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रामपुर में वोट बनवाने के लिये हाईकोर्ट में दी दस्तक

वोट बनवाने के लिए सुखविन्दर सिंह को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. सुखविन्दर सिंह 2010 से 2015 तक जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं और दो बार नवाबगंज सहकारी समिति के चेयरमैन भी रह चुके हैं. मौजूदा समय में सुखविन्दर सिंह बसपा के जिला प्रभारी हैं.

पीड़ित सुखविन्दर सिंह
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Published : Mar 26, 2019, 3:27 AM IST

रामपुर:एक वोट की कीमत हार जीत के लिए बहुत एहमियत रखता है.कभी -कभी एक वोट की वजह से जीत कर कोई भी व्यक्ति मंत्री बन जाता है. लेकिन अगर किसी इंसान का वोट ही नहीं है तो वे इंसान नेताओं के किस काम का...जी हां, हम जो आप को बताने जा रहे हैं आप को सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन यही सच है. एक व्यक्ति को अपना वोट बदलने के लिये हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया और डीएम को वोट बनाने काआदेश दिया.

सुखविन्दर सिंह ने वोट बनवाने के लिये हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया


रामपुर की तहसील बिलासपुर के हामीदाबाद गांव में सुखविंदर सिंह अपने परिवार के साथ रहता है. पूर्व में सुखविंदर सिंह श्रीनगर गांव में रहता था जो हामीदाबाद गांव से एक किलोमीटर दूरी पर है. सुखविन्दर सिंह ने अपने पुराने गांव श्रीनगर से वोटर लिस्ट से नाम कटवा कर गांव हामीदाबाद में करने के लिए आवेदन किया था.उसकी किसी अधिकारी और कर्मचारी ने नहीं सुनी तो थक हार कर सुखविन्दर सिंह ने हाई कोर्ट की शरण ली.कोर्ट में 24 फरवरी 2018 को एक रिट दायर की जिसमें कोर्ट ने संज्ञान लिया और 7 मार्च 2018 को कोर्ट में सुनवाई हुई.कोर्ट ने डीएम को वोट बनाने के लिए आदेश दिये.

सरकार वोट बनवाने के लिये लोगों को जागरूक कर रही है और लोगों से अपने वोट बनवाने की अपील कर रही है. लेकिन एक व्यक्ति अपना वोट बनवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है और उसकी कोई सुनने वाला नहीं है.

वहीं इस मामले पर पीड़ित सुखविन्दर सिंह ने बताया कि उन्होंने बीएलओ को आवेदन दिया था. उसके बाद वहउपजिलाधिकारी से मिले उन्होंने वोट बनाने से साफ मना कर दिया. कहा तुम्हारावोट नहीं बनेगा.इसलिए मैने हाईकोर्ट की शरण ली. जिसमें कोर्ट ने डीएम साहब को नियमानुसार वोट बनाने काआदेश कियाहै.

इस मामले पर डीएम आंजनेय कुमार ने बताया एक जगह से दूसरी जगह का शिफ्टिंग का मामला था और नियम ये है कि 6 महीने तक उस जगह का निवासी होना चाहिए. पहले जो इन्होंने शरुआत में पेपर लगाये थे. वे 6 महीने तक का शो नहीं कर रहे थेअब जो इन्होंने पेपर दियाहैवोसही हैं.इसलिए हमने इनका वोट बनवाने काआदेश कर दियाहै.

रामपुर:एक वोट की कीमत हार जीत के लिए बहुत एहमियत रखता है.कभी -कभी एक वोट की वजह से जीत कर कोई भी व्यक्ति मंत्री बन जाता है. लेकिन अगर किसी इंसान का वोट ही नहीं है तो वे इंसान नेताओं के किस काम का...जी हां, हम जो आप को बताने जा रहे हैं आप को सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन यही सच है. एक व्यक्ति को अपना वोट बदलने के लिये हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया और डीएम को वोट बनाने काआदेश दिया.

