बहराइच: सरकार चाहे कितना भी सड़कों के गड्ढा मुक्त होने का दावा करे, लेकिन ये दावे सिर्फ दावे बनकर ही रह गए हैं. जिले की फखरपुर की प्रमुख सड़कें बेहद खस्ताहाल हैं. ये सड़कें शासन के दावों की पोल खोल रही हैं. खास बात तो यह है कि गड्ढों में तब्दील हो चुकीं इन सड़कों के निर्माण के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
इन समस्या को देखते हुए क्षेत्र वासियों ने सड़कों पर बने गड्ढों में धान रोपाई कर विरोध का अनोखा अंदाज अपनाया. कस्बा वासियों का कहना है जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी, उनकी गाड़ियां भी इन्हीं सड़कों में बने गड्ढों से होकर निकलती हैं, जबकि योगी सरकार ने सत्ता में आते ही सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान दिया था, लेकिन फखरपुर मुख्य मार्ग से होते हुए बाजार को जाने वाली सड़क लंबे समय से खस्ताहाल है.
कई स्थानों पर तो गड्ढों में सड़क को तलाशना पड़ता है. अक्सर यहां लोग गिरकर घायल भी हो जाते हैं. क्षेत्रवासियों का कहना है चार वर्ष पूर्व सड़क निर्माण में ठेकेदार द्वारा डामर रोड को इंटरलॉकिंग में बदलाव कर घटिया मार्ग निर्माण किया गया. निर्माण के दौरान ही इंटरलॉकिंग में लगी ईट पैदल यात्रियों के चलने की वजह से जगह-जगह टूटने लगी. क्षेत्रवासियों ने जब इसका विरोध किया तो ठेकेदार कम बजट का हवाला देकर जनता को समझाने में सफल रहे, जिसकी वजह से आज स्थिति इस प्रकार की है कि लोगों को पैदल चलना भी दुश्वारियां का सबब बन रहा है.
इन दुश्वारियों के बीच एक बार फिर क्षेत्रवासियों ने इस ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराने के लिए विरोध का नया तरीका अख्तियार किया. सड़क के गड्ढों में क्षेत्र वासियों ने धान की रोपाई कर सड़क की दुर्दशा को उजागर किया. वहीं फखरपुर खंड विकास अधिकारी सूरज पटेल के कार्यालय पहुंचकर एडीओ एग्रीकल्चर नरेंद्र कुमार शर्मा को ज्ञापन दिया.