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ब्रिटिश हुकूमत द्वारा बनाया गया ये रेलवे हॉस्पिटल अब बनेगा मेडिकल कॉलेज

गोरखपुर जिले में ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय अब एलएनएम मेडिकल कॉलेज बनेगा. मंत्रालय की पहल और पूर्वोत्तर रेलवे के दिशा-निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय अब बनेगा एलएनएम मेडिकल कॉलेज
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Published : Mar 29, 2019, 7:10 PM IST

गोरखपुर : ब्रिटिश हुकूमत ने सन 1930 में गोरखपुर में रेलवे कर्मचारियों के स्वास्थ्य लाभ के लिए ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल का निर्माण कराया था. आज भी यहां पर अंग्रेजों द्वारा निर्मित बिल्डिंग, कमरे, पार्क आदि मौजूद हैं, लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे जल्द ही इस रेलवे अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर, यहां पर मेडिकल से संबंधित एलएनएम मेडिकल कॉलेज बनाने जा रहा है.

ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय अब बनेगा एलएनएम मेडिकल कॉलेज

जिले में ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय एलएनएम मेडिकल कॉलेज बनेगा, यहां अब पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई होगी. मंत्रालय की पहल और पूर्वोत्तर रेलवे के दिशा निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
प्रशासनिक स्तर पर चिकित्सालय का विस्तार भी शुरू हो गया है, अधिकारियों की मानें तो रेलवे चिकित्सालय के पास खाली हो रहे, ब्लॉक को अधिग्रहित करने की तैयारी चल रही है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज से भी फैकेल्टी की मांग की गई है, रेलवे मंत्रालय ने भारतीय रेलवे स्तर पर चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है. ताकि बदलाव हो रहे केंद्रीय रेलवे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके.

ललित नारायण मिश्रा रेलवे चिकित्सालय पर एक नजर

  • 1930 में स्थापित हुआ, ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल 3.30 एकड़ में फैला हुआ है.
  • अस्पताल में 366 बेड की सुविधा, 6 बड़े विंग और परिसर में 3 बड़े पार्क मौजूद हैं.
  • आईसीयू, सर्जिकल आईसीयू और इमरजेंसी डायलिसिस की सुविधा के साथ इमरजेंसी, ओपीडी, रेडियो एवं फिजियोथैरेपी, आर्थोपेडिक की सुविधा भी मौजूद है.
  • 10 विशेषज्ञ चिकित्सक और दो दर्जन चिकित्सकों के साथ लगभग 200 स्टॉप इस अस्पताल में कार्यरत हैं. वही रोजाना हजारों की संख्या में मरीज इस अस्पताल में आते हैं.

इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य सूचना अधिकारी संजय यादव ने बताया कि ललित नारायण मिश्र चिकित्सालय गोरखपुर को मेडिकल कॉलेज बनाने की प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर पर है, इसके बनने से काफी लाभ मिलेगा. साथ ही इस अस्पताल की सबसे बड़ी समस्या भी समाप्त होगी.

गोरखपुर : ब्रिटिश हुकूमत ने सन 1930 में गोरखपुर में रेलवे कर्मचारियों के स्वास्थ्य लाभ के लिए ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल का निर्माण कराया था. आज भी यहां पर अंग्रेजों द्वारा निर्मित बिल्डिंग, कमरे, पार्क आदि मौजूद हैं, लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे जल्द ही इस रेलवे अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर, यहां पर मेडिकल से संबंधित एलएनएम मेडिकल कॉलेज बनाने जा रहा है.

ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय अब बनेगा एलएनएम मेडिकल कॉलेज

जिले में ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय एलएनएम मेडिकल कॉलेज बनेगा, यहां अब पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई होगी. मंत्रालय की पहल और पूर्वोत्तर रेलवे के दिशा निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
प्रशासनिक स्तर पर चिकित्सालय का विस्तार भी शुरू हो गया है, अधिकारियों की मानें तो रेलवे चिकित्सालय के पास खाली हो रहे, ब्लॉक को अधिग्रहित करने की तैयारी चल रही है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज से भी फैकेल्टी की मांग की गई है, रेलवे मंत्रालय ने भारतीय रेलवे स्तर पर चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है. ताकि बदलाव हो रहे केंद्रीय रेलवे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके.

