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लखनऊ: ज्येष्ठता सूची को लेकर भड़के सचिवालय कर्मी, मुख्यमंत्री से मांगा इंसाफ - मुख्यमंत्री योगी से मांगा इंसाफ

राजधानी लखनऊ में मंगलवार को समीक्षा अधिकारी और अन्य कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी से इंसाफ की गुहार लगाई.

सचिवालय कर्मियों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Jun 25, 2019, 10:07 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार के सचिवालय में इन दिनों असंतोष की बयार बह रही है. मंगलवार की दोपहर उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के बैनर तले सहायक समीक्षा अधिकारी और अन्य कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान इन लोगों ने अपने लिए इंसाफ की गुहार लगाई. इनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें.

सचिवालय कर्मियों ने किया प्रदर्शन.

सहायक समीक्षा अधिकारी व अन्य कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन:

  • विधान भवन स्थित सचिवालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सचिवालय कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची नियमों को मनमाने तरीके से बदलने का आरोप लगाया.
  • कर्मचारियों ने बताया कि जिस तरह से वरिष्ठता सूची तैयार की जा रही है, उसके अनुसार जो लोग 40 सालों से सचिवालय में नौकरी कर रहे हैं.
  • वह 20 साल पहले नौकरी शुरू करने वालों से जूनियर हो जाएंगे.
  • जिन कर्मचारियों को सचिवालय सेवा में 1990 के दौरान नियमित किया गया है, वह 1997 में भर्ती होने वाले कर्मचारियों से कनिष्ठ हो जाएंगे.
  • सैकड़ों कर्मचारियों को उनके हित से वंचित किया जा रहा है.
  • हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के एकल बेंच के आदेश को कर्मचारियों ने कोर्ट में चुनौती भी दे रखी है.
  • इस बारे में तीन विशेष अपील दाखिल की गई है, जिनमें लगभग 90% सुनवाई पूरी हो चुकी है.
  • इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा गया है और उनसे गुहार लगाई गई है कि वह खुद दखल देकर कर्मचारियों को इंसाफ दें.

सहायक समीक्षा अधिकारी के विवादित जेष्ठता सूची 28 मई 2018 के आधार पर तैयार की जा रही है. इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की एकल बेंच के आदेश को आधार मानकर तैयार किया जा रहा है. जबकि हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने 8 मई 2015 को जो आदेश दिया है, उसे नहीं माना जा रहा है. इससे वरिष्ठता सूची में विरोधाभास उत्पन्न हो रहा है.
-ओंकार नाथ तिवारी, सचिव, उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ

लखनऊ: प्रदेश सरकार के सचिवालय में इन दिनों असंतोष की बयार बह रही है. मंगलवार की दोपहर उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के बैनर तले सहायक समीक्षा अधिकारी और अन्य कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान इन लोगों ने अपने लिए इंसाफ की गुहार लगाई. इनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें.

सचिवालय कर्मियों ने किया प्रदर्शन.

सहायक समीक्षा अधिकारी व अन्य कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन:

  • विधान भवन स्थित सचिवालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सचिवालय कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची नियमों को मनमाने तरीके से बदलने का आरोप लगाया.
  • कर्मचारियों ने बताया कि जिस तरह से वरिष्ठता सूची तैयार की जा रही है, उसके अनुसार जो लोग 40 सालों से सचिवालय में नौकरी कर रहे हैं.
  • वह 20 साल पहले नौकरी शुरू करने वालों से जूनियर हो जाएंगे.
  • जिन कर्मचारियों को सचिवालय सेवा में 1990 के दौरान नियमित किया गया है, वह 1997 में भर्ती होने वाले कर्मचारियों से कनिष्ठ हो जाएंगे.
  • सैकड़ों कर्मचारियों को उनके हित से वंचित किया जा रहा है.
  • हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के एकल बेंच के आदेश को कर्मचारियों ने कोर्ट में चुनौती भी दे रखी है.
  • इस बारे में तीन विशेष अपील दाखिल की गई है, जिनमें लगभग 90% सुनवाई पूरी हो चुकी है.
  • इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा गया है और उनसे गुहार लगाई गई है कि वह खुद दखल देकर कर्मचारियों को इंसाफ दें.

सहायक समीक्षा अधिकारी के विवादित जेष्ठता सूची 28 मई 2018 के आधार पर तैयार की जा रही है. इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की एकल बेंच के आदेश को आधार मानकर तैयार किया जा रहा है. जबकि हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने 8 मई 2015 को जो आदेश दिया है, उसे नहीं माना जा रहा है. इससे वरिष्ठता सूची में विरोधाभास उत्पन्न हो रहा है.
-ओंकार नाथ तिवारी, सचिव, उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ

Intro:लखनऊ. प्रदेश सरकार के सचिवालय में इन दिनों असंतोष की बयार बह रही है. मंगलवार की दोपहर उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के बैनर तले सहायक समीक्षा अधिकारी व अन्य कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर अपने लिए इंसाफ की गुहार लगाई और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें.


Body:विधान भवन स्थित सचिवालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सचिवालय कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची नियमों को मनमाने तरीके से बदलने का आरोप लगाया. कर्मचारियों ने बताया कि जिस तरह से वरिष्ठता सूची तैयार की जा रही है उसके अनुसार जो लोग 40 सालों से सचिवालय में नौकरी कर रहे हैं वह 20 साल पहले नौकरी शुरू करने वालों से जूनियर हो जाएंगे. जिन कर्मचारियों को सचिवालय सेवा में 1990 के दौरान नियमित किया गया है वह 19 97 में भर्ती होने वाले कर्मचारियों से कनिष्ठ हो जाएंगे. उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के सचिव ओंकार नाथ तिवारी ने बताया सहायक समीक्षा अधिकारी के विवादित जेष्ठता सूची 28 मई 2018 के आधार पर तैयार की जा रही है इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की एकल बेंच के आदेश को आधार मानकर तैयार किया जा रहा है जबकि हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने 8 मई 2015 को जो आदेश दिया है उसे नहीं माना जा रहा है. इससे वरिष्ठता सूची में विरोधाभास उत्पन्न हो रहा है और सैकड़ों कर्मचारियों को उनके हित से वंचित किया जा रहा है. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के एकल बेंच के आदेश को कर्मचारियों ने कोर्ट में चुनौती भी दे रखी है इस बारे में तीन विशेष अपील दाखिल की गई हैं जिनमें लगभग 90% सुनवाई पूरी हो चुकी है. ऐसे में सचिवालय प्रशासन से बार-बार अनुरोध किया जा रहा है कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता है तब तक एकल पीठ के आदेश के अनुपालन में पदोन्नति ना दी जाए इससे वरिष्ठ कर्मियों का हित प्रभावित होगा उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा गया है और उनसे गुहार लगाई गई है कि वह खुद दखल देकर कर्मचारियों को इंसाफ दे.

बाइट .ओंकार नाथ तिवारी सचिव उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ


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