सुल्तानपुर: जिला महिला अस्पताल का में लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है. जहां आखिरी चिकित्सक के स्थानांतरण बाद किसी भी डॉक्टर की आईसीयू में तैनाती नहीं की गई है और यहां नवजात शिशु का जीवन दांव पर लगा हुआ है. वहीं गरीब मरीजों के सामने ये चुनौती है कि वो नवजात शिशु को लेकर कहां जाएं.
लापरवाही का ये है आलम
- जिला महिला अस्पताल में पहले सिक न्यू वार्न केयर यूनिट नहीं हुआ करती थी.
- नवजात शिशु की हालत नाजुक होने के बाद तीमारदारों को निजी अस्पताल में लेकर जाना होता था.
- निजी अस्पताल में प्रतिदिन के हिसाब से मोटी रकम अदा करनी पड़ती थी.
- जिसकी वजह से अधिकांश शिशुओं की मौत हो जाती थी.
- इसे देखते हुए शासन ने सुल्तानपुर जिला अस्पताल में एनएसयूआई यानी इंटेंसिव केयर यूनिट खोलने का आदेश दिया.
- मशीन आई और केयर यूनिट संचालित कर दिया गया.
- इसके बाद यहां डॉक्टरों की कमी हो गई.
- सामान्य बाल रोग विशेषज्ञ के सहारे अति गहन चिकित्सा यूनिट का संचालन कराया जा रहा है.
- वहीं अस्पताल प्रशासन पत्र लिखकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रहा है.
आखिरी डॉक्टर जाने के बाद आठ- आठ घंटे की तीन शिफ्ट में नियमित निगरानी नहीं हो पा रही है. इसके लिए शासन को पत्र लिखा गया है. बाल रोग चिकित्सक के सहारे यूनिट का संचालन कराया जा रहा है.
उर्मिला चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक