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मांगों को लेकर वाराणसी कचहरी में आज वकील देशव्यापी हड़ताल पर - हड़ताल

वाराणसी में कचहरी परिसर के वकील देशव्यापी हड़ताल के साथ जुड़ गए हैं. वकीलों का कहना है कि हम लोगों ने केंद्र सरकार से 5 सूत्री मांगें की थी. इसमें प्रमुख थी कि जो नए वकील कचहरी परिसर में प्रैक्टिस करने के लिए आ रहे हैं. उनको कम से कम 10 हजार रुपये दिए जाएं.

वकीलों का प्रदर्शन
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Published : Feb 12, 2019, 11:27 AM IST

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कचहरी परिसर के वकील देशव्यापी हड़ताल के साथ जुड़ गए हैं. वकीलों का कहना है कि जिस तरीके से सरकार ने बजट पेश किया है, उसमें वकीलों के लिए कुछ न होने की वजह से यह हड़ताल की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी जो पांच सूत्री मांगे थी, सरकार से कुछ मांगों पर न ही राज्य सरकार ने और न ही केंद्र सरकार ने ध्यान दिया. इसकी वजह से हम देशव्यापी हड़ताल करने को विवश हो गए है.

वाराणसी में आज वकीलों का प्रदर्शन.
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मंगलवार को वकील देशव्यापी हड़ताल कर रहे है. दरअसल वकीलों का कहना है कि हम लोगों ने केंद्र सरकार से 5 सूत्री मांगे की थी. जिनमें से प्रमुख रूप से मांग यह थी कि जो नए वकील कचहरी परिसर में प्रैक्टिस करने के लिए आ रहे हैं. उनको कम से कम 10 हजार दिया जाए ताकि उनका जीवन यापन हो सके.

वही इन प्रमुख पांच सूत्री मांगों में यह भी है कि जो बुजुर्ग वकील है. उन्हें पेंशन की भी व्यवस्था की जाए यही नहीं वकीलों का कहना है कि हम वकीलों का न ही एक्सीडेंटल बीमा है और न ही हमें किसी तरीके का मेडिकल फैसिलिटी मिलती है. इस और केंद्र सरकार को जरूर ध्यान देना चाहिए जिससे कि वकील आगे चलकर अपने जीवन यापन में आसानी कर सकें.

वाराणसी के वकीलों का कहना है कि हम लोगों ने पहले भी केंद्र सरकार को पत्र से मांग की थी कि यह 8 सूत्री मांगों को जरूर पूरा किया जाए और बजट में शामिल किया जाए. ताकि जो नए वकील वकालत के लिए कचहरी परिसर में आ रहे हैं उनका और उनके परिवार का जीवन यापन हो सके.

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साथ ही उन्होंने कहा कि जो वकील बुजुर्ग हो चुके हैं. उन्हें पेंशन आदि की व्यवस्था की जाए ताकि उम्र दराज हो जाने के बाद न ही वह वकालत कर पाते हैं और न ही वह कचहरी आ पाते हैं. जिसकी वजह से अनेक कठिनाइयों का सामना इन वकीलों को करना पड़ता है.

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कचहरी परिसर के वकील देशव्यापी हड़ताल के साथ जुड़ गए हैं. वकीलों का कहना है कि जिस तरीके से सरकार ने बजट पेश किया है, उसमें वकीलों के लिए कुछ न होने की वजह से यह हड़ताल की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी जो पांच सूत्री मांगे थी, सरकार से कुछ मांगों पर न ही राज्य सरकार ने और न ही केंद्र सरकार ने ध्यान दिया. इसकी वजह से हम देशव्यापी हड़ताल करने को विवश हो गए है.

वाराणसी में आज वकीलों का प्रदर्शन.
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मंगलवार को वकील देशव्यापी हड़ताल कर रहे है. दरअसल वकीलों का कहना है कि हम लोगों ने केंद्र सरकार से 5 सूत्री मांगे की थी. जिनमें से प्रमुख रूप से मांग यह थी कि जो नए वकील कचहरी परिसर में प्रैक्टिस करने के लिए आ रहे हैं. उनको कम से कम 10 हजार दिया जाए ताकि उनका जीवन यापन हो सके.

