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उन्नाव: निजी अस्पतालों की मनमानी, अब तक नहीं कराया लाइसेंस रिन्यूअल

उन्नाव में निजी अस्पतालों की मनमानी जारी है. अंतिम तारीख निकलने के बावजूद अस्पतालों ने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है. इस दिशा में जिला स्वास्थय विभाग भी आंखें मूंदे बैठा है.

उन्नाव में निजी अस्पताल की मनमानी.
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Published : May 28, 2019, 7:18 PM IST

उन्नाव: जनपद में संचालित लगभग 96 अस्पतालों में से 50 फीसद अस्पतालों ने अभी तक अपना लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराया है. बिना लाइसेंस रिन्यूअल के ही अस्पताल धड़ल्ले से लोगों को जिंदगी और मौत बांट रहे हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी गहरी नींद में सोए हुए हैं.

उन्नाव में निजी अस्पताल की मनमानी.

ईटीवी भारत की खास सीरीज ऑपरेशन जिला अस्पताल में जहां महिला वार्ड में हुई बच्चों की मौत को लेकर कई सवाल उठे थे. जब ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में महिला जिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉक्टर अंजू दुबे ने बताया था कि बहुत सारे मरीज प्राइवेट अस्पतालों में पहले तो डिलीवरी के लिए भर्ती किए जाते हैं, लेकिन जब केस बिगड़ जाता है तो जिला अस्पताल भेज देते हैं. वहीं ज्यादातर मौत प्राइवेट अस्पतालों से रेफर किए हुए मरीजों की होती हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने बात करते हुए उन्नाव सीएमओ ने कहा कि लाइसेंस सभी के पास है. अभी आधे से अधिक लोगों ने लाइसेंस रिन्यूअल करा लिया है. बहुत सारे अस्पतालों ने अभी तक लाइसेंस रिन्यूअल नहीं कराया है जिन लोगों ने नहीं कराया है उनके ऊपर जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

उन्नाव: जनपद में संचालित लगभग 96 अस्पतालों में से 50 फीसद अस्पतालों ने अभी तक अपना लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराया है. बिना लाइसेंस रिन्यूअल के ही अस्पताल धड़ल्ले से लोगों को जिंदगी और मौत बांट रहे हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी गहरी नींद में सोए हुए हैं.

उन्नाव में निजी अस्पताल की मनमानी.

ईटीवी भारत की खास सीरीज ऑपरेशन जिला अस्पताल में जहां महिला वार्ड में हुई बच्चों की मौत को लेकर कई सवाल उठे थे. जब ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में महिला जिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉक्टर अंजू दुबे ने बताया था कि बहुत सारे मरीज प्राइवेट अस्पतालों में पहले तो डिलीवरी के लिए भर्ती किए जाते हैं, लेकिन जब केस बिगड़ जाता है तो जिला अस्पताल भेज देते हैं. वहीं ज्यादातर मौत प्राइवेट अस्पतालों से रेफर किए हुए मरीजों की होती हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने बात करते हुए उन्नाव सीएमओ ने कहा कि लाइसेंस सभी के पास है. अभी आधे से अधिक लोगों ने लाइसेंस रिन्यूअल करा लिया है. बहुत सारे अस्पतालों ने अभी तक लाइसेंस रिन्यूअल नहीं कराया है जिन लोगों ने नहीं कराया है उनके ऊपर जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:स्पेशल स्टोरी

उन्नाव में संचालित लगभग 96 अस्पतालों में 50 प्रतिशत अस्पताल ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक अपनी लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराया है बिना लाइसेंस रिन्यूअल के ही अस्पताल धड़ाके से लोगों को जिंदगी और मौत बांट रहे हैं वही जिम्मेदार अधिकारी भी गहरी नींद में सोए हुए हैं किसी को कोई फिक्र नहीं है कि लाइसेंस का रिन्यूअल 31 मार्च तक ही होता है जबकि लगभग 2 महीने ज्यादा होने के बाद भी अभी अस्पतालों ने अपना लाइसेंस रिन्यूअल नहीं कराया है।


Body:ईटीवी भारत की खास सीरीज ऑपरेशन जिला अस्पताल में जहां महिला वार्ड में हुई बच्चों की मौत को लेकर कई सवाल उठे थे वहीं सवालों के जवाब ढूंढते हुए ईटीवी भारत की टीम ने पता लगाना चाहा कि आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? तो महिला जिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉक्टर अंजू दुबे ने बताया कि बहुत सारे मरीज प्राइवेट अस्पतालों में पहले तो डिलीवरी के लिए भर्ती किए जाते हैं लेकिन जब केस बिगड़ जाता है तो जिला अस्पताल भेज देते हैं वहीं ज्यादातर मौतें प्राइवेट अस्पतालों से रिफर किए हुए मरीजों की होती हैं ईटीवी भारत की टीम ने उन्नाव सीएमओ से इस मामले में बात करनी चाही की कौन से अस्पताल ऐसे हैं जिनके पास लाइसेंस है जिनके पास नहीं है और उनके ऊपर क्या कार्रवाई की जाएगी तो उन्होंने बताया कि लाइसेंस सभी के पास है लेकिन अभी आधे से अधिक लोगों ने लाइसेंस रिन्यूअल करा लिया है बहुत सारे अस्पतालों ने अभी तक लाइसेंस रिन्यूअल नहीं कराया है जिन लोगों ने नहीं कराया है उनके ऊपर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:वही आपको बता दूं उन्नाव में प्राइवेट अस्पतालों की ऐसी बाढ़ सी आई है जिनमें मौत बांटने का काम किया जाता है लेकिन जिला प्रशासन है कि बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं मोटी रकम यही अस्पताल प्रशासन अधिकारियों की जेब में भर देते हैं और बेधड़क मौत बांटने का धंधा चालू रखते हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर इन प्राइवेट अस्पतालों पर कब कार्रवाई होगी जिससे यह मौत बांटने का गोरख धंधा बंद हो सके।

बाइट:--डॉ लालता प्रसाद सीएमओ उन्नाव
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