सुखविन्दर सिंह ने वोट बनवाने के लिये हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया


रामपुर की तहसील बिलासपुर के हामीदाबाद गांव में सुखविंदर सिंह अपने परिवार के साथ रहता है. पूर्व में सुखविंदर सिंह श्रीनगर गांव में रहता था जो हामीदाबाद गांव से एक किलोमीटर दूरी पर है. सुखविन्दर सिंह ने अपने पुराने गांव श्रीनगर से वोटर लिस्ट से नाम कटवा कर गांव हामीदाबाद में करने के लिए आवेदन किया था.उसकी किसी अधिकारी और कर्मचारी ने नहीं सुनी तो थक हार कर सुखविन्दर सिंह ने हाई कोर्ट की शरण ली.कोर्ट में 24 फरवरी 2018 को एक रिट दायर की जिसमें कोर्ट ने संज्ञान लिया और 7 मार्च 2018 को कोर्ट में सुनवाई हुई.कोर्ट ने डीएम को वोट बनाने के लिए आदेश दिये.

सरकार वोट बनवाने के लिये लोगों को जागरूक कर रही है और लोगों से अपने वोट बनवाने की अपील कर रही है. लेकिन एक व्यक्ति अपना वोट बनवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है और उसकी कोई सुनने वाला नहीं है.

वहीं इस मामले पर पीड़ित सुखविन्दर सिंह ने बताया कि उन्होंने बीएलओ को आवेदन दिया था. उसके बाद वहउपजिलाधिकारी से मिले उन्होंने वोट बनाने से साफ मना कर दिया. कहा तुम्हारावोट नहीं बनेगा.इसलिए मैने हाईकोर्ट की शरण ली. जिसमें कोर्ट ने डीएम साहब को नियमानुसार वोट बनाने काआदेश कियाहै.

इस मामले पर डीएम आंजनेय कुमार ने बताया एक जगह से दूसरी जगह का शिफ्टिंग का मामला था और नियम ये है कि 6 महीने तक उस जगह का निवासी होना चाहिए. पहले जो इन्होंने शरुआत में पेपर लगाये थे. वे 6 महीने तक का शो नहीं कर रहे थेअब जो इन्होंने पेपर दियाहैवोसही हैं.इसलिए हमने इनका वोट बनवाने काआदेश कर दियाहै.
Intro:exclusiv pakeg story
Rampur up
Reporter Azam Khan 8218676978,,,,8791987181
स्लग वोट बनवाने के लिये हाई कोर्ट में दी दस्तक

एंकर एक वोट की क़ीमत हार जीत के लिए बहुत एहमियत रखता है कीव के कभी कभी एक वोट की वजह से जीत कर कोई भी व्यक्ति मंत्री बन जाता है लेकिन अगर किसी इंसान का वोट ही नही है तो वे इंसान नेताओ के किस काम का ,,, जी हां हम जो आप को बताने जा रहे है आप को सुनने में अजीब लगेगा लेकिन यही सच है एक व्यक्ति को अपना वोट बदलने के लिये हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया और डीएम को वोट बनाने के आदेश किए


Body:वियो 1 रामपुर की तहसील बिलासपुर के हामीदाबाद गाँव मे सुखविंदर सिंह अपने परिवार के साथ रहता है पूर्व में सुखविंदर सिंह श्रीनगर गाँव मे रहता था जो हामीदाबाद गाँव से एक किलोमीटर दूरी पर है सुखविन्दर सिंह ने अपने पुराने गाँव श्रीनगर से वोटर लिस्ट से नाम कटवा कर गाँव हामीदाबाद मे करने के लिए आवेदन किया था लेकिन उसकी किसी अधिकारी और कर्मचारी ने नही सुनी तो थक हार कर सुखविन्दर सिंह ने हाई कोर्ट की शरण ली और कोर्ट में 24 फरवरी 2018 को एक रिट दायर की जिस में कोर्ट ने संज्ञान लिया और 7 मार्च 2018 को कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने डीएम को वोट बनाने के लिए आदेश किये

वियो 2 यहाँ आप को बताते चले सुखविन्दर सिंह 2010 से 2015 तक ज़िला पंचायत सदस्य भी रह चुके है और दो बार नवाबगंज सहकारी समिति के चेयरमैन भी रह चुके है और मौजूद बसपा के ज़िला प्रभारी भी है

सरकार वोट बनवाने के लिये लोगो जागरