आगरा: उग्रवादियों से मुठभेड़ में लोहा लेते हुए आगरा के लाल अमित चतुर्वेदी वीरगति को प्राप्त हो गए. सोमवार को उनका पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा. वहीं शहीद अमित चतुर्वेदी के पिता रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है.
शहीद के पिता ने कही ये बातें
- शायद वह इसी के लिए पैदा हुआ था. जहां पर पैदा हुआ और वहीं पर उसने शहादत पाई. उसने हमारा सिर सबसे ऊंचा कर दिया.
- मैं खुद देश की सीमाओं पर तैनात रहा और मेरे तीनों बेटे भी सेना में भर्ती हुए.
- अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी का जन्म 3 जून 1994 को अरुणाचल में हुआ था.
- दोनों जुड़वां हैं. तब उनकी पोस्टिंग अरुणाचल में थी. बेटे अमित चतुर्वेदी की शहादत पर गर्व है.
- सेना और सरकार की तरफ से उन्हें जो आर्थिक मदद मिलेगी, उस धनराशि को वह सैनिक कल्याण वेलफेयर एसोसिएशन को दान कर देंगे.
रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी के इस कदम की अब सराहना चारों ओर हो रही. क्योंकि बेटे की अभी चिता भी ठंडी नहीं हुई थी उससे पहले ही परिवार ने एक और त्याग कर दिया, जिससे दूसरे सैनिक परिवारों को आर्थिक मदद हो सकेगी.
आगरा के कागारौल थाना के गांव बीसलपुर निवासी रामवीर चतुर्वेदी सेना से रिटायर्ड सूबेदार हैं. उनके तीन बेटे सुमित चतुर्वेदी, अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी भी सेना में हैं. अमित और अरुण चतुर्वेदी जुड़वां भाई हैं. शहीद अमित चतुर्वेदी 1 अप्रैल 2014 को 17 पैरा फील्ड रेजीमेंट में भर्ती हुए और 2 साल से उनकी यूनिट अरुणाचल में टू-माउंटेन में तैनात है.