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कन्नौज : वोटर्स पार्टी के नेता ने अखिलेश यादव पर लगाया गंभीर आरोप

कन्नौज जिले में पहुंचे वोटर्स पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सादेश अली मशीह ने पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है.

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Published : Mar 1, 2019, 1:27 PM IST

सादेश अली मशीह ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना.

कन्नौज : वोटर्स पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सादेश अली मशीह ने सपा पार्टी सुप्रीमों अखिलेश यादव पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व सीएम ने उनके साथ लोकसभा उपचुनाव 2012 में छल किया है. उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में अखिलेश यादव को इसका जवाब देना पड़ेगा.

सादेश अली मशीह ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना.

सादेश अली मशीह ने कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री बने थे, तब उनसे प्रदेश में वोटर पार्टी ने वोटर पेंशन का कानून बनाकर उन्हें पेंशन दिलाए जाने की मांग की थी, लेकिन वोटर्स पार्टी की इस बात को अखिलेश सरकार नहीं मानते हुए दरकिनार कर दिया. जिसको लेकर वोटर्स पार्टी ने अखिलेश को आगामी चुनाव में इसका जवाब देने की ठान ली है.

सादेश अली मशीह ने कहा कि इस घटना के बाद उन्होंने यादव शब्द अपने नाम से हटा दिया. जिसके बाद उन्होंने अपना नाम 'सादेश यादव' से बदलकर सादेश अली मशीह कर लिया.

यूपी के कन्नौज की लोकसभा सीट को अखिलेश यादव के छोड़ने के बाद उनकी पत्नी डिंपल यादव ने इस सीट से चुनाव लड़ा था और सांसद बनी थीं. वहीं 2012 के लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव के खिलाफ खड़े होने वाले प्रत्याशियों ने अखिलेश यादव पर समर्थकों सहित अपहरण किए जाने का आरोप लगाया गया है.

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कन्नौज : वोटर्स पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सादेश अली मशीह ने सपा पार्टी सुप्रीमों अखिलेश यादव पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व सीएम ने उनके साथ लोकसभा उपचुनाव 2012 में छल किया है. उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में अखिलेश यादव को इसका जवाब देना पड़ेगा.

सादेश अली मशीह ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना.

सादेश अली मशीह ने कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री बने थे, तब उनसे प्रदेश में वोटर पार्टी ने वोटर पेंशन का कानून बनाकर उन्हें पेंशन दिलाए जाने की मांग की थी, लेकिन वोटर्स पार्टी की इस बात को अखिलेश सरकार नहीं मानते हुए दरकिनार कर दिया. जिसको लेकर वोटर्स पार्टी ने अखिलेश को आगामी चुनाव में इसका जवाब देने की ठान ली है.

सादेश अली मशीह ने कहा कि इस घटना के बाद उन्होंने यादव शब्द अपने नाम से हटा दिया. जिसके बाद उन्होंने अपना नाम 'सादेश यादव' से बदलकर सादेश अली मशीह कर लिया.

यूपी के कन्नौज की लोकसभा सीट को अखिलेश यादव के छोड़ने के बाद उनकी पत्नी डिंपल यादव ने इस सीट से चुनाव लड़ा था और सांसद बनी थीं. वहीं 2012 के लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव के खिलाफ खड़े होने वाले प्रत्याशियों ने अखिलेश यादव पर समर्थकों सहित अपहरण किए जाने का आरोप लगाया गया है.

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Intro:अखिलेश पर लगे गम्भीर आरोप : अपनी पत्नी डिंपल यादव को कन्नौज से चुनाव लड़ाने के लिए कर डाला था यह अपराध

पिछले लोकसभा चुनाव में डिंपल के विरोध में खड़े होने की मिली थी यह सजा, सीबीआई कर रही है जांच

अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री बने थे , तब उनसे देश में वोटर पेंशन का कानून बनाकर उन्हें पेंशन दिलाए जाने की मांग वोटर्स पार्टी के लोगों ने की थी । यह बात वोटर्स पार्टी के लोगों की अखिलेश सरकार ने नहीं मानी, जिसको लेकर वोटर पार्टी ने अखिलेश को चुनाव में इसका जवाब देने की ठान ली । लोकसभा चुनाव 2012 के दौरान उस समय के मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के विरोध में वोटर्स पार्टी ने अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने की ठान ली। जब कलेक्ट्रेट में नामांकन के लिए वोटर पार्टी का प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे तो समर्थकों सहित वहां से अपहरण किए जाने का आरोप समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित अखिलेश यादव पर लगा। जिसकी सीबीसीआईडी जांच योगी सरकार में चल रही है क्या है पूरा मामला आइए देखते हैं कन्नौज से यह एक्सक्लूसिव और स्पेशल रिपोर्ट।


Body:यूपी के कन्नौज की लोकसभा सीट को अखिलेश यादव के छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल को इस सीट से चुनाव लड़ा कर यहां के सांसद बनाया था, लेकिन डिंपल को इस कन्नौज सीट से सांसद बनाए जाने के लिए अखिलेश यादव को कितने पापड़ बेलने पड़े थे इसका खुलासा उस समय हुआ जब अखिलेश का मुख्यमंत्री पद चला गया और प्रदेश में योगी सरकार का राज आया । भाजपा सरकार बनते ही अखिलेश के कारनामे उजागर होने लगे और सबसे बड़ा कारनामा जो आप के सामने आया है बेहद चौका देने वाला है । इस मामले में 2012 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव के खिलाफ खड़े होने वाले प्रत्याशी को उनके समर्थकों सहित अपहरण किए जाने का आरोप लगाया गया है । यह मामला उस समय हुआ था जब कलेक्ट्रेट परिसर में लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन दाखिल किए जा रहे थे, और इस तरह से कोई भी डिम्पल के विरोध में नामांकन दाखिल न कर सका, जिससे डिम्पल इस लोकसभा चुनाव की निर्विरोध सांसद चुन ली गयी। लेकिन इस पूरे मामले की शिकायत होने पर अब इस मामले की जांच सीबी सीआईडी को दी गई । जिसके बाद जांच में आरोप लगाने वाले लोगों से पूछताछ चल रही है।


Conclusion:उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव सहित उस समय के कन्नौज में मौजूद अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कराया गया यह अपरण कांड अब आगे अखिलेश की मुसीबत बनता जा रहा है। वोटर्स पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री बने थे, तब यह हम लोगों ने सोचा था कि हम लोग अखिलेश जी से कहेंगे कि जब भारत की संसद में यह प्रस्ताव चला गया है, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते आप एक चिट्ठी लिख दो कि देश के वोटरों को वोटर पेंशन का कानून जो संसद में बन रहा है वह पैसा दिया जाए । इसका वह समर्थन कर दें। केवल इतनी सी ही बात थी। इतनी सी बात को लेकर हम लोगों ने पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता लगाकर गांव-गांव तक गए। जनता को बताया और कहा कि मुख्यमंत्री जी इतनी सी बात मान लें । लेकिन मुख्यमंत्री जी इस बात को मानना तो दूर है उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव की यहां से घोषणा कर दी , जिसके बाद वोटर्स पार्टी ने भी चुनाव में मुख्यमंत्री को जवाब देने के लिए अपना प्रत्याशी उतारा। प्रभात पांडे को लोकसभा प्रत्याशी बनाने के लिए जब कलेक्ट्रेट पहुंचे तो मेरा अपहरण कर लिया गया उसी दिन से मैंने यादव अपने नाम से शब्द हटा दिया मेरा नाम सादेश यादव था जिसके बाद मैंने सादेश अली मशीह टाइटल कर दिया। उन्होंने आगे बताया की पत्नी चुनाव लड़ रही थी तो पति को जितना कुछ करना चाहिए था उन्होंने किया । उस समय अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे उनके इशारे पर सब कुछ किया गया। उस समय वहां के कलेक्टर एसपी और कोतवाल सहित पूर्व ब्लाक प्रमुख व सांसद प्रतिनिधि नवाब सिंह यादव सहित 500 सपा समर्थकों ने कलेक्ट्रेट परिसर से ही हम लोगों को अपहरण कराया। जिसका सीबीसीआईडी में आज भी मुकदमा चल रहा है । पूरी फाइल को समय दबाकर रखा गया था जब योगी की सरकार आई ।तब कार्रवाई चालू हुई है

बाइट - सादेश अली मशीह - वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष वोटर्स पार्टी
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