लखनऊ: सरकार लोगों के सिर से भले ही वीआइपी का खुमार उतारने में लगी हो, लेकिन लोग खुद को वीआईपी बनाने से चूकते नजर नहीं आ रहे हैं. सरकार की ओर से जब रसूखदारों के वाहनों से लाल और नीली बत्ती हटा दी गई. इसके बाद अब खुद को वीआइपी दिखाने के लिए रसूखदार लाखों खर्चकर वीवीआइपी नंबर लेने को तैयार हैं.
वीवीआइपी नंबर के नाम पर लगी बोली
भाजपा से सांसद संघमित्रा मौर्य ने 0005 नंबर के लिए दिए 95000 रुपये.
यूपी 32 केयू-3232 के लिए 2 लाख 51 हजार रुपये की बोली लगी.
इससे पहले 0001 के लिए 11.50 लाख की बोली लग चुकी है.
महंगे नंबर बिकने से परिवहन विभाग की भी चांदी हो गई है.
चार श्रेणियों में आकर्षक नंबरों की बोली लगाई जा रही है.