आगरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का सपना देख रहे हैं. इसी मंशा से देशभर में टीबी के मरीजों की खोज और उपचार के लिए योजनाएं व अभियान चलाए जा रहे हैं. आगरा में भी टीबी के मरीजों की खोज के लिए अभियान चलाया गया, जिसमें 75 टीबी के नए मरीज सामने आए.
वहीं कई ऐसे चिकित्सक भी सामने आए, जो अपने क्लीनिक या हॉस्पिटल में टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन इन मरीजों की जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी को नहीं भेज रहे हैं. इस वजह से टीबी से पीड़ित अभी तक केंद्र सरकार की निश्चय योजना का भी लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
- जिले में 10 जून से 22 जून तक सक्रिय क्षय (टीबी) रोग अभियान चला गया.
- यह अभियान 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लिए ही चलाया गया.
- इसमें घर-घर जाकर जिले में पांच लाख की आबादी को अभियान में शामिल किया गया.
- इसमें 167 टीमों, 32 सुपरवाइजर सहित 500 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों ने रोगियों को स्क्रीन किया, जिनमें 75 टीबी के मरीज मिले हैं.
- सभी मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है.
जिले में तमाम ऐसे निजी क्लीनिक और चिकित्सक हैं जो टीबी के मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन उन मरीजों का नोटिफिकेशन विभाग को नहीं भेज रहे हैं. इस वजह से जिले के टीबी के मरीजों की सही संख्या भी सामने नहीं आ पा रही है. ऐसे चिकित्सकों को चिन्हित करके 200 निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालक चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है.
टीबी के मरीजों का नोटिफिकेशन नहीं होने की वजह से मरीजों को आर्थिक हानि हो रही है. ऐसे मरीजों को केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली निश्चय योजना के तहत 500 रुपये की प्रति माह आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाती है.
प्रधानमंत्री के 2025 तक टीबी रोग मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी के हर मरीज का नोटिफिकेशन होना जरूरी है. इसलिए गजट नोटिफिकेशन के हिसाब से जिले के 200 चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है. कई चिकित्सकों के खिलाफ नोटिफिकेशन की धारा के तहत एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. अन्य चिकित्सकों के खिलाफ एफआई आर कराने की तैयारी है.
डॉ. यूबी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी.