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देवरिया: शहीद विजय कुमार मौर्य का देर रात हुआ अंतिम संस्कार, पिता ने दी मुखाग्नि

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Published : Feb 17, 2019, 9:09 AM IST

पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले में शहीद विजय कुमार मौर्य का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव छपिया जयदेव पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा. शहीद विजय कुमार मौर्य को उनके पिता ने मुखाग्नि दी.

देवरिया

देवरिया: पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले में शहीद विजय कुमार मौर्य का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव छपिया जयदेव पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा. वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गयी. हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे.

रात 11:30 बजे हुआ अंतिम संस्कार.
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वहीं परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. उनका कहना था मुख्यमंत्री आएंगे तब अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके बाद जिलाधिकारी और एसपी के समझाने पर परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए. शहीद विजय कुमार मौर्य को उनके पिता ने मुखाग्नि दी.

सीआरपीएफ के आए जवानों ने अपने शहीद साथी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद शहीद को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना था, लेकिन शहीद विजय मौर्य के परिवारवालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और मुख्यमंत्री को बुलाने की बात करने लगे. वहां मौजूद कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन जब परिजन नहीं माने तो मंत्री जी वहां से चले गए.

इसके बाद वहां मौजूद जिलाधिकारी अमित किशोर और पुलिस अधीक्षक एन कोलांची ने परिजनों को समझाना शुरू किया और रात के 11:30 बजे परिजन शहीद का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए. वहीं कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शहीद के पत्नी और भाई से फोन पर दो बार बात की.

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मुख्यमंत्री जी और हमारी प्रदेश सरकार शहीदों के लिए इतने संवेदनशील हैं कि उन्होंने शुक्रवार को ही जिले की प्रभारी मंत्री को शहीद के घर भेजा और सरकार की तरफ से आर्थिक मदद के रूप में शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी को 20 लाख और पिता को 5 लाख का चेक दिया. जिलाप्रशासन के लोग शुरू से शहीद परिवार के साथ लगे थे हम उनको आभार प्रकट करते हैं और शहीद परिवार को सरकार की तरफ से आगे जो भी मदद हो सकेगी की जाएगी.

देवरिया: पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले में शहीद विजय कुमार मौर्य का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव छपिया जयदेव पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा. वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गयी. हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे.

रात 11:30 बजे हुआ अंतिम संस्कार.
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वहीं परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. उनका कहना था मुख्यमंत्री आएंगे तब अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके बाद जिलाधिकारी और एसपी के समझाने पर परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए. शहीद विजय कुमार मौर्य को उनके पिता ने मुखाग्नि दी.

सीआरपीएफ के आए जवानों ने अपने शहीद साथी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद शहीद को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना था, लेकिन शहीद विजय मौर्य के परिवारवालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और मुख्यमंत्री को बुलाने की बात करने लगे. वहां मौजूद कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन जब परिजन नहीं माने तो मंत्री जी वहां से चले गए.

इसके बाद वहां मौजूद जिलाधिकारी अमित किशोर और पुलिस अधीक्षक एन कोलांची ने परिजनों को समझाना शुरू किया और रात के 11:30 बजे परिजन शहीद का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए. वहीं कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शहीद के पत्नी और भाई से फोन पर दो बार बात की.

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मुख्यमंत्री जी और हमारी प्रदेश सरकार शहीदों के लिए इतने संवेदनशील हैं कि उन्होंने शुक्रवार को ही जिले की प्रभारी मंत्री को शहीद के घर भेजा और सरकार की तरफ से आर्थिक मदद के रूप में शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी को 20 लाख और पिता को 5 लाख का चेक दिया. जिलाप्रशासन के लोग शुरू से शहीद परिवार के साथ लगे थे हम उनको आभार प्रकट करते हैं और शहीद परिवार को सरकार की तरफ से आगे जो भी मदद हो सकेगी की जाएगी.

Intro:देवारिया जम्बू के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुये आतंकी हमले में शहीद हुये विजय कुमार मौर्य का पार्थिक शरीर उनके गाँव छपिया जयदेव पहुचते ही उनके साथ जन सैलाब उमड़ पड़ा। पार्थिक शरीर घर पहुचते ही घर मे कोहराम मच गया। सबकी आंखे नम हो गयी । हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगने लगे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे। वही परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिये उनका कहना था मुख्यमंत्री आयेंगे तब होगा अंतिम संस्कार जिसके बाद जिलाधिकारी और एसपी के समझाने पर परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हुये।


Body:शहीद विजय कुमार मौर्य का पार्थिक शरीर उनके गांव छपिया जयदेव पहुचते ही परिवार में कोहराम मच गया । शहीद को देखने के लिये जन सैलाब उमड़ पड़ा । शहीद का पार्थिक शरीर देख लोगो ने आंखे नम हो गयी लोगो में काफी आक्रोश था जिसके बाद हिन्दुतान जिन्दाबाद के नारे लगने लगे और पाकिस्तान मुर्दाबाद इस दौरान सीआरपीएफ के आये जवानों ने अपने शहीद साथी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जिसके बाद शहीद की अंतिम संस्कार के लिये ले जाना था लेकिन शहीद विजय मौर्य के परिवार वालो ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और मुख्यमंत्री को बुलाने की बात करने लगे। जब तक मुख्यमंत्री नही आयेंगे तब तक अंतिम संस्कार नही होगा। वहाँ मौजूद केबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल परिजनों को समझाने में लगे रहे। लेकिन काफी प्रयास करने के बाद भी परिजन नही माने। जब परिजन नही माने तो मंत्री जी वहाँ से निकल लिये।

इसके बाद वहाँ मौजूद जिलाधिकारी अमित किशोर और पुलिस अधीक्षक एन कोलांची ने परिजनों को समझाना शुरू किया और रात के 11:30 बजे परिजन शहीद की अंतिम संस्कार करने के लिये तैयार हुये।


Conclusion:वही कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना था कि हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शहीद के पत्नी और भाई से फोन पर दो बार बात की मुख्यमंत्री जी और हमारी प्रदेश सरकार शहीदों के लिये इतने संवेदनशील है की उन्होंने कल ही जिले की प्रभारी मंत्री जी को शहीद के घर भेजा और सरकार की तरफ से आर्थिक मदत के रूप में शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी को 20 लाख और पिता को 5 लाख का चेक दिया । शहीद का अंतिम संस्कार किया गया । जिलाप्रशासन के लोग शुरू से शहीद परिवार के साथ लगे थे हम उनको आभार प्रकट करता हु और शहीद परिवार को सरकार की तरफ से आगे जो भी मदत हो कि जायेगी।
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