वही इन प्रमुख पांच सूत्री मांगों में यह भी है कि जो बुजुर्ग वकील है. उन्हें पेंशन की भी व्यवस्था की जाए यही नहीं वकीलों का कहना है कि हम वकीलों का न ही एक्सीडेंटल बीमा है और न ही हमें किसी तरीके का मेडिकल फैसिलिटी मिलती है. इस और केंद्र सरकार को जरूर ध्यान देना चाहिए जिससे कि वकील आगे चलकर अपने जीवन यापन में आसानी कर सकें.

वाराणसी के वकीलों का कहना है कि हम लोगों ने पहले भी केंद्र सरकार को पत्र से मांग की थी कि यह 8 सूत्री मांगों को जरूर पूरा किया जाए और बजट में शामिल किया जाए. ताकि जो नए वकील वकालत के लिए कचहरी परिसर में आ रहे हैं उनका और उनके परिवार का जीवन यापन हो सके.

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साथ ही उन्होंने कहा कि जो वकील बुजुर्ग हो चुके हैं. उन्हें पेंशन आदि की व्यवस्था की जाए ताकि उम्र दराज हो जाने के बाद न ही वह वकालत कर पाते हैं और न ही वह कचहरी आ पाते हैं. जिसकी वजह से अनेक कठिनाइयों का सामना इन वकीलों को करना पड़ता है.

Intro:एंकर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कचहरी परिसर के वकील देशव्यापी हड़ताल के साथ जुड़ गए हैं और वकीलों का कहना है कि जिस तरीके से सरकार ने बजट पेश किया है उस में वकीलों के लिए कुछ ना होने की वजह से यह हड़ताल की जा रही है और हमारी जो पांच सूत्री मांगे थी सरकार से कुछ मांगों पर ना ही राज्य सरकार ने और ना ही केंद्र सरकार ने ध्यान दिया जिसकी वजह से आज देशव्यापी हड़ताल करने को विवश है वकील


Body:वीओ: दरअसल वकीलों का कहना है कि हम लोगों ने केंद्र सरकार से 5 सूत्री मांगे की थी जिनमें से प्रमुख रूप से थी कि जो नए वकालत या जो नए वकील कचहरी परिसर में प्रैक्टिस करने के लिए आ रहे हैं उनको कम से कम ₹10000 दिया जाए ताकि उनका जीवन यापन हो सके वही इन प्रमुख पांच सूत्री मांगों में यह भी है कि जो बुजुर्ग वकील है उन्हें पेंशन की भी व्यवस्था की जाए यही नहीं वकीलों ने का कहना है कि नहीं हम वकीलों का एक्सीडेंटल बीमा है और ना ही हमें किसी तरीके का मेडिकल फैसिलिटी मिलती है इस और केंद्र सरकार को जरूर ध्यान देना चाहिए जिससे कि वकील आगे चलकर अपने जीवन यापन में सुगमता आ सके


Conclusion:वीओ: वही आपको बता दें कि तो वाराणसी के वकीलों का कहना है कि हम लोगों ने पहले भी केंद्र सरकार को पत्र से मांग की थी कि यह 8 सूत्री मांगों को जरूर पूरा किया जाए और बजट में शामिल किया जाए ताकि जो नए वकील वकालत के लिए कचहरी परिसर में आ रहे हैं उनका और उनके परिवार का जीवन यापन हो सके और जो वकील बुजुर्ग हो चुके हैं उन्हें पेंशन आदि की व्यवस्था की जाए ताकि उम्र दराज हो जाने के बाद ना ही वह वकालत कर पाते हैं और ना ही वह कचहरी आप आते हैं जिसकी वजह से अनेक कठिनाइयों का सामना इन वकीलों को करना पड़ता है जो वृद्ध हो चुके हैं उनको केंद्र सरकार जरूर पेंशन मुहैया करे ताकि उनके जीवन यापन में कोई कष्ट ना हो वहीं केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है उस बजट में ना ही वकीलों पर कोई ध्यान दिया गया है और ना ही वकीलों के पेंशन की डिमांड की गई है जिसकी वजह से आज पांच सूत्री मांगों को लेकर के देशव्यापी हड़ताल पर वकील कर रहे हैं
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