लखनऊ: हर साल लगने वाले सनतकदा फेस्टिवल में कुछ न कुछ नया होता है. इस वर्ष इस फेस्टिवल की थीम हुस्न-ए-कारीगिरी-ए-अवध रखा गया है. इसके तहत अवध की उन तमाम विधाओं की प्रदर्शनी लगाई गई है. जो धीरे-धीरे हमारे बीच से लुप्त होती जा रही हैं. कारीगिरी के अलावा इस फेस्टिवल में देश के तमाम प्रदेशों की विधाओं और प्रसिद्ध सामानों के स्टाल्स भी लगाए गए हैं.
नवाबों की नगरी लखनऊ और अवध की कारीगिरी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इसके बावजूद तमाम ऐसी भी विधाएं हैं जिनके बारे में लोगों को पता नहीं है. उन कारीगिरी और विधाओं को जानने के लिए महिंद्रा सनतकदा फेस्टिवल का आयोजन किया गया था.
इस फेस्टिवल में भागलपुर की साड़ियां, राजस्थान के दुपट्टे, लाख की चूड़ियां, हेयर बिडिंग, ब्रेसलेट और एंकलेट्स, झुमके, खादी, रामपुर की पतंग, बोन कार्विंग से बने सामान समेत तमाम चीजें मौजूद हैं. इन स्टाल्स के अलावा यहां अवध के मशहूर जायकों के स्टॉल्स भी लगाए हैं. जहां काफी भीड़ देखने को मिल रही है. यहां नहारी कुलचे से लेकर कुल्हड़ की चाय और केसर मक्खन तक मौजूद है जिसका लुफ्त लोग उठाते दिखे.