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आगरा: टीबी मरीजों की डिटेल न देने पर 200 डॉक्टरों को नोटिस, कई के खिलाफ FIR दर्ज

जिला क्षय रोग अधिकारी ने जिले के 200 निजी क्लीनिक संचालक चिकित्सक चिह्नित किए हैं. उन्हें गजट नोटिफिकेशन 2018 की आईपीसी की धारा 269, 270 और भारत सरकार के आदेशों के उल्लंघन करने पर नोटिस दिया गया है. चार से ज्यादा चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है.

आगरा में 75 टीबी के नए मरीज आए सामने.
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Published : Jun 24, 2019, 12:35 PM IST

Updated : Jun 24, 2019, 2:43 PM IST

आगरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का सपना देख रहे हैं. इसी मंशा से देशभर में टीबी के मरीजों की खोज और उपचार के लिए योजनाएं व अभियान चलाए जा रहे हैं. आगरा में भी टीबी के मरीजों की खोज के लिए अभियान चलाया गया, जिसमें 75 टीबी के नए मरीज सामने आए.

वहीं कई ऐसे चिकित्सक भी सामने आए, जो अपने क्लीनिक या हॉस्पिटल में टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन इन मरीजों की जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी को नहीं भेज रहे हैं. इस वजह से टीबी से पीड़ित अभी तक केंद्र सरकार की निश्चय योजना का भी लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

आगरा में 75 टीबी के नए मरीज आए सामने.
  • जिले में 10 जून से 22 जून तक सक्रिय क्षय (टीबी) रोग अभियान चला गया.
  • यह अभियान 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लिए ही चलाया गया.
  • इसमें घर-घर जाकर जिले में पांच लाख की आबादी को अभियान में शामिल किया गया.
  • इसमें 167 टीमों, 32 सुपरवाइजर सहित 500 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों ने रोगियों को स्क्रीन किया, जिनमें 75 टीबी के मरीज मिले हैं.
  • सभी मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है.

जिले में तमाम ऐसे निजी क्लीनिक और चिकित्सक हैं जो टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन उन मरीजों का नोटिफिकेशन विभाग को नहीं भेज रहे हैं. इस वजह से जिले के टीबी के मरीजों की सही संख्या भी सामने नहीं आ पा रही है. ऐसे चिकित्सकों को चिन्हित करके 200 निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालक चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है.

टीबी के मरीजों का नोटिफिकेशन नहीं होने की वजह से मरीजों को आर्थिक हानि हो रही है. ऐसे मरीजों को केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली निश्चय योजना के तहत 500 रुपये की प्रति माह आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाती है.

प्रधानमंत्री के 2025 तक टीबी रोग मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी के हर मरीज का नोटिफिकेशन होना जरूरी है. इसलिए गजट नोटिफिकेशन के हिसाब से जिले के 200 चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है. कई चिकित्सकों के खिलाफ नोटिफिकेशन की धारा के तहत एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. अन्य चिकित्सकों के खिलाफ एफआई आर कराने की तैयारी है.

डॉ. यूबी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी.

आगरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का सपना देख रहे हैं. इसी मंशा से देशभर में टीबी के मरीजों की खोज और उपचार के लिए योजनाएं व अभियान चलाए जा रहे हैं. आगरा में भी टीबी के मरीजों की खोज के लिए अभियान चलाया गया, जिसमें 75 टीबी के नए मरीज सामने आए.

वहीं कई ऐसे चिकित्सक भी सामने आए, जो अपने क्लीनिक या हॉस्पिटल में टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन इन मरीजों की जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी को नहीं भेज रहे हैं. इस वजह से टीबी से पीड़ित अभी तक केंद्र सरकार की निश्चय योजना का भी लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

आगरा में 75 टीबी के नए मरीज आए सामने.
  • जिले में 10 जून से 22 जून तक सक्रिय क्षय (टीबी) रोग अभियान चला गया.
  • यह अभियान 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लिए ही चलाया गया.
  • इसमें घर-घर जाकर जिले में पांच लाख की आबादी को अभियान में शामिल किया गया.
  • इसमें 167 टीमों, 32 सुपरवाइजर सहित 500 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों ने रोगियों को स्क्रीन किया, जिनमें 75 टीबी के मरीज मिले हैं.
  • सभी मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है.

