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नगरीय सीमा में बढ़े 58 हजार नए मकान, मालिकों को नगर निगम प्रशासन ने भेजा नोटिस - वाराणसी नगर निगम

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हैदराबाद की जिओग्राफिकल एंटीग्रेटेड सिस्टम कंपनी के सहयोग से शहरी सीमा में बड़े मकानों का सर्वे कराया जा रहा है. कंपनी ने 2138 ऐसे लापता भवनों के बारे में नगर निगम प्रशासन को जानकारी दी है, जिनके भवन स्वामी उस भवन में नहीं रहते हैं. ऐसे भवनों पर नगर निगम प्रशासन की ओर से नोटिस चस्पा कर दी गई है.

नगर निगम वाराणसी.
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Published : Oct 7, 2020, 7:48 PM IST

वाराणसी: जिले में नगर निगम प्रशासन द्वारा हैदराबाद की जिओग्राफिकल एंटीग्रेटेड सिस्टम कंपनी के सहयोग से शहरी सीमा में बड़े मकानों का सर्वे कराया जा रहा है. इसी सर्वे के तहत कंपनी ने नगरीय क्षेत्र में बीते 30 सितंबर तक 58 हजार नए भवनों को चिन्हित किया गया. कंपनी ने 2138 ऐसे लापता भवनों के बारे में नगर निगम प्रशासन को जानकारी दी है, जिनके भवन स्वामी उस भवन में नहीं रहते हैं.

50 करोड़ तक मिलेगा राजस्व
वाराणसी नगर निगम द्वारा शहरी सीमा में बड़े 58 हजार मकानों से गृहकर वसूली की तैयारी की जा रही है. बता दें कि नगरी सीमा में 58 हजार मकान बढ़ गए हैं. यह जानकारी जीआईएस सर्वे से संभव हो सकी है. इन मकानों की ऑनलाइन मैपिंग भी हो चुकी है. नगर निगम प्रशासन द्वारा संबंधित भवन स्वामियों को दस्तावेजों के साथ कार्यालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस भी भेज दी गई है. इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि गृहकर के तौर पर बड़े मकानों से 50 करोड़ तक की राजस्व प्राप्ति हो सकती है.

नगर निगम प्रशासन, हैदराबाद की जिओग्राफिकल एंटीग्रेटेड सिस्टम के सहयोग से शहरी सीमा में बड़े मकानों का सर्वे करा रहा है. नगर निगम ने कंपनी को 9 माह में नगरी सीमा में सर्वे करने का लक्ष्य दिया है. जिसमें शहरी क्षेत्र के भवनों का खाका तैयार करते हुए पेयजल लाइन, सिविल लाइन, स्ट्रीट लाइट, सड़क और हाउस टैक्स की जोनवार पड़ताल कर आए को बढ़ाना था. इस कार्य के तहत कंपनी ने बीते 30 सितंबर तक सर्वे में 58 हजार नए भवनों को चिन्हित किया है. वहीं कंपनी को 31 दिसंबर तक सर्वे का काम पूरा कर लेना है. बता दें कि अभी तक नगर निगम की नगरी सीमा में कुल 2 लाख 2 हजार 169 भवन थे. जो अब कंपनी द्वारा सर्वे के बाद 2 लाख 60 हजार हो गए हैं.

भवनों पर चिपकाया गया नोटिस
इस संदर्भ में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि इस सैटेलाइट आधारित सर्वे से नगर निगम के आय में बढ़ोतरी होगी. नगर निगम के एक-एक भवन की पड़ताल होने से असल स्थिति का भी पता चल रहा है. जिसमें व्यवसायिक और आवासीय भवनों को अलग अलग किया गया है. मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि जीआईएस सर्वे में ऐसे भवन मिले हैं, जो बंद है. भवन स्वामी यहां नहीं रहते. पड़ोसियों को भी उनके बारे में जानकारी नहीं है और नगरीय सीमा में ऐसे भवनों की संख्या 2138 है. वहीं पीके द्विवेदी ने आगे बताया कि ऐसे भवनों पर नगर निगम प्रशासन की ओर से नोटिस चस्पा कर दी गई है.

वाराणसी: जिले में नगर निगम प्रशासन द्वारा हैदराबाद की जिओग्राफिकल एंटीग्रेटेड सिस्टम कंपनी के सहयोग से शहरी सीमा में बड़े मकानों का सर्वे कराया जा रहा है. इसी सर्वे के तहत कंपनी ने नगरीय क्षेत्र में बीते 30 सितंबर तक 58 हजार नए भवनों को चिन्हित किया गया. कंपनी ने 2138 ऐसे लापता भवनों के बारे में नगर निगम प्रशासन को जानकारी दी है, जिनके भवन स्वामी उस भवन में नहीं रहते हैं.

50 करोड़ तक मिलेगा राजस्व
वाराणसी नगर निगम द्वारा शहरी सीमा में बड़े 58 हजार मकानों से गृहकर वसूली की तैयारी की जा रही है. बता दें कि नगरी सीमा में 58 हजार मकान बढ़ गए हैं. यह जानकारी जीआईएस सर्वे से संभव हो सकी है. इन मकानों की ऑनलाइन मैपिंग भी हो चुकी है. नगर निगम प्रशासन द्वारा संबंधित भवन स्वामियों को दस्तावेजों के साथ कार्यालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस भी भेज दी गई है. इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि गृहकर के तौर पर बड़े मकानों से 50 करोड़ तक की राजस्व प्राप्ति हो सकती है.

नगर निगम प्रशासन, हैदराबाद की जिओग्राफिकल एंटीग्रेटेड सिस्टम के सहयोग से शहरी सीमा में बड़े मकानों का सर्वे करा रहा है. नगर निगम ने कंपनी को 9 माह में नगरी सीमा में सर्वे करने का लक्ष्य दिया है. जिसमें शहरी क्षेत्र के भवनों का खाका तैयार करते हुए पेयजल लाइन, सिविल लाइन, स्ट्रीट लाइट, सड़क और हाउस टैक्स की जोनवार पड़ताल कर आए को बढ़ाना था. इस कार्य के तहत कंपनी ने बीते 30 सितंबर तक सर्वे में 58 हजार नए भवनों को चिन्हित किया है. वहीं कंपनी को 31 दिसंबर तक सर्वे का काम पूरा कर लेना है. बता दें कि अभी तक नगर निगम की नगरी सीमा में कुल 2 लाख 2 हजार 169 भवन थे. जो अब कंपनी द्वारा सर्वे के बाद 2 लाख 60 हजार हो गए हैं.

भवनों पर चिपकाया गया नोटिस
इस संदर्भ में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि इस सैटेलाइट आधारित सर्वे से नगर निगम के आय में बढ़ोतरी होगी. नगर निगम के एक-एक भवन की पड़ताल होने से असल स्थिति का भी पता चल रहा है. जिसमें व्यवसायिक और आवासीय भवनों को अलग अलग किया गया है. मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि जीआईएस सर्वे में ऐसे भवन मिले हैं, जो बंद है. भवन स्वामी यहां नहीं रहते. पड़ोसियों को भी उनके बारे में जानकारी नहीं है और नगरीय सीमा में ऐसे भवनों की संख्या 2138 है. वहीं पीके द्विवेदी ने आगे बताया कि ऐसे भवनों पर नगर निगम प्रशासन की ओर से नोटिस चस्पा कर दी गई है.

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