नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में आम्रपाली और रीति स्पोर्ट्स के बीच हेरा-फेरी पर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद से मामला गरम हो गया है.
वित्त मंत्री को लिखा पत्र
बायर समस्या को लेकर संघर्ष कर रही संस्था NEFOWA ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिख धोनी की कंपनी की जांच कराने की बात कही है.
'बेनामी समझौता से पैसा डायवर्ट'
सुप्रीम कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में यह साफ किया है कि बायर्स का 42 करोड़ रुपये डाइवर्ट करने की नियत से आम्रपाली ग्रुप ने क्रिकेटर धोनी और उनकी पत्नी की कंपनी रीती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और आम्रपाली माही डेवलपर्स के साथ बेनामी समझौता किया.
'एडवर्टाइजमेंट बंद होने से हुआ शक'
NEFOWA अध्यक्ष अभिषेक कुमार बताते हैं कि रांची में माही डेवलपर्स के नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड है, जिसकी डायरेक्टर साक्षी धोनी है. जब धोनी ने आम्रपाली का एडवर्टाइजमेंट बंद किया इसके बाद से ही हमें शक था.
फ्लैट बायर्स दीपांकर बताते हैं महेंद्र सिंह धोनी का चेहरा देखकर आम्रपाली लेजर वैली में साल 2014 में फ्लैट बुक किया था. वहां महेंद्र सिंह धोनी स्टेडियम भी बनना था, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि वहां पर अभी सिर्फ गड्ढा खुदा हुआ है.