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मौत के बाद अपनों ने बनायी दूरी, पुलिस और समाजसेवियों ने किया अंतिम संस्कार - बरेली बुजुर्ग की मौत

बरेली में एक बुजुर्ग की तेज बुखार आने के बाद मौत हो गई, लेकिन कोई भी बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया, जिसके बाद पुलिस और समाजसेवियों ने मिलकर बुजुर्ग को कांधा दिया.

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Published : May 6, 2021, 4:02 PM IST

Updated : May 6, 2021, 5:05 PM IST

बरेली: जिले में इज्जर नगर थाना क्षेत्र में रोड किनारे झोपड़ी डालकर रहने वाले बुजुर्ग राम बहार लखन की तेज बुखार आने के कारण मौत हो गई. बुजुर्ग डेरी का काम करके घर का खर्चा चलाते थे. वो अपनी एक बेटी के साथ रहते थे. पिता की मृत्यु के बाद बेटी ने लोगों से पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए गुहार लगाई, लेकिन कोई भी व्यक्ति इस काम के लिए आगे नहीं आया, जिसके बाद पुलिस और समाजसेवी संस्था ने मिलकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया.

यह भी पढ़ें: बोकारो से बरेली पहुंची ऑक्सीजन एक्सप्रेस, कोरोना मरीजों को मिलेगी राहत



24 घंटे तक घर में पड़ा रहा शव

बुजुर्ग राम बहार लखन की मौत के बाद घर में उसकी बेटी गुड़िया और उसके तीन बच्चे बचे हैं. पिता की मौत के बाद जब गुड़िया ने अंतिम संस्कार के लिए रिश्तेदारों को बुलाया, तो उन्होंने आने से मना कर दिया. जिसके कारण मृतक राम बहार लखन का शव 24 घंटे तक घर में ही पड़ा रहा.

पुलिसकर्मियों ने समाजसेवियों के साथ मिलकर कराया अंतिम संस्कार

क्षेत्र के चौकी इंचार्ज विनोद कुमार को जब यह जानकारी हुई तो उन्होंने अपने साथी दारोगा सर्वेश कुमार के साथ मिलकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कराने की बात कही. चौकी इंचार्ज ने क्षेत्र के समाजसेवी मिंटू सिंह से इस काम के लिए मदद मांगी. जिसके बाद चौकी इंचार्ज विनोद कुमार और दारोगा सर्वेश कुमार ने समाजसेवी मिंटू सिंह के साथ मिलकर अर्थी को कंधा दिया. उन लोगों ने श्मशान भूमि पर ले जाकर के पूरी विधि विधान से बुजुर्ग राम बहार लखन का अंतिम संस्कार किया.

पुलिसवालों ने दिया एंबुलेंस का किराया

मृतक राम बहार लखन के शव को घर से शमशान तक एम्बुलेंस से लेकर जाया गया. जिसका खर्चा पुलिसकर्मियों ने दिया, जबकि बुजुर्ग के अंतिम संस्कार में प्रयोग होने वाले सभी सामान का इंतजाम मिंटू सिंह और उनके साथी सुदर्शन, सन्नी, बिहारी लाल और गोपाल ने मिलकर किया.

बरेली: जिले में इज्जर नगर थाना क्षेत्र में रोड किनारे झोपड़ी डालकर रहने वाले बुजुर्ग राम बहार लखन की तेज बुखार आने के कारण मौत हो गई. बुजुर्ग डेरी का काम करके घर का खर्चा चलाते थे. वो अपनी एक बेटी के साथ रहते थे. पिता की मृत्यु के बाद बेटी ने लोगों से पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए गुहार लगाई, लेकिन कोई भी व्यक्ति इस काम के लिए आगे नहीं आया, जिसके बाद पुलिस और समाजसेवी संस्था ने मिलकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया.

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24 घंटे तक घर में पड़ा रहा शव

बुजुर्ग राम बहार लखन की मौत के बाद घर में उसकी बेटी गुड़िया और उसके तीन बच्चे बचे हैं. पिता की मौत के बाद जब गुड़िया ने अंतिम संस्कार के लिए रिश्तेदारों को बुलाया, तो उन्होंने आने से मना कर दिया. जिसके कारण मृतक राम बहार लखन का शव 24 घंटे तक घर में ही पड़ा रहा.

पुलिसकर्मियों ने समाजसेवियों के साथ मिलकर कराया अंतिम संस्कार

क्षेत्र के चौकी इंचार्ज विनोद कुमार को जब यह जानकारी हुई तो उन्होंने अपने साथी दारोगा सर्वेश कुमार के साथ मिलकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कराने की बात कही. चौकी इंचार्ज ने क्षेत्र के समाजसेवी मिंटू सिंह से इस काम के लिए मदद मांगी. जिसके बाद चौकी इंचार्ज विनोद कुमार और दारोगा सर्वेश कुमार ने समाजसेवी मिंटू सिंह के साथ मिलकर अर्थी को कंधा दिया. उन लोगों ने श्मशान भूमि पर ले जाकर के पूरी विधि विधान से बुजुर्ग राम बहार लखन का अंतिम संस्कार किया.

पुलिसवालों ने दिया एंबुलेंस का किराया

मृतक राम बहार लखन के शव को घर से शमशान तक एम्बुलेंस से लेकर जाया गया. जिसका खर्चा पुलिसकर्मियों ने दिया, जबकि बुजुर्ग के अंतिम संस्कार में प्रयोग होने वाले सभी सामान का इंतजाम मिंटू सिंह और उनके साथी सुदर्शन, सन्नी, बिहारी लाल और गोपाल ने मिलकर किया.

Last Updated : May 6, 2021, 5:05 PM IST
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