जिले में तमाम ऐसे निजी क्लीनिक और चिकित्सक हैं जो टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन उन मरीजों का नोटिफिकेशन विभाग को नहीं भेज रहे हैं. इस वजह से जिले के टीबी के मरीजों की सही संख्या भी सामने नहीं आ पा रही है. ऐसे चिकित्सकों को चिन्हित करके 200 निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालक चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है.

टीबी के मरीजों का नोटिफिकेशन नहीं होने की वजह से मरीजों को आर्थिक हानि हो रही है. ऐसे मरीजों को केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली निश्चय योजना के तहत 500 रुपये की प्रति माह आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाती है.

प्रधानमंत्री के 2025 तक टीबी रोग मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी के हर मरीज का नोटिफिकेशन होना जरूरी है. इसलिए गजट नोटिफिकेशन के हिसाब से जिले के 200 चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है. कई चिकित्सकों के खिलाफ नोटिफिकेशन की धारा के तहत एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. अन्य चिकित्सकों के खिलाफ एफआई आर कराने की तैयारी है.

डॉ. यूबी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी.

Intro:आगरा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सन् 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का सपना देख रहे हैं. इसी मंशा से देशभर में टीबी के मरीजों की खोज और उपचार के लिए योजनाएं व अभियान चलाए जा रहे हैं. आगरा में भी टीबी के मरीजों की खोज के लिए अभियान चलाया गया, जिसमें 75 टीबी के नए मरीज सामने आए. वहीं, कई ऐसे चिकित्सक भी सामने आए, जो अपने क्लीनिक या हास्पिटल में टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन इन मरीजों की जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी को नहीं भेज रहे हैं. इस वजह से टीबी से पीड़ित अभी तक केंद्र सरकार की निश्चय योजना का भी लाभ नहीं ले पा रहे हैं. इस पर जिला क्षय रोग अधिकारी ने जिले के 200 निजी क्लीनिक संचालक चिकित्सक चिह्नित किए और उन्हें गजट नोटिफिकेशन 2018 की आईपीसी की धारा 269, 270 और भारत सरकार के आदेशों के उलंघन करने पर नोटिस दिया गया है. चार से ज्यादा चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है और अन्य खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है. इससे चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है.



Body:जिले में 10 जून से 22 जून तक सक्रिय क्षय (टीबी) रोग अभियान चला गया. यह अभियान 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लिए ही चलाया गया. जिसमें घर घर जाकर जिले में पांच लाख की आबादी को अभियान में शामिल किया गया. इसमें 167 टीमों, 32 सुपरवाइजर सहित 500 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों ने 4 .17 रोगियों की स्क्रीन किया गया जिनमें से 75 टीबी के मरीज मिले हैं. सभी मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि जिले में तमाम ऐसे निजी क्लीनिक और चिकित्सक हैं,जो टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन उन मरीजों का नोटिफिकेशन विभाग को नहीं भेज रहे हैं. इस वजह से जिले के टीबी के मरीजों की सही संख्या भी सामने नहीं आ पा रही है. इसलिए ऐसे चिकित्सकों को चिन्हित करके 200 निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालक चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है. जो टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन उनकी जानकारी विभाग को नहीं दे रहे हैं. टीबी के मरीजों का नोटिफिकेशन नहीं होने की वजह से मरीजों को आर्थिक हानि हो रही है. ऐसे मरीजों को केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली निश्चय योजना के तहत ₹500 की प्रति माह आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाती है.
क्योंकि प्रधानमंत्री के 2025 तक टीबी रोग मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी के हर मरीज का नोटिफिकेशन होना जरूरी है. इसलिए गजट नोटिफिकेशन के हिसाब से जिले के 200 चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है. कई चिकित्सकों के खिलाफ नोटिफिकेशन की धारा के तहत एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. और दूसरे अन्य चिकित्सकों के खिलाफ एफआई आर कराने की तैयारी है.



Conclusion: जिले में 200 से ज्यादा निजी क्लीनिक चिकित्सक टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं. मगर विभाग को ऐसे मरीजों का रिकॉर्ड भेज रहे हैं. इसलिए जिला क्षय रोग अधिकारी ने 200 चिकित्सकों को दी नोटिस दिया और कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. जिला क्षय रोग अधिकारी की इस कार्यवाही से अब चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है. टीबी के रोगियों का सही नोटिफिकेशन नहीं होने से उन्हें निश्चय योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है.
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जिला क्षय रोग अधिकारी की बाइट.

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
Last Updated : Jun 24, 2019, 2:43 PM IST
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