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वीवीआईपी नम्बरों के लिए लगी होड़, वाहन स्वामियों पर छाया वीआईपी बनने का खुमार - सीएम योगी

सरकार की ओर से गाड़ियों पर लगी लाल बत्ती और नीली बत्ती को उतार लिया गया. इसके बाद भी लोगों में खुद को वीआईपी दिखाने के लिए होड़ लगी हुई है. जिसके चलते लोग अब वीआईपी नंबर पाने की खातिर लाखों खर्च करने को तैयार हैं.

वीवीआईपी नंबर पाने के लिए लोग लगा रहे है बोली.
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Published : Jul 1, 2019, 9:52 AM IST

लखनऊ: सरकार लोगों के सिर से भले ही वीआइपी का खुमार उतारने में लगी हो, लेकिन लोग खुद को वीआईपी बनाने से चूकते नजर नहीं आ रहे हैं. सरकार की ओर से जब रसूखदारों के वाहनों से लाल और नीली बत्ती हटा दी गई. इसके बाद अब खुद को वीआइपी दिखाने के लिए रसूखदार लाखों खर्चकर वीवीआइपी नंबर लेने को तैयार हैं.

वीवीआइपी नंबर के नाम पर लगी बोली

भाजपा से सांसद संघमित्रा मौर्य ने 0005 नंबर के लिए दिए 95000 रुपये.
यूपी 32 केयू-3232 के लिए 2 लाख 51 हजार रुपये की बोली लगी.
इससे पहले 0001 के लिए 11.50 लाख की बोली लग चुकी है.
महंगे नंबर बिकने से परिवहन विभाग की भी चांदी हो गई है.
चार श्रेणियों में आकर्षक नंबरों की बोली लगाई जा रही है.

लखनऊ: सरकार लोगों के सिर से भले ही वीआइपी का खुमार उतारने में लगी हो, लेकिन लोग खुद को वीआईपी बनाने से चूकते नजर नहीं आ रहे हैं. सरकार की ओर से जब रसूखदारों के वाहनों से लाल और नीली बत्ती हटा दी गई. इसके बाद अब खुद को वीआइपी दिखाने के लिए रसूखदार लाखों खर्चकर वीवीआइपी नंबर लेने को तैयार हैं.

वीवीआइपी नंबर के नाम पर लगी बोली

भाजपा से सांसद संघमित्रा मौर्य ने 0005 नंबर के लिए दिए 95000 रुपये.
यूपी 32 केयू-3232 के लिए 2 लाख 51 हजार रुपये की बोली लगी.
इससे पहले 0001 के लिए 11.50 लाख की बोली लग चुकी है.
महंगे नंबर बिकने से परिवहन विभाग की भी चांदी हो गई है.
चार श्रेणियों में आकर्षक नंबरों की बोली लगाई जा रही है.

Intro:वाहन स्वामियों के सिर पर सवार वीवीआईपी नम्बर का खुमार

लखनऊ। भले ही सरकार वीवीआइपी का खुमार लोगों के सिर से उतारने में लगी हो, लेकिन यह खुमार लोगों के सिर से उतरने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार ने रसूखदारों के वाहनों से जब लाल, नीली बत्ती हटवाई तो अब वीवीआइपी दिखने के लिए लाखों खर्च कर रसूखदार वीवीआइपी नंबर ले रहे हैं। हाल ही में योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और भाजपा से सांसद संघमित्रा मौर्य ने 0005 नंबर ₹95000 में लिया तो वहीं यूपी 32 केयू 3232 नंबर के लिए 2,51000 रुपए की बोली लगी। इससे पहले 0001 के लिए 11.50 लाख की बोली लग चुकी है।


Body:अब जो लोग लाल या नीली बत्ती नहीं होने के चलते वीवीआईपी दिखने की चाहत रखते हैं तो इसके लिए वे जमकर पैसा बहाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वीवीआईपी दिखने के लिए अब वे वीआईपी नंबर का सहारा ले रहे हैं। यही वजह है कि परिवहन विभाग के 346 आकर्षक नंबरों में से अपना मनपसंद नंबर लेने के लिए लोग पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। पहले जो 0001 से 0009 नंबर 15000 रुपए में मिल जाते थे वहीं अब नीलामी में यह नंबर लाखों में बिक रहे हैं। कुछ माह पहले राजधानी की दीप्ति गौतम ने 0001 के लिए 11.50 लाख रुपए की बोली लगाई तो इससे पहले 0005 के लिए तीन लाख से ऊपर की बोली लग चुकी है। अब यूपी 32 केआर 3232 के लिए अपूर्व गुप्ता ने दो लाख 51 हजार की बोली लगाई है।


Conclusion:महंगे नंबर बिकने से परिवहन विभाग की चांदी हो गई है। चार श्रेणी में आकर्षक नंबरों की बोली लगाई जा रही है जिससे विभाग को काफी फायदा हो रहा है, हालांकि तमाम नंबर बिना बिके ही रह जा रहे हैं। बोली लगाकर भी लोग बाद में नंबर नहीं ले रहे हैं। यह भी बड़ी समस्या बनी हुई है। फिलहाल, परिवहन विभाग ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है और रजिस्ट्रेशन की फीस में कई गुना बढ़ोतरी कर दी है, जिससे नंबर न देने वालों के रजिस्ट्रेशन के रूप में जमा धनराशि परिवहन विभाग के खाते में जब्त हो जाती है।
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