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संत कबीर नगर जिले में पहुंचा टिडि्डयों का दल, किसान परेशान - संत कबीर नगर जिले पहुंचा टिड्डी दल

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में टिडि्डयों का आंतक देखने को मिला. किसान अपने खेतों में शंख थाली और ताली बजाकर इन्हें भगाते नजर आए. वहीं किसानों ने रासायनिक दवाओं का भी छिड़काव किया.

locust attack in sabt kabir nagar
संत कबीर नगर जिले में पहुंचा टिडि्डयों का दल
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Published : Jun 27, 2020, 4:45 PM IST

संत कबीर नगर: जिले में एकाएक टिडि्डयों का दल पहुंचने से किसानों में हड़कंप मच गया, जिसके बाद किसान अपने खेतों में पहुंचकर थाली और दवा का छिड़काव कर भगाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन टिडि्डयों का दल खेत से हटने का नाम नहीं ले रहा है. किसानों ने इसकी सूचना प्रशासन को भी दी है, लेकिन अभी तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है, जिससे किसान काफी परेशान दिख रहे हैं.

पूरा मामला संत कबीर नगर जिले का है, जहां किसान अब तक कोरोना के कहर से उबरा नहीं था कि टिडि्डयों का दल जिले में पहुंच गया. जिसके बाद किसानों में अफरा-तफरी मच गई. किसान थाली और शंख लेकर अपने खेतों में पहुंच गए और टिड्डियों को भगाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. किसान इनको भगाने के लिए दवा का भी छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन इन पर कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.

जनपद में टिडि्डयों का झुंड पहुंचने पर किसानों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी लेकिन अभी तक किसी भी स्थान पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा है, जिससे किसान अपनी फसलों के प्रति काफी परेशान दिख रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि उनके खेतों में एकाएक टिडि्डयों का दल पहुंच गया और उनके फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिनको भगाने के लिए किसान ताली, थाली और दवा का छिड़काव कर भगाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.

कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि टिडि्डयों का दल दिन में उड़ता है और रात में ज्यादा खतरनाक हो जाता है. किसानों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. एक समिति का गठन किया गया है जो टिड्डियों की हरकत पर नजर रख उचित समय पर निराकरण और समाधान कर सकेंगे.

भारत में टिड्डियों की प्रजातियां

दुनियाभर में टिड्डियों की 10 हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. लेकिन भारत में इनकी केवल चार प्रजातियां ही मिलती हैं. इसमें रेगिस्तानी टिड्डा, प्रवाजक टिड्डा, बंबई टिड्डा और पेड़ वाला टिड्डा शामिल हैं. इनमें रेगिस्तानी टिड्डों को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. ये हरे-भरे घास के मैदानों में आने पर खतरनाक रूप ले लेते हैं. कृषि अधिकारियों के अनुसार, रेगिस्तानी टिड्डों की वजह दुनिया की दस फीसद आबादी का जीवन प्रभावित हुआ है.

आपको बता दें कि एक टिड्डी दल में लाखों की संख्या में टिड्डियां होती हैं और जहां भी यह दल बैठता है,वहां फसलों तथा अन्य वनस्पतियों को चट करता हुआ चला जाता है.

टिड्डियों के बारे में

  • टिड्डियों का दल लाखों करोड़ों की संख्या में तीन से पांच किलोमीटर के दायरे में एक साथ उड़ता है.
  • टिड्डियां 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने की क्षमती रखती हैं.
  • टिड्डी दल का झुंड एक दिन में 200 किलोमीटर का रास्ता तय कर सकता है.
  • टिड्डी अपने वजन से अधिक भोजन खाती हैं.

संत कबीर नगर: जिले में एकाएक टिडि्डयों का दल पहुंचने से किसानों में हड़कंप मच गया, जिसके बाद किसान अपने खेतों में पहुंचकर थाली और दवा का छिड़काव कर भगाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन टिडि्डयों का दल खेत से हटने का नाम नहीं ले रहा है. किसानों ने इसकी सूचना प्रशासन को भी दी है, लेकिन अभी तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है, जिससे किसान काफी परेशान दिख रहे हैं.

पूरा मामला संत कबीर नगर जिले का है, जहां किसान अब तक कोरोना के कहर से उबरा नहीं था कि टिडि्डयों का दल जिले में पहुंच गया. जिसके बाद किसानों में अफरा-तफरी मच गई. किसान थाली और शंख लेकर अपने खेतों में पहुंच गए और टिड्डियों को भगाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. किसान इनको भगाने के लिए दवा का भी छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन इन पर कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.

जनपद में टिडि्डयों का झुंड पहुंचने पर किसानों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी लेकिन अभी तक किसी भी स्थान पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा है, जिससे किसान अपनी फसलों के प्रति काफी परेशान दिख रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि उनके खेतों में एकाएक टिडि्डयों का दल पहुंच गया और उनके फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिनको भगाने के लिए किसान ताली, थाली और दवा का छिड़काव कर भगाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.

कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि टिडि्डयों का दल दिन में उड़ता है और रात में ज्यादा खतरनाक हो जाता है. किसानों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. एक समिति का गठन किया गया है जो टिड्डियों की हरकत पर नजर रख उचित समय पर निराकरण और समाधान कर सकेंगे.

भारत में टिड्डियों की प्रजातियां

दुनियाभर में टिड्डियों की 10 हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. लेकिन भारत में इनकी केवल चार प्रजातियां ही मिलती हैं. इसमें रेगिस्तानी टिड्डा, प्रवाजक टिड्डा, बंबई टिड्डा और पेड़ वाला टिड्डा शामिल हैं. इनमें रेगिस्तानी टिड्डों को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. ये हरे-भरे घास के मैदानों में आने पर खतरनाक रूप ले लेते हैं. कृषि अधिकारियों के अनुसार, रेगिस्तानी टिड्डों की वजह दुनिया की दस फीसद आबादी का जीवन प्रभावित हुआ है.

आपको बता दें कि एक टिड्डी दल में लाखों की संख्या में टिड्डियां होती हैं और जहां भी यह दल बैठता है,वहां फसलों तथा अन्य वनस्पतियों को चट करता हुआ चला जाता है.

टिड्डियों के बारे में

  • टिड्डियों का दल लाखों करोड़ों की संख्या में तीन से पांच किलोमीटर के दायरे में एक साथ उड़ता है.
  • टिड्डियां 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने की क्षमती रखती हैं.
  • टिड्डी दल का झुंड एक दिन में 200 किलोमीटर का रास्ता तय कर सकता है.
  • टिड्डी अपने वजन से अधिक भोजन खाती हैं.
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