ललित नारायण मिश्रा रेलवे चिकित्सालय पर एक नजर

  • 1930 में स्थापित हुआ, ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल 3.30 एकड़ में फैला हुआ है.
  • अस्पताल में 366 बेड की सुविधा, 6 बड़े विंग और परिसर में 3 बड़े पार्क मौजूद हैं.
  • आईसीयू, सर्जिकल आईसीयू और इमरजेंसी डायलिसिस की सुविधा के साथ इमरजेंसी, ओपीडी, रेडियो एवं फिजियोथैरेपी, आर्थोपेडिक की सुविधा भी मौजूद है.
  • 10 विशेषज्ञ चिकित्सक और दो दर्जन चिकित्सकों के साथ लगभग 200 स्टॉप इस अस्पताल में कार्यरत हैं. वही रोजाना हजारों की संख्या में मरीज इस अस्पताल में आते हैं.

इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य सूचना अधिकारी संजय यादव ने बताया कि ललित नारायण मिश्र चिकित्सालय गोरखपुर को मेडिकल कॉलेज बनाने की प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर पर है, इसके बनने से काफी लाभ मिलेगा. साथ ही इस अस्पताल की सबसे बड़ी समस्या भी समाप्त होगी.

Intro:गोरखपुर। ब्रिटिश हुकूमत ने सन 1930 में गोरखपुर में रेलवे कर्मचारियों स्वास्थ्य लाभ के लिए रेलवे चिकित्सालय का निर्माण कराया था। आज भी यहां पर अंग्रेजों द्वारा निर्मित बिल्डिंग, कमरे, पार्क आदि मौजूद हैं। लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे जल्द ही इस रेलवे अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर, यहां पर मेडिकल से संबंधित एल एन एम मेडिकल कॉलेज बनाने जा रहा है।


Body:ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय एलएनएम मेडिकल कॉलेज बनेगा, यहां अब पोस्टग्रेजुएट 'पीजी' की पढ़ाई होगी। मंत्रालय की पहल और पूर्वोत्तर रेलवे के दिशा निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

प्रशासनिक स्तर पर चिकित्सालय का विस्तार भी शुरू हो गया है, अधिकारियों की मानें तो रेलवे चिकित्सालय के पास ही मौजूद खाली हो रहे, ब्लॉक को अधिग्रहित करने की तैयारी चल रही है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज से भी फैकेल्टी की मांग की गई है, रेलवे मंत्रालय ने भारतीय रेलवे स्तर पर चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। ताकि बदलाव हो रहे केंद्रीय रेलवे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। रेलवे अस्पताल में इलाज की व्यवस्था और बेहतर व मजबूत होगी। पर्याप्त सुविधा और संसाधन के बाद भी अस्पताल रेफरल बनते जा रहे हैं। लाख प्रयास के बाद भी रेलवे को चिकित्सक नहीं मिल पा रहे हैं, ऐसे तमाम समस्याओं से निजात मिलने की उम्मीद है।

ललित नारायण मिश्रा रेलवे चिकित्सालय पर एक नजर

1930 में स्थापित हुआ, ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल 3.30 एकड़ में फैला हुआ है। अस्पताल में 366 बेड की सुविधा, अस्पताल में 6 बड़े विंग और परिसर में 3 बड़े पार्क मौजूद हैं। आईसीयू, सर्जिकल आईसीयू और इमरजेंसी डायलिसिस की सुविधा के साथ इमरजेंसी, ओपीडी, रेडियो एवं फिजियोथैरेपी आर्थोपेडिक की सुविधा भी मौजूद है।10 विशेषज्ञ चिकित्सक और दो दर्जन चिकित्सकों के साथ लगभग 200 स्टॉप इस अस्पताल में कार्यरत हैं, वही रोजाना हजारों की संख्या में मरीज इस अस्पताल में आते हैं।


Conclusion:इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य सूचना अधिकारी संजय यादव ने बताया कि ललित नारायण मिश्र चिकित्सालय गोरखपुर को मेडिकल कॉलेज बनाने की प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर पर है, इसके बनने से काफी लाभ मिलेगा। अस्पताल में पूर्वोत्तर रेलवे में कार्यरत बिहार और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के कर्मचारियों के लिए काफी सुविधाएं पूर्व हो जाएंगी, साथ ही इस अस्पताल की सबसे बड़ी रेफरर समस्या भी समाप्त होगी।

बाइट - सजंय यादव, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी - पुरवोत्तर रेलवे



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738
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