लखनऊ: बरसात जल्द दस्तक देने वाली है, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़े पैमाने पर वर्षों पुरानी बिल्डिंग मौजूद हैं, जो जर्जर हो गई हैं. इनमें या तो लोग रह रहे हैं या कमर्शियल एक्टिविटीज की जा रही हैं. ऐसे में एक बार फिर राजधानी में बीते हादसों की यादें ताजा हो जाती हैं, दरअसल बीते साल में बरसात के मौसम में जर्जर बिल्डिंगों के गिरने से कई लोगों की जान चली गई थी. इसके बावजूद नगर निगम आंखे मूंदे हुए है.
प्रशासन ने बिल्डिंग गिराने के दिए थे निर्देश
पिछले वर्ष जब बारिश हुई और बारिश के चलते जर्जर बिल्डिंगें गिरीं तो कई लोगों की जान चली गई. इसके जिला प्रशासन ने पुरानी बिल्डिंगों को गिराने के निर्देश नगर निगम को दिए थे. हादसों के बाद भी नगर निगम ने अभी तक सीख नहीं ली है और 1 साल बीतने के बाद भी राजधानी लखनऊ में बड़े पैमाने पर ऐसी बिल्डिंगें मौजूद है जो जर्जर हो गईं हैं. जर्जर होने के कारण बरसात में इनके गिरने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. अगर समय रहते नगर निगम के अधिकारी नहीं चेते तो पिछले वर्ष की तरह इस बार भी जर्जर बिल्डिंगों के चलते लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दिए थे निर्देश
प्रदेश में पिछले वर्ष जिस तरीके से बिल्डिंग गिरी और लोगों की जान गई, उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी निगमों को निर्देशित करते हुए पुरानी और जर्जर बिल्डिंगों को गिराने का आदेश दिया था. जिला प्रशासन लखनऊ में भी अभियान चलाकर को इनको खाली कराने का काम किया गया था, लेकिन जैसे ही बरसात खत्म हुई अभियान भी थम गया. अब जब फिर से बरसात आने वाली है तो लोगों में दहशत व्याप्त है. नगर निगम के अधिकारी सुस्त पड़े हुए हैं. डर इस बात का है कि कहीं नगर निगम के अधिकारियों की सुस्ती लोगों के मौत का कारण बन जाए.
जिला प्रशासन की ओर से नगर निगम अधिकारियों को पुरानी और जर्जर बिल्डिंग को गिराने के लिए निर्देशित किया गया है. जल्द ही ऐसी बिल्डिंग को गिराने का काम किया जाएगा जो जर्जर हो चुकी हैं और जिनसे जान का खतरा बना हुआ है.
-एडीएम सिटी वैभव मिश्रा