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आगरा: शहीद के पिता ने आर्थिक मदद को दान करने का किया ऐलान - आगरा में शहीद की अंतिम यात्रा

अरुणाचल प्रदेश से सोमवार को तिरंगे में लिपटा 25 वर्षीय शहीद अमित चतुर्वेदी का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो सभी की आंखें नम हो गई. शहीद अमित चतुर्वेदी के पिता रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी ने बताया कि उन्हें बेटे के शहादत पर गर्व है. इस दौरान उन्होंने कहा कि वे सरकार से मिली आर्थिक मदद को दान कर देंगे.

अमित चतुर्वेदी का पार्थिव शरीर
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Published : Jun 3, 2019, 7:17 PM IST

आगरा: उग्रवादियों से मुठभेड़ में लोहा लेते हुए आगरा के लाल अमित चतुर्वेदी वीरगति को प्राप्त हो गए. सोमवार को उनका पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा. वहीं शहीद अमित चतुर्वेदी के पिता रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है.

अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए अमित चतुर्वेदी.

शहीद के पिता ने कही ये बातें

  • शायद वह इसी के लिए पैदा हुआ था. जहां पर पैदा हुआ और वहीं पर उसने शहादत पाई. उसने हमारा सिर सबसे ऊंचा कर दिया.
  • मैं खुद देश की सीमाओं पर तैनात रहा और मेरे तीनों बेटे भी सेना में भर्ती हुए.
  • अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी का जन्म 3 जून 1994 को अरुणाचल में हुआ था.
  • दोनों जुड़वां हैं. तब उनकी पोस्टिंग अरुणाचल में थी. बेटे अमित चतुर्वेदी की शहादत पर गर्व है.
  • सेना और सरकार की तरफ से उन्हें जो आर्थिक मदद मिलेगी, उस धनराशि को वह सैनिक कल्याण वेलफेयर एसोसिएशन को दान कर देंगे.

रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी के इस कदम की अब सराहना चारों ओर हो रही. क्योंकि बेटे की अभी चिता भी ठंडी नहीं हुई थी उससे पहले ही परिवार ने एक और त्याग कर दिया, जिससे दूसरे सैनिक परिवारों को आर्थिक मदद हो सकेगी.

आगरा के कागारौल थाना के गांव बीसलपुर निवासी रामवीर चतुर्वेदी सेना से रिटायर्ड सूबेदार हैं. उनके तीन बेटे सुमित चतुर्वेदी, अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी भी सेना में हैं. अमित और अरुण चतुर्वेदी जुड़वां भाई हैं. शहीद अमित चतुर्वेदी 1 अप्रैल 2014 को 17 पैरा फील्ड रेजीमेंट में भर्ती हुए और 2 साल से उनकी यूनिट अरुणाचल में टू-माउंटेन में तैनात है.

आगरा: उग्रवादियों से मुठभेड़ में लोहा लेते हुए आगरा के लाल अमित चतुर्वेदी वीरगति को प्राप्त हो गए. सोमवार को उनका पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा. वहीं शहीद अमित चतुर्वेदी के पिता रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है.

अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए अमित चतुर्वेदी.

शहीद के पिता ने कही ये बातें

  • शायद वह इसी के लिए पैदा हुआ था. जहां पर पैदा हुआ और वहीं पर उसने शहादत पाई. उसने हमारा सिर सबसे ऊंचा कर दिया.
  • मैं खुद देश की सीमाओं पर तैनात रहा और मेरे तीनों बेटे भी सेना में भर्ती हुए.
  • अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी का जन्म 3 जून 1994 को अरुणाचल में हुआ था.
  • दोनों जुड़वां हैं. तब उनकी पोस्टिंग अरुणाचल में थी. बेटे अमित चतुर्वेदी की शहादत पर गर्व है.
  • सेना और सरकार की तरफ से उन्हें जो आर्थिक मदद मिलेगी, उस धनराशि को वह सैनिक कल्याण वेलफेयर एसोसिएशन को दान कर देंगे.

रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी के इस कदम की अब सराहना चारों ओर हो रही. क्योंकि बेटे की अभी चिता भी ठंडी नहीं हुई थी उससे पहले ही परिवार ने एक और त्याग कर दिया, जिससे दूसरे सैनिक परिवारों को आर्थिक मदद हो सकेगी.

