लखनऊ: प्रदेश सरकार के सचिवालय में इन दिनों असंतोष की बयार बह रही है. मंगलवार की दोपहर उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के बैनर तले सहायक समीक्षा अधिकारी और अन्य कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान इन लोगों ने अपने लिए इंसाफ की गुहार लगाई. इनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें.
सहायक समीक्षा अधिकारी व अन्य कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन:
- विधान भवन स्थित सचिवालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सचिवालय कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची नियमों को मनमाने तरीके से बदलने का आरोप लगाया.
- कर्मचारियों ने बताया कि जिस तरह से वरिष्ठता सूची तैयार की जा रही है, उसके अनुसार जो लोग 40 सालों से सचिवालय में नौकरी कर रहे हैं.
- वह 20 साल पहले नौकरी शुरू करने वालों से जूनियर हो जाएंगे.
- जिन कर्मचारियों को सचिवालय सेवा में 1990 के दौरान नियमित किया गया है, वह 1997 में भर्ती होने वाले कर्मचारियों से कनिष्ठ हो जाएंगे.
- सैकड़ों कर्मचारियों को उनके हित से वंचित किया जा रहा है.
- हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के एकल बेंच के आदेश को कर्मचारियों ने कोर्ट में चुनौती भी दे रखी है.
- इस बारे में तीन विशेष अपील दाखिल की गई है, जिनमें लगभग 90% सुनवाई पूरी हो चुकी है.
- इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा गया है और उनसे गुहार लगाई गई है कि वह खुद दखल देकर कर्मचारियों को इंसाफ दें.
सहायक समीक्षा अधिकारी के विवादित जेष्ठता सूची 28 मई 2018 के आधार पर तैयार की जा रही है. इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की एकल बेंच के आदेश को आधार मानकर तैयार किया जा रहा है. जबकि हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने 8 मई 2015 को जो आदेश दिया है, उसे नहीं माना जा रहा है. इससे वरिष्ठता सूची में विरोधाभास उत्पन्न हो रहा है.
-ओंकार नाथ तिवारी, सचिव, उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