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स्वच्छ और सुंदर अस्पतालों के लिए सरकारी प्रयासों पर जनता लगा रही पलीता

स्वच्छ और साफ अस्पतालों के लिए सरकार दिन रात मेहनत कर रही है. कई योजनाएं चला कर सफाई करने के लिए लोगों को जागरूक भी कर रही है. लेकिन इसके बावजूद भी जागरूकता की कमी के कारण लोग अस्पताल में गंदगी फैला रहे हैं.

barabanki district hospital
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Published : Mar 1, 2019, 9:39 AM IST

बाराबंकी: केंद्र और प्रदेश सरकार का पूरा जोर सफाई व्यवस्था को लेकर है. सरकारी कार्यालयों से लेकर अस्पताल और बस अड्डों पर भी सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार ईटीवी भारत जिला अस्पताल में सफाई का जायजा लिया कि क्या वाकई जो दावा किया जा रहा है, वह हवा हवाई तो नहीं.

जिला अस्पताल में स्वच्छता की जांच.


टीम ने अपनी पड़ताल में जब मरीजों के परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि सफाई व्यवस्था से वह संतुष्ट है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि आने जाने वाले लोगों को इस बात का ध्यान नहीं है. जिसके कारण वह गंदगी फैलाते हैं. लोगों में जागरूकता की कमी के कारण लोग आस-पास गंदगी फैलाते हैं. अस्पताल प्रशासन स्वच्छता को लेकर जागरूक है, लेकिन पब्लिक इस दिशा में उनके इस प्रयास को गंदगी करके विफल कर देती है.


वहीं इस मामले में जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.के सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि, सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोगों में जागरूकता भी फैलाई जा रही है. आने वाले समय में इस को और प्रभावी तरीके से किया जाएगा. ताकि लोगों की समाज को डेवलप किया जा सके. यही बात महिला अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आभा आशुतोष ने भी हमें बताइए की स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता नहीं है. जबकि कई बार कार्यक्रमों के माध्यम से हमेशा मरीजों के परिजनों को यह बताया जाता है कि कचरे को हमेशा कूड़ेदान में ही डालिए. लेकिन कुछ लोग इस को फॉलो नहीं करते जिससे बार-बार सफाई करनी पड़ती है.

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बाराबंकी: केंद्र और प्रदेश सरकार का पूरा जोर सफाई व्यवस्था को लेकर है. सरकारी कार्यालयों से लेकर अस्पताल और बस अड्डों पर भी सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार ईटीवी भारत जिला अस्पताल में सफाई का जायजा लिया कि क्या वाकई जो दावा किया जा रहा है, वह हवा हवाई तो नहीं.

जिला अस्पताल में स्वच्छता की जांच.


टीम ने अपनी पड़ताल में जब मरीजों के परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि सफाई व्यवस्था से वह संतुष्ट है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि आने जाने वाले लोगों को इस बात का ध्यान नहीं है. जिसके कारण वह गंदगी फैलाते हैं. लोगों में जागरूकता की कमी के कारण लोग आस-पास गंदगी फैलाते हैं. अस्पताल प्रशासन स्वच्छता को लेकर जागरूक है, लेकिन पब्लिक इस दिशा में उनके इस प्रयास को गंदगी करके विफल कर देती है.


वहीं इस मामले में जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.के सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि, सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोगों में जागरूकता भी फैलाई जा रही है. आने वाले समय में इस को और प्रभावी तरीके से किया जाएगा. ताकि लोगों की समाज को डेवलप किया जा सके. यही बात महिला अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आभा आशुतोष ने भी हमें बताइए की स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता नहीं है. जबकि कई बार कार्यक्रमों के माध्यम से हमेशा मरीजों के परिजनों को यह बताया जाता है कि कचरे को हमेशा कूड़ेदान में ही डालिए. लेकिन कुछ लोग इस को फॉलो नहीं करते जिससे बार-बार सफाई करनी पड़ती है.

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Intro:बाराबंकी के जिला अस्पताल में स्वच्छता का जायजा लेने के लिए हम पहुंचे जहां पर हमने वार्ड के शौचालय को देखा जो साफ सफाई में ठीक दिखाई दिए लेकिन कुछ ऐसे शौचालय भी मिले जिनके दरवाजे और शीशे टूटे हुए थे मरीजों के साथ जो उनके परिजन थे उनकी यह शिकायत थी कि जो लोग यहां आते हैं वह लोग ज्यादा गंदगी करते हैं और उनमें सफाई को लेकर समझ ना होने के कारण गंदगी फैलाते हैं महिला चिकित्सालय में भी सफाई को लेकर व्यवस्था हमारे पड़ताल के दौरान ठीक मिली लेकिन वहां भी यही समस्या है कि लोगों में जागरूकता की कमी है जिसके कारण बार-बार सफाई करनी पड़ती है ।
स्वच्छता को लेकर अस्पताल के अधीक्षक जागरूक तो है लेकिन लोगों में डस्टबिन को लेकर जागरूकता नहीं है जिसके कारण कूड़ा कचरा इधर-उधर फेंक देते हैं जिससे स्वच्छता के इस अभियान को धक्का लगता है।


