बाराबंकी : कागजों में जिले के मामापुर गांव को ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है. जबकि ग्रामीणों को पता ही नहीं कि अधिकारी कब आए और ओडीएफ का बोर्ड लगा गए. अब इसे अधिकारियों की लापरवाही कहें या शासन के डर से अपनी गर्दन बचाने की कोशिश.
पूरा मामला देवां ब्लॉक का मामापुर गांव का है, इस गांव में जगह-जगह खुले में शौच मुक्त और शौचालयों का प्रयोग करने के स्लोगन लिखे हैं, लेकिन शौचालय न बनने की वजह से ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि पृर्व ग्राम प्रधान ने कुछ शौचालय बनवाये थे. कुछ ग्रामीणों ने अपने पैसों से भी शौचालय बनवाए हैं. लोगों ने बताया कि शौचालय के लिए कई बार प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव में 340 शौचालयों की मांग की गई थी, जबकि अभी तक मात्र 40 शौचालय ही बन पाई है. प्रधान ने बताया कि 12 शौचालय उसने अपने पैसों से बनवाया है.
अधिकारियों की लापरवाही पर गांव की महिलाओं में खासा रोष है. उन्होंने बताया कि शौच के लिए उन्हें अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है. रात में तमाम खतरा भी रहता है, लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं. वहीं मुख्य विकास अधिकारी इसे मामले को गम्भीर प्रकरण बताते हुए जांच कराने की बात कही है.