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काशी में अभी से दिखने लगा होली का रंग, ध्रुपद गायन का आयोजन

वाराणसी के गंगा तट घाट पर गुलाब बाड़ी का आयोजन किया गया. जिसकी लुफ्त उठाने बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. वहीं इस कार्यक्रम में विदेशी सैलानियों ने भी ध्रुपद गायन का लुफ्त उठाया.

ध्रुपद गायक
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Published : Feb 25, 2019, 1:35 PM IST

वाराणसी: काशी में होली की शुरूआत हो चुकी है. इसी के तहत गंगा तट पर गुलाब बाड़ी का आयोजन किया गया. जिसमें ध्रुपद गायक का लुप्त उठाने के लिए काशीवासियों के साथ ही विदेशी सैलानी भी शामिल हुए.

गुलाब बाड़ी का आयोजन.


कार्यक्रम में गुलाब की फूलों की सजावट ने लोगों का मन मोह लिया. लोगों ने कार्यक्रम में ध्रुपद गायन का आनंद उठाया. कार्यक्रम में शामिल हुए स्थानीय विनोद ने बताया यह वासन्तिकी कार्यक्रम है. बसंत का महीना चल रहा है और काशी में होली अपने ही अंदाज से मनाई जाती है.


होली आने में अभी कुछ समय ही बचा है. लेकिन इससे पहले काशी होली के रंगों में रगने लगा है. काशी के गंगा तट पर ध्रुपद गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शहवासियों के साथ ही विदेशी सैलानियों ने भी बढ़ चढ़ कर शामिल हुए.

वाराणसी: काशी में होली की शुरूआत हो चुकी है. इसी के तहत गंगा तट पर गुलाब बाड़ी का आयोजन किया गया. जिसमें ध्रुपद गायक का लुप्त उठाने के लिए काशीवासियों के साथ ही विदेशी सैलानी भी शामिल हुए.

गुलाब बाड़ी का आयोजन.


कार्यक्रम में गुलाब की फूलों की सजावट ने लोगों का मन मोह लिया. लोगों ने कार्यक्रम में ध्रुपद गायन का आनंद उठाया. कार्यक्रम में शामिल हुए स्थानीय विनोद ने बताया यह वासन्तिकी कार्यक्रम है. बसंत का महीना चल रहा है और काशी में होली अपने ही अंदाज से मनाई जाती है.


होली आने में अभी कुछ समय ही बचा है. लेकिन इससे पहले काशी होली के रंगों में रगने लगा है. काशी के गंगा तट पर ध्रुपद गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शहवासियों के साथ ही विदेशी सैलानियों ने भी बढ़ चढ़ कर शामिल हुए.

Intro:
होली आने में भले ही महीने भर का समय है लेकिन काशी में होली की मस्ती दिखने लगी है होली की मस्त मस्त अंदाज से आयोजित गुलाब बाड़ी का आयोजन वाराणसी के गंगा तट पर किया गया। सामने घाट स्थित जल प्रभाव में यह महफिल सजी हरी घास पर बिछी चांदनी पर देसी विदेशी संगीत प्रेमियों की खचाखच भीड़ से जगह ढूंढा मुश्किल हो रहा था।


Body:गुलाब की खुशबू और गीत संगीत का मजा ठंडाई के साथ चका हर तरफ फूलों की पंखुड़ियां और उसमें संगीत की ताजगी लोगों को नया रंग दे गई उमाकांत और रमाकांत के गुच्छे दार ने ही होली और चैती और ठुमरी की रसधार बिखेरी तोहर तरफ संगीत की खुशबू फैल गई।


Conclusion:श्रोता विनोद ने बताया यह वासन्तिकी कार्यक्रम है क्योंकि बसंत का महीना चल रहा है और ऐसे में काशी में होली अपने ही अंदाज से मनाई जा रही है आज यहां पर ध्रुपद गायन हो रहा है जो पद संगीत में एक बहुत ही पुरानी विदा है यह देशी-विदेशी श्रोता आए हैं जो संगीत से प्रेम करते हैं प्रतिवर्ष हम इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं और बनारसी अंदाज में इसका लुफ्त उठाते हैं
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