Body: अपनी पड़ताल में हमने मरीजों के परिजनों से बात की जिन्होंने बताया की सफाई व्यवस्था से वह संतुष्ट है लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि आने जाने वाले लोगों को इस बात का ध्यान नहीं है जिसके कारण वह गंदगी फैलाते हैं, हमें कुलदीप कुमार के पिता उत्तम कुमार मिले जिन्होंने बताया कि साफ सफाई की व्यवस्था तो ठीक है लेकिन बाहर के लोग आकर शौचालयों को गंदा कर देते हैं जिसके लिए उन्हें ऐसे लोगों से बहस करनी पड़ती है ठीक यही बात मनीषा चौहान जिनके भाई वार्ड में धरती है उन्होंने भी कहा कि जो लोग हैं वह साफ सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं अस्पताल प्रशासन स्वच्छता को लेकर जागरूक है लेकिन पब्लिक इस दिशा में उनके इस प्रयास को गंदगी करके विफल कर देती है।
हमने अपनी पड़ताल में जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस के सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है और लोगों में जागरूकता भी फैलाई जा रही है और आने वाले समय में इस को और प्रभावी तरीके से किया जाएगा ताकि लोगों की समाज को डेवलप किया जा सके और यही बात महिला अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ आभा आशुतोष ने भी हमें बताइए की स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता नहीं है जबकि कई बार कार्यक्रमों के द्वारा और हमेशा मरीजों के परिजनों को एवं मरीजों को यह बताया जाता है कि कचरे को हमेशा कूड़ेदान में ही डालिए लेकिन कुछ लोग इस को फॉलो नहीं करते जिससे बार-बार सफाई करनी पड़ती है।


Conclusion:जिस प्रकार से सफाई अभियान चलाया जा रहा है सरकारी व्यवस्था के द्वारा अस्पताल प्रशासन के द्वारा उससे तो एक बात पता चल रही है कि स्वच्छता की दिशा में काम तो बेहतर किया जा रहा है लेकिन इसको जन समर्थन की जरूरत है क्योंकि जनता के समर्थन के बिना और अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके परिजनों के समर्थन के बिना संभव नहीं है की सफाई व्यवस्था को लंबे समय तक बनाया जा सके इसलिए सबसे जरूरी है कि आम लोगों में यह जागरूकता फैलाई जाए की कूड़ा और कचरा हमेशा कूड़ेदान में ही डाला जाए और प्रशासनिक व्यवस्था को भी जगह-जगह स्पीकर एवं हार्डिंग लगाकर इसके बारे में जानकारी दी जाए कि कौन सा कचरा कहां डाला जाए और इसके लिए सबसे जरूरी है कि छोटे-छोटे जागरूकता संबंधित कार्यक्रम भी कराए जाएं और यह लगातार हो क्योंकि अगर स्वच्छता नहीं रहेगी तो अस्पताल में पहुंचे बीमार लोगों के लिए यह खतरा उत्पन्न कर सकती हैं ।
यही बात महिला अस्पताल की अधीक्षक डॉ आभा ने भी बताई की यदि सफाई व्यवस्था ठीक नहीं रहेगी तो प्रसूता एवं उसके बच्चे पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है इसलिए सभी को स्वच्छता का ध्यान रखना ही चाहिए और अस्पताल प्रशासन इस बात पर विशेष ध्यान दे भी रहा है लेकिन इसको जनता के समर्थन के द्वारा ही सफल बनाया जा सकता है।
कुल मिलाकर सबसे जरूरी बात यह है कि प्रशासनिक व्यवस्था यदि सफाई कर रही है तो हमें उसका समर्थन करना चाहिए और बूढ़े को कूड़ेदान में ही डालना चाहिए ताकि हम स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत का निर्माण सही प्रकार से कर सकें।


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1- मनीषा चौहान ( बहन मरीज )
2- उत्तम कुमार ( पिता मरीज कुलदीप कुमार )
3- सरिता ( मरीज बच्चे की मां )
4- डॉ आभा आशुतोष ( मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला अस्पताल बाराबंकी )
5- डॉ एसके सिंह ( मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रफी अहमद किदवई चिकित्सालय बाराबंकी)


रिपोर्ट - आलोक कुमार शुक्ला. रिपोर्टर बाराबंकी 96284 76907
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