उन्नाव: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत जिला महिला चिकित्सालय में मातृत्व दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें गर्भवती महिलाओं की सभी जांचे निशुल्क कर उन्हें जागरूकता संबंधी जानकारी दी गईं. जिला चिकित्सालय की महिला सीएमएस डॉ. अंजू दुबे ने जांच के बाद महिलाओं को बिस्किट और फ्रूटी देकर स्वास्थ्य में किसी तरह की लापरवाही ना बरतने को कहा.
'मातृत्व दिवस' आयोजन की महत्वपूर्ण बिंदू-
- 9 जून 2016 को पीएम मोदी ने सुरक्षित मातृत्व योजना की शुरूआत की थी.
- इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जांच की जाती है.
- हर माह के नौवें दिन गर्भवती महिला के लिए की जाती है मातृत्व दिवस का आयोजन.
- यह योजना शिशु के स्वास्थ्य की भी जांच के लिए प्रावधान बनाती है.
- इस योजना के अंतर्गत वे महिलाएं आती हैं, जिनका गर्भ 3 माह से 6 माह तक का समय हो चुका है.
- शहरी क्षेत्रों में निवास नहीं करने वाली गर्भवती महिलाओं को किया जाता है शामिल.
- ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य और गर्भधारण के प्रति किया जाता है जागरूक.
महिलाएं गर्भावस्था में अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाती हैं और समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण अथवा स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में उनकी मौत भी हो जाती है. इसके अलावा उनका शिशु भी मृत पैदा होता है या कमजोर स्वास्थ्य वाला होता है. इस योजना के तहत इन सभी समस्याओं का उपाय खोजने की कोशिश की गई है. सामान्यता जब एक गर्भवती महिला होती है तो उसे अनेक प्रकार की स्वास्थ संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए गर्भवती महिलाओं को जागरूक भी किया जाता है.