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कानपुर: हड्डी और नेत्र रोगियों को मिलेगी राहत, मांगी ये अनुमति

उत्तर प्रदेश के कानपुर के हैलट अस्पताल में हड्डी और आंख के मरीजों की परेशानियां अब दूर होने वाली हैं. ऐसे मरीजों को अब इलाज में इस्तेमाल होने वाले महंगे सामानों को बाहर से खरीदने की जरूरत नहीं होगी. अब अस्पताल में ही मरीजों को इससे जुड़ी सुविधाएं जल्द मिलने लगेंगी.

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Published : Nov 11, 2020, 8:04 PM IST

रोगियों को होगी सुविधा
रोगियों को होगी सुविधा

कानपुर: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट हॉस्पिटल में हड्डी और आंख के मरीजों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा. हड्डी जोड़ने में इस्तेमाल होने वाले इम्प्लांट और मोतियाबिंद ऑपरेशन में लगने वाले महंगे लेंस भी नहीं खरीदने पड़ेंगे. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने शासन को पत्र लिखकर इम्प्लांट और लेंस मुहैया कराने के लिए टेंडर कराने की अनुमति मांगी है. इसके बाद जल्द ही मरीजों को हॉस्पिटल में ही ये दोनों चीज़ें मिलने लगेंगी.

एसजीपीजीआई और केजीएमयू की तर्ज पर होगी शुरुआत

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर बी कमल ने बताया कि एसजीपीजीआई और केजीएमयू की तर्ज पर यहां भी इम्प्लांट और लेंस की व्यवस्था करने के लिए डीजीएमई के माध्यम से शासन को पत्र भेजा गया है. हड्डी, नेत्र रोग, सर्जन, न्यूरो सर्जरी विभाग से सूची मंगाई गई है. शासन से अनुमति मिलने पर टेंडर निकालकर रेट कांट्रैक्ट किया जाएगा.

व्यवस्था न होने से रोज होता है हंगामा

हैलेट हॉस्पिटल स्थित ऑर्थोपेडिक विभाग और नेत्र रोग विभाग में रोज ऑपरेशन होते हैं. इसमें हड्डियां जोड़ने के लिए इंप्लांट रॉड, स्क्रू का इस्तेमाल होता है. नेत्र विभाग में रोज मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने की वजह से लेंस की आवश्यकता पड़ती है. अस्पताल में इनकी व्यवस्था ना होने की वजह डॉक्टर इन्हें बाहर से मंगवाते हैं. इसको लेकर आए दिन हंगामा होता है. डॉक्टर पर पैसे लेने का आरोप भी लगता है.

कानपुर: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट हॉस्पिटल में हड्डी और आंख के मरीजों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा. हड्डी जोड़ने में इस्तेमाल होने वाले इम्प्लांट और मोतियाबिंद ऑपरेशन में लगने वाले महंगे लेंस भी नहीं खरीदने पड़ेंगे. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने शासन को पत्र लिखकर इम्प्लांट और लेंस मुहैया कराने के लिए टेंडर कराने की अनुमति मांगी है. इसके बाद जल्द ही मरीजों को हॉस्पिटल में ही ये दोनों चीज़ें मिलने लगेंगी.

एसजीपीजीआई और केजीएमयू की तर्ज पर होगी शुरुआत

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर बी कमल ने बताया कि एसजीपीजीआई और केजीएमयू की तर्ज पर यहां भी इम्प्लांट और लेंस की व्यवस्था करने के लिए डीजीएमई के माध्यम से शासन को पत्र भेजा गया है. हड्डी, नेत्र रोग, सर्जन, न्यूरो सर्जरी विभाग से सूची मंगाई गई है. शासन से अनुमति मिलने पर टेंडर निकालकर रेट कांट्रैक्ट किया जाएगा.

व्यवस्था न होने से रोज होता है हंगामा

हैलेट हॉस्पिटल स्थित ऑर्थोपेडिक विभाग और नेत्र रोग विभाग में रोज ऑपरेशन होते हैं. इसमें हड्डियां जोड़ने के लिए इंप्लांट रॉड, स्क्रू का इस्तेमाल होता है. नेत्र विभाग में रोज मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने की वजह से लेंस की आवश्यकता पड़ती है. अस्पताल में इनकी व्यवस्था ना होने की वजह डॉक्टर इन्हें बाहर से मंगवाते हैं. इसको लेकर आए दिन हंगामा होता है. डॉक्टर पर पैसे लेने का आरोप भी लगता है.

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