आजमगढ़: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी की है, लेकिन इसका पालन होता नहीं दिख रहा है. शहर के बाजारों से लेकर सार्वजनिक जगहों पर कोविड-19 गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. चार दिन पहले प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने समस्त पुलिस कप्तानों को न्यायालय की सुरक्षा और अनलॉक-1 की गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन आजमगढ़ न्यायालय परिसर में वकील और फरियादी सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर माखौल उड़ा रहे हैं.
डीजीपी के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने पुलिस कप्तानों को न्यायालय की सुरक्षा के साथ-साथ न्यायालय परिसर में आने-जाने वालों की चेकिंग करने और उन्हें कड़ाई से मास्क लगाने के लिए भी निर्देश दिए थे. पर आजमगढ़ जनपद के वकीलों और फरियादियों पर इसका असर होता दिखाई नहीं दे रहा. यहां न्यायालय परिसर में सरकार की कोरोना वायरस को लेकर जारी गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह का कहना है कि न्यायालय में व्यापक सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. सभी दरवाजों पर संतरी और पुलिस के जवान लगाए गए हैं. इसके साथ ही बैगेज स्कैनर भी लगाया गया है जो आने-जाने वाले लोगों के बैग की जांच भी कर रहा है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए 150 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. एसपी का कहना है कि जो भी न्यायालय आने वाला व्यक्ति कानून को नजरअंदाज कर प्रवेश करेगा, उसके खिलाफ जुर्माने के साथ-साथ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा.
डीजीपी ने भले ही प्रदेश के समस्त जनपदों को मास्क और सुरक्षा चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए हों पर आजमगढ़ कोर्ट परिसर में इसका असर नहीं दिखाई दे रहा है. कोर्ट परिसर में ज्यादातर लोग बिना फेस मास्क लगाए टहलते मिलते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था और कोविड-19 के प्रति कितना गंभीर है.