आगरा के कागारौल थाना के गांव बीसलपुर निवासी रामवीर चतुर्वेदी सेना से रिटायर्ड सूबेदार हैं. उनके तीन बेटे सुमित चतुर्वेदी, अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी भी सेना में हैं. अमित और अरुण चतुर्वेदी जुड़वां भाई हैं. शहीद अमित चतुर्वेदी 1 अप्रैल 2014 को 17 पैरा फील्ड रेजीमेंट में भर्ती हुए और 2 साल से उनकी यूनिट अरुणाचल में टू-माउंटेन में तैनात है.

Intro:आगरा.
अरुणाचल से सोमवार को तिरंगे में लिपटा 25 वर्षीय शहीद अमित चतुर्वेदी का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो सभी की आंखें नम हो गई. उग्रवादियों से मुठभेड़ में लोहा लेते समय अमित चतुर्वेदी वीरगति को प्राप्त हुए. गांव के लाल अमित चतुर्वेदी के अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ा. सभी शहीद जवान अमित चतुर्वेदी के परिजन को ढांढस बंधा रहे थे. शहीद अमित चतुर्वेदी के पिता रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें बेटे के शहादत पर गर्व है. मैं खुद देश की सीमाओं पर तैनात रहा और मेरे तीनों बेटे भी सेना में भर्ती हुए. अभी तो बेटे भारत माता की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने ऐलान किया कि सेना और सरकार की तरफ से उन्हें आर्थिक मदद शहीद बेटे अमित चतुर्वेदी के नाम से मिलेगी, उस धनराशि को वह सैनिक कल्याण वेलफेयर एसोसिएशन को दान कर देंगे. रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी के इस कदम की अब सराहना चारों ओर हो रही. क्योंकि बेटे की अभी चिता भी ठंडी नहीं हुई थी उससे पहले ही परिवार ने एक और त्याग कर दिया. जिससे दूसरे सैनिक परिवारों को आर्थिक मदद हो सकेगी.



Body:आगरा के कागारौल थाना के गांव बीसलपुर निवासी रामवीर चतुर्वेदी सेना से रिटायर्ड सूबेदार हैं. उनके तीन बेटे सुमित चतुर्वेदी, अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी भी सेना में हैं. अमित और अरुण चतुर्वेदी जुड़वां भाई हैं.
अमित चतुर्वेदी 1 अप्रैल 2014 को 17 पैरा फील्ड रेजीमेंट में भर्ती हुए और 2 साल से उनकी यूनिट अरुणाचल में टू-माउंटेन में तैनात है.
रामवीर चतुर्वेदी ने ईटीवी भारत को बताया कि, अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी का जन्म 3 जून 1994 को अरुणाचल में हुआ था. दोनों जुड़वां हैं. तब उनकी पोस्टिंग अरुणाचल में थी. बेटे अमित चतुर्वेदी की शहादत पर गर्व है. शायद वह इसी के लिए पैदा हुआ था. जहां पर पैदा हुआ और वहीं पर उसने इस शहादत पाई. उसने हमारा सर सबसे ऊंचा कर दिया. मैं और मेरे तीनों बेटे सेना में सेवा के लिए भर्ती हुए. अभी मेरे दो बेटे और हैं जो सेना में हैं.
अमित चतुर्वेदी और अरुण चतुर्वेदी 31 मई को अमित से फोन पर बात हुई थी. तब उसने कहा था कि अभी जल्दी में हो ड्यूटी पर जा रहा है. लेकिन 2 जून का रिजर्वेशन करा लिया है और 3 जून को घर पहुंच जाएगा और अपना बर्थडे मनाएगा.
रिटायर्ड सूबेदार रामवीर चतुर्वेदी ने एक मिसाल पेश करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि केंद्र और राज सरकार से शहीद बेटे अमित चतुर्वेदी के नाम से जो भी आर्थिक मदद मिलेगी. उस आर्थिक मदद को वह खुद नहीं रखेंगे. उस धनराशि को सैनिक कल्याण वेलफेयर एसोसिएशन को दान कर देंगे.




Conclusion: रामवीर चतुर्वेदी, रिटायर्ड सूबेदार (शहीद अमित चतुर्वेदी के पिता)
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