस निर्णय को रद्द करने की अपील की है.
  • इन इकाई के श्रमिकों और कर्मचारियों के साथ बैठकर इन संस्थानों को विकास को नई ऊंचाई देने के बात पर जोर दिया है.

रायबरेली: सांसद सोनिया गांधी ने लालगंज स्थित रेल कोच कारखाने को निगमीकरण के दायरे में लाने के लिए सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी हैं. संसद से लेकर सड़क तक रेलवे बोर्ड के इस फैसले का विरोध देखने को मिल रहा है. लोकसभा में बड़ा हमला करते हुए सोनिया ने सरकार को पूंजीपतियों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. इसके अलावा इसी मुद्दे पर रायबरेली सांसद होने के नाते रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भी लिखा है. सोनिया गांधी ने सरकार से इस विषय में जानकारी साझा करने की बात कही है.

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सोनिया गांधी ने लिखा रेल मंत्री को पत्र.
सोनिया गांधी ने पत्र में लिखी ये बातें
  • क्या कारण रहा कि रेल मंत्रालय द्वारा सबसे पहले निगमीकरण के दायरे में लाने के प्रक्रिया की शुरुआत एमसीएफ रायबरेली से की गई.
  • इस चुनाव के पीछे किसी स्वतंत्र और एक्सपर्ट से ली गई राय के विषय में भी जानकारी मांगी है.
  • एमसीएफ रायबरेली ने बीते 3 वर्षों में इकाई की निर्माण क्षमता में कुल तीन गुना बढ़ोतरी करते हुए तय क्षमता से अधिक रेल कोच का निर्माण किया है.
  • बेहद किफायती दामों में इस फैक्ट्री के अंदर कोच निर्माण किए जाने की बात कही है.
  • एमसीएफ समेत भारतीय रेल की तमाम निर्माण इकाईयां को राष्ट्रीय धरोहर करार देते हुए सोनिया ने इनकी संरचना का मुख्य कारण जनहित व जनसरोकार बताया है.
  • फैक्ट्री के हजारों वर्कर्स और उनके आश्रितों के हितों पर विपरीत असर पड़ने के बात कहते हुए रेल मंत्री को उनकी रक्षा करने की बात कही है.
  • बीएसएनएल, एमटीएनएल एचएएल समेत अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से जुड़ी मुद्दों को भी लिखा है.
  • सोनिया ने पीयूष गोयल से तत्काल इस निर्णय को रद्द करने की अपील की है.
  • इन इकाई के श्रमिकों और कर्मचारियों के साथ बैठकर इन संस्थानों को विकास को नई ऊंचाई देने के बात पर जोर दिया है.
Intro:रायबरेली:संसद में एमसीएफ का मुद्दा उठाने के अलावा सोनिया ने लिखा रेल मंत्री को खत

रायबरेली:लोकसभा में सदन के पटल पर एमसीएफ का मुद्दा उठाने के साथ सोनिया के लिखा पीयूष गोयल को खत

03 जुलाई 2019 - रायबरेली

संप्रग अध्यक्ष व रायबरेली सांसद सोनिया गांधी ने लालगंज स्थित रेल कोच कारखाने को निगमीकरण के दायरे में लाने के रेलवे बोर्ड के निर्णय को लेकर सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी है।संसद से लेकर सड़क तक रेलवे बोर्ड के इस फैसले का विरोध देखने को मिल रहा है।लोकसभा में बड़ा हमला करते हुए सोनिया ने सरकार को पूंजीपतियों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाने के अलावा इसी मुद्दे पर रायबरेली सांसद होने के नाते रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भी लिखा है।मॉडर्न कोच फैक्ट्री के निगमीकरण के दायरे में लाने के इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए सोनिया ने रेल मंत्री से सरकार की इस मंशा के पीछे क्या कारण है उस विषय में जानकारी साझा करने की बात कही है।






Body:रायबरेली के रेल कोच कारखाने का सियासत से लंबे अरसे से नाता रहा है।रेलवे बोर्ड द्वारा भारतीय रेल के मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को निगमीकरण के दायरे में लेकर आने के इस निर्णय पर सवालिया निशान लागते हुए सोनिया ने इस निष्कर्ष पर आने से पहले कर्मचारियों यूनियन व श्रमिकों से हुई बातचीत के विषय मे भी जानकारी मांगी है।

दरअसल पीयूष गोयल को लिखे गए पत्र में सोनिया ने मुख्यतः 3 सवाल रेल मंत्री के सामने रखे है।

1. क्या कारण रहा कि रेल मंत्रालय द्वारा सबसे पहले निगमीकरण के दायरे में लाने के प्रक्रिया की शुरुआत एमसीएफ रायबरेली से की गई? इस चुनाव के पीछे किसी स्वतंत्र व एक्सपर्ट से ली गई राय के विषय में भी जानकारी मांगी है?

2.एमसीएफ रायबरेली ने बीते 3 वर्षों में इकाई की निर्माण क्षमता में कुल तीन गुनी बढ़ोतरी करते हुए तय क्षमता से अधिक रेल कोच का निर्माण किया है।बेहद किफायती दामों में इस फैक्ट्री के अंदर कोच निर्माण किए जाने की बात कहते हुए सोनिया ने इस निगमीकरण के प्रस्ताव से आखिर रेल मंत्रालय द्वारा कुल कितना लाभांश हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है इस संबंध में जानकारी मांगी है।

3.एमसीएफ समेत भारतीय रेल की तमाम निर्माण इकाईयां को राष्ट्रीय धरोहर करार देते हुए सोनिया ने इनकी संरचना का मुख्य कारण जनहित व जनसरोकार बताया है,मंत्रालय द्वारा लाभांश बढ़ाने के फेर में इसके अस्तित्व पर खतरा और स्थापना के मूल लक्ष्य की भटकाव का अंदेशा जताते हुए सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया है।




Conclusion:इस निर्णय से फैक्ट्री के हज़ारों वर्कर्स व उनके आश्रितों के हितों पर विपरीत असर पड़ने के बात कहते हुए रेल मंत्री को उनकी रक्षा करने की बात भी कही है।साथ ही बीएसएनएल, एमटीएनएल व एचएएल समेत अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के हश्र की याद दिलाते हुए सोनिया में पीयूष गोयल से तत्काल इस निर्णय को रद्द करने की अपील करते हुए इन इकाई के श्रमिकों व कर्मचारियों के साथ मिल बैठकर इन संस्थानों को विकास को नई ऊंचाई देने के बात पर जोर दिया है।



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प्रणव कुमार - 7000024034
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