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बुंदेलखंड राज्य मामला: आंदोलनकारियों ने पीएम को भेजा ज्ञापन

बुंदेलखंड में प्रयागराज, कानपुर और मिर्जापुर मंडलों को जोड़कर राज्य बनाने की बात को लेकर प्रर्दशनकारियों ने पीएम को ज्ञापन सौंपा है. उनका कहना है कि बुंदेलखंड की भाषा और संस्कृति सब अलग है.

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Published : Jun 14, 2021, 5:16 PM IST

झांसी: प्रयागराज, कानपुर और मिर्जापुर मंडलों को जोड़कर बुंदेलखंड राज्य बनाने से जुड़े सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे समाचारों के विरोध में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने सोमवार को झांसी कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि बुन्देलखंड क्षेत्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैला हुआ है. इसकी संस्कृति किसी भी तरह से प्रयागराज, कानपुर और मिर्जापुर से मेल नहीं खाती है. यदि ऐसा कोई कदम उठाया गया तो बुंदेलखंड के लोगों को वह स्वीकार्य नहीं होगा.

यह भी पढ़ें: बाइक खड़ी करने के विवाद में दो पक्षों में चली गोली, तीन जख्मी


प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में मोर्चा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा एवं चित्रकूट को मिलाकर हाल ही में बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया है. मध्य प्रदेश सरकार ने जनपद सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, पन्ना एवं दतिया को मिलाकर बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण का गठन किया है. उत्तर प्रदेश सरकार व मध्य प्रदेश सरकार ने जिस क्षेत्र को बुंदेलखंड क्षेत्र की मान्यता दी है, उसी क्षेत्र को अखंड बुंदेलखंड मानकर केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड पैकेज दिया है. केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा घोषित क्षेत्र में लहार, पिछोर, करेरा, चंदेरी, गंज बासौदा, चित्रकूट, कटनी आदि क्षेत्र और जोड़कर केंद्र सरकार को शीघ्र अखंड बुंदेलखंड राज्य का निर्माण करना चाहिए.

बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा कि प्रयागराज, कानपुर और मिर्जापुर से न तो हमारा रहन-सहन मिलता है, न हमारी संस्कृति मिलती है और न ही हमारी भाषा मिलती है. बुंदेलखंड राज्य को लेकर हमें ऐसी कोई भी साजिश मंजूर नहीं है. जन प्रतिनिधियों ने इस मसले पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है. इन्हें सामने आकर बताना चाहिए कि इस मामले की सत्यता क्या है.

झांसी: प्रयागराज, कानपुर और मिर्जापुर मंडलों को जोड़कर बुंदेलखंड राज्य बनाने से जुड़े सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे समाचारों के विरोध में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने सोमवार को झांसी कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि बुन्देलखंड क्षेत्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैला हुआ है. इसकी संस्कृति किसी भी तरह से प्रयागराज, कानपुर और मिर्जापुर से मेल नहीं खाती है. यदि ऐसा कोई कदम उठाया गया तो बुंदेलखंड के लोगों को वह स्वीकार्य नहीं होगा.

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प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में मोर्चा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा एवं चित्रकूट को मिलाकर हाल ही में बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया है. मध्य प्रदेश सरकार ने जनपद सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, पन्ना एवं दतिया को मिलाकर बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण का गठन किया है. उत्तर प्रदेश सरकार व मध्य प्रदेश सरकार ने जिस क्षेत्र को बुंदेलखंड क्षेत्र की मान्यता दी है, उसी क्षेत्र को अखंड बुंदेलखंड मानकर केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड पैकेज दिया है. केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा घोषित क्षेत्र में लहार, पिछोर, करेरा, चंदेरी, गंज बासौदा, चित्रकूट, कटनी आदि क्षेत्र और जोड़कर केंद्र सरकार को शीघ्र अखंड बुंदेलखंड राज्य का निर्माण करना चाहिए.

बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा कि प्रयागराज, कानपुर और मिर्जापुर से न तो हमारा रहन-सहन मिलता है, न हमारी संस्कृति मिलती है और न ही हमारी भाषा मिलती है. बुंदेलखंड राज्य को लेकर हमें ऐसी कोई भी साजिश मंजूर नहीं है. जन प्रतिनिधियों ने इस मसले पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है. इन्हें सामने आकर बताना चाहिए कि इस मामले की सत्यता क्या है.

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