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बाराबंकी शराब कांड: पूर्व डीजीपी ने कहा, 'अधिकारियों की लापरवाही से होते हैं ऐसे हादसे'

यूपी में एक बार फिर जहरीली शराब के चलते कई लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. यूपी में बार-बार हो रहे ऐसे हादसों से कहीं न कहीं प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल.
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Published : May 29, 2019, 11:37 AM IST

लखनऊ: राज्य में जहरीली शराब से मौत पर लगाम लगता नहीं दिख रहा. ताजा मामला बाराबंकी से सामने आया है जहां अभी तक 14 लोगों की जान जहरीली शराब ने ले ली है. राज्य के पूर्व डीजीपी का मानना है कि अगर प्रशासन सख्त रवैया अपनाता तो ऐसे हादसे नहीं हो पाते. उनके मुताबिक सरकार को इस मामले में ठोस कदम उठाने चाहिए.

ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल.

प्रशासन की लापरवाही है जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने ईटीवी भारत को बताया कि अवैध शराब के कारोबार के पीछे सीधे तौर पर अधिकारियों का भ्रष्टाचार जिम्मेदार है. इनकी लापरवाही के चलते ही ऐसे अवैध धंधे चलते रहते हैं.

सरकार को उठाना चाहिए ठोस कदम
पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल का कहना है कि सरकार को इस पर कोई ठोस कदम उठाना ही होगा. केवल निलंबन जैसी प्रक्रियायों से काम नहीं चलने वाला है. जब तक सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे.

लखनऊ: राज्य में जहरीली शराब से मौत पर लगाम लगता नहीं दिख रहा. ताजा मामला बाराबंकी से सामने आया है जहां अभी तक 14 लोगों की जान जहरीली शराब ने ले ली है. राज्य के पूर्व डीजीपी का मानना है कि अगर प्रशासन सख्त रवैया अपनाता तो ऐसे हादसे नहीं हो पाते. उनके मुताबिक सरकार को इस मामले में ठोस कदम उठाने चाहिए.

ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल.

प्रशासन की लापरवाही है जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने ईटीवी भारत को बताया कि अवैध शराब के कारोबार के पीछे सीधे तौर पर अधिकारियों का भ्रष्टाचार जिम्मेदार है. इनकी लापरवाही के चलते ही ऐसे अवैध धंधे चलते रहते हैं.

सरकार को उठाना चाहिए ठोस कदम
पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल का कहना है कि सरकार को इस पर कोई ठोस कदम उठाना ही होगा. केवल निलंबन जैसी प्रक्रियायों से काम नहीं चलने वाला है. जब तक सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे.

Intro:एंकर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अवैध शराब और जहरीली शराब का कारोबार और लोगों की होने वाली मौत के पीछे अगर कोई जिम्मेदार है तो वह अफसरों का भ्रष्टाचार है। गांव गांव में बनने वाली कच्ची शराब को अगर कोई संरक्षण दे रहा है स्थानीय स्तर पर पुलिस महकमे और आबकारी विभाग के अफसरों की तरफ से दिया जा रहा है और कच्ची शराब बनाने वाले छोटे दुकानदार बिना अनुभव के शराब बनाते हैं और फिर उसे देसी शराब के दुकानदारों के यहां मिलीभगत भ्रष्टाचार करके आपूर्ति कर देते थे और फिर यह पूरा कारोबार दौड़ पड़ता है।




Body:वीओ
जानकार बताते हैं कि कच्ची शराब बनाने वाले लोग बिना अनुभव के शराब बनाते हैं और शराब को अधिक नशीला और उसमें तीव्रता अधिक होने के लिए उसमें यूरिया नौसादर केमिकल मिलाते हैं जिससे वह व्यक्ति के बाद अधिक न सके यही नहीं बनाते समय उसमें कुछ जहरीले छोटे पंछी भी गिर जाते हैं जिनका उसमें समाहित हो जाता है और फिर यह शराब मिलने के बाद तमाम तरह की दुर्घटना करता है।
आबकारी विभाग के अधिकारी फील्ड स्तर पर सक्रिय नहीं रहते सिर्फ उनका कमीशन बना रहता है और वह क्षेत्र का दौरा नहीं करते आपकारी विभाग की जो पुलिसिंग है वह भी सकरी नहीं रहती ऐसे में इस प्रकार की घटनाएं होना स्वाभाविक हो जाता है जब घटना होती है तो खानापूर्ति के लिए सरकार के स्तर पर कुछ कार्यवाही कर दी जाती है और फिर हमेशा की तरह उनकी बहाली भी हो जाती है लेकिन काफी संख्या में लोगों की मौत किसी को झकझोर नहीं पाती जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो सके।

बाईट
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि शराब कारोबार के पीछे सीधे तौर पर अधिकारियों का भ्रष्टाचार जिम्मेदार है और बिना इनकी संलिप्तता और संरक्षण के यह काम नहीं हो सकता सरकार को इस दिशा में काम करना रहता है सरकार आने वाले समय में कठोर कार्यवाही करेगी वह बताते हैं कि जब वह इस विभाग के विभिन्न पदों पर रहे हैं तो अपने अधीनस्थ अफसरों से यह सर्टिफिकेट भी लेते रहे हैं कि कहीं पर कोई घटना होने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और औचक निरीक्षण पर कच्ची शराब अवैध शराब बनाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी करते रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में ढाई साल में करीब 300 लोगों की मौत अलग-अलग जिलों में हुई घटनाओं में हो चुकी है कुशीनगर सहारनपुर कानपुर देहात बाराबंकी आजमगढ़ बांदा फतेहपुर देवरिया कुशीनगर सहित तमाम जिलों में इस प्रकार की घटनाएं हुई है सरकार फौरी तौर पर कार्यवाही के लिए कुछ अफसरों को निलंबित करके इतिश्री कर लेती है लेकिन जब तक बड़ी कार्यवाही और स्थानीय स्तर पर अफसरों के भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाई जाएगी तब तक ऐसी घटनाएं होंगी और लोगों की जाने जाती रहेंगी।




Conclusion:
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