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'धोनी की कंपनी में हुआ आम्रपाली बायर्स का पैसा ट्रांसफर', वित्त मंत्री को लिखी चिठ्ठी

आम्रपाली ग्रुप ने साक्षी धोनी की कंपनी रीती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और आम्रपाली माही डेवलपर्स के साथ बेनामी समझौता करके अवैध तरीके से 42 करोड़ रुपये डाइवर्ट किया है.

धोनी की कंपनी.
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Published : Jul 26, 2019, 1:39 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में आम्रपाली और रीति स्पोर्ट्स के बीच हेरा-फेरी पर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद से मामला गरम हो गया है.

धोनी की कंपनी में हुआ आम्रपाली बायर्स का पैसा ट्रांसफर.

वित्त मंत्री को लिखा पत्र
बायर समस्या को लेकर संघर्ष कर रही संस्था NEFOWA ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिख धोनी की कंपनी की जांच कराने की बात कही है.

'बेनामी समझौता से पैसा डायवर्ट'
सुप्रीम कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में यह साफ किया है कि बायर्स का 42 करोड़ रुपये डाइवर्ट करने की नियत से आम्रपाली ग्रुप ने क्रिकेटर धोनी और उनकी पत्नी की कंपनी रीती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और आम्रपाली माही डेवलपर्स के साथ बेनामी समझौता किया.

'एडवर्टाइजमेंट बंद होने से हुआ शक'
NEFOWA अध्यक्ष अभिषेक कुमार बताते हैं कि रांची में माही डेवलपर्स के नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड है, जिसकी डायरेक्टर साक्षी धोनी है. जब धोनी ने आम्रपाली का एडवर्टाइजमेंट बंद किया इसके बाद से ही हमें शक था.

फ्लैट बायर्स दीपांकर बताते हैं महेंद्र सिंह धोनी का चेहरा देखकर आम्रपाली लेजर वैली में साल 2014 में फ्लैट बुक किया था. वहां महेंद्र सिंह धोनी स्टेडियम भी बनना था, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि वहां पर अभी सिर्फ गड्ढा खुदा हुआ है.

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में आम्रपाली और रीति स्पोर्ट्स के बीच हेरा-फेरी पर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद से मामला गरम हो गया है.

धोनी की कंपनी में हुआ आम्रपाली बायर्स का पैसा ट्रांसफर.

वित्त मंत्री को लिखा पत्र
बायर समस्या को लेकर संघर्ष कर रही संस्था NEFOWA ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिख धोनी की कंपनी की जांच कराने की बात कही है.

'बेनामी समझौता से पैसा डायवर्ट'
सुप्रीम कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में यह साफ किया है कि बायर्स का 42 करोड़ रुपये डाइवर्ट करने की नियत से आम्रपाली ग्रुप ने क्रिकेटर धोनी और उनकी पत्नी की कंपनी रीती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और आम्रपाली माही डेवलपर्स के साथ बेनामी समझौता किया.

'एडवर्टाइजमेंट बंद होने से हुआ शक'
NEFOWA अध्यक्ष अभिषेक कुमार बताते हैं कि रांची में माही डेवलपर्स के नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड है, जिसकी डायरेक्टर साक्षी धोनी है. जब धोनी ने आम्रपाली का एडवर्टाइजमेंट बंद किया इसके बाद से ही हमें शक था.

फ्लैट बायर्स दीपांकर बताते हैं महेंद्र सिंह धोनी का चेहरा देखकर आम्रपाली लेजर वैली में साल 2014 में फ्लैट बुक किया था. वहां महेंद्र सिंह धोनी स्टेडियम भी बनना था, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि वहां पर अभी सिर्फ गड्ढा खुदा हुआ है.

Intro:आम्रपाली और रीति स्पोर्ट्स के बीच हेरा फेरी पर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद से मामला गरमा गया है। गौतम बुध नगर की बिल्डर बायर समस्या को लेकर संघर्ष कर रही संस्था NEFOWA ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और और शहरी विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिख धोनी की कंपनी की जांच कराने की बात कही गई है।




Body:बता दे सुप्रीम कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में यह साफ किया है कि बायर्स का 42 करोड़ रुपए डाइवर्ट करने की नियत से आम्रपाली ग्रुप ने क्रिकेटर धोनी और उनके पत्नी साक्षी धोनी की कंपनी रीती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ बेनामी समझौता किया और अवैध तरीके से पैसे को डायवर्ट किया गया।

NEFOWA अध्यक्ष अभिषेक कुमार बताते हैं कि रांची में माही डेवलपर्स के नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड है जिसकी डायरेक्टर साक्षी धोनी है। उन्होंने कहा जब धोनी ने आम्रपाली का एडवर्टाइजमेंट बंद किया इसके बाद से ही हमें शक था। मैं सुप्रीम कोर्ट की फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है कि तकरीबन 42 करोड रुपए डायवर्ट किया गया है। ये पैसा बायर्स का है इससे एंडोर्समेंट पर खर्चा नहीं किया जा सकता।


Conclusion:फ्लैट बायर्स दीपांकर बताते हैं कि अम्रपाली लेजर वैली में उन्होंने फ्लाइट बुक किया था। साल 2014 में बुक किया लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि वहां पर अभी सिर्फ गड्ढा खुदा हुआ है। बायर्स नेम महेंद्र सिंह धोनी का चेहरा देखकर फ्लैट बुक किया, वहां महेंद्र सिंह धोनी स्टेडियम भी बनाना था। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी अब आइडल नहीं रहे हैं जिस दिन हमारा सपना टूटा उस दिन उनकी विश्वसनीयता भी खत्म हो गई।
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