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लखनऊ: जान की बाजी लगाकर लोग करते हैं इस पुल से रोजाना सफर - up government

लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र में पिछले 5 सालों में विकास कार्य नहीं हुआ है. यहां के लोग आज भी जान की बाजी लगाकर बांस के बने पुल से सफर कर रहे हैं.

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Published : Mar 16, 2019, 5:09 PM IST

लखनऊ: देश को आजाद हुए 70 साल से भी ज्यादा हो गया है, लेकिन रंजीत खेड़ा गांव में विकास कोसों दूर है. राजधानी के मोहनलालगंज क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव रंजीत खेड़ा में लोग आज भीबांस के बने पुल पर सफर करते हैं.

लोगों कहना है कि कई बार पुल पर हादसे हो चुके हैं.


लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि आते तो है, लेकिनइस गांव का विकास नहीं हो पाया. सालों से लोग इसी बांस के बने पुल पर जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं.


बांस का यह पुल गांव का मुख्य मार्ग है, जो कि एक प्रसिद्ध मंदिर भवरेश्वर को भी जोड़ता है. लोगों का कहना है कि बरसात के समय यह पुल पानी से डूब जाता है, जिससे आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.


मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद कौशल किशोर का कहना है कि उन्होंने अपनी सांसद निधि से 24 करोड़ से भी ज्यादा की रकम खर्च कर दी है. उनका कहना है कि आने वाले समय में यह गांव एक आदर्श गांव बनेगा.

लखनऊ: देश को आजाद हुए 70 साल से भी ज्यादा हो गया है, लेकिन रंजीत खेड़ा गांव में विकास कोसों दूर है. राजधानी के मोहनलालगंज क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव रंजीत खेड़ा में लोग आज भीबांस के बने पुल पर सफर करते हैं.

लोगों कहना है कि कई बार पुल पर हादसे हो चुके हैं.


लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि आते तो है, लेकिनइस गांव का विकास नहीं हो पाया. सालों से लोग इसी बांस के बने पुल पर जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं.


बांस का यह पुल गांव का मुख्य मार्ग है, जो कि एक प्रसिद्ध मंदिर भवरेश्वर को भी जोड़ता है. लोगों का कहना है कि बरसात के समय यह पुल पानी से डूब जाता है, जिससे आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.


मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद कौशल किशोर का कहना है कि उन्होंने अपनी सांसद निधि से 24 करोड़ से भी ज्यादा की रकम खर्च कर दी है. उनका कहना है कि आने वाले समय में यह गांव एक आदर्श गांव बनेगा.

Intro:अपडेटेड कौशल किशोर सांसद मोहनलालगंज की बाइट मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद कौशल किशोर का कहना है कि उन्होंने अपनी सांसद निधि से 24 करोड़ से भी ज्यादा की रकम खर्च कर दी है लेकिन आज भी रंजीत खेड़ा गांव के लोग बांस की पगडंडियों पर सफर करने को मजबूर हैं सांसद का कहना है कि आने वाले समय में यह गांव एक आदर्श गांव बनेगा लेकिन सवाल यह है कि बीते 5 सालों में गांव को आज तक एक पुल नहीं मिल पाया तो वह गांव आदर्श गांव कैसे बनेगा। बाइट- सांसद कौशल किशोर लाखों विकास के दावे किए गए लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां पर आज भी लोग बांस के बने पुल पर जान हथेली पर रखकर सफर करते हैं।


Body:बांस की पगडंडियों पर करते हैं रोजाना जान हथेली पर रखकर सफर लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि आते तो है लेकिन आज तक गांव का विकास नहीं हो पाया गांव में रोड नहीं बन पाई। यह तस्वीर राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रंजीत खेड़ा गांव की है जहां पर आज भी लोग बांस के पुल पर सफर करते हैं। देश को आजाद हुए 70 साल से भी ज्यादा हो गया है लेकिन आज भी रंजीत खेड़ा गांव विकास से कोसों दूर है। लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि आते तो है पर आज तक इस गांव का विकास नहीं हो पाया सालों से लोग इसी बांस के बने पुल पर जान को हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं। बांस का यह पुल गांव का मुख्य मार्ग है जो कि एक प्रसिद्ध मंदिर भवरेश्वर को भी जोड़ता है। लोगों का कहना है कि बरसात के समय यह पुल पानी से डूब जाता है जिससे आने जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बाइट- संदीप बाइट-सोनू बाइट-गिल्ला बाइट-रजनी बाइट-देवी पीटीसी योगेश मिश्रा


Conclusion:आजादी के इतने साल बीतने के बाद भी सुबह का एक गांव ऐसा है जो आज तक विकास से अछूता रहा है आज भी यहां पर लोग बांस के बने पुल पर रोजाना सफर करते हैं। अब देखने वाली बात होगी की राजधानी लखनऊ का यह गांव कब विकास के पथ पर आगे बढ़ता है। योगेश मिश्रा लखनऊ 8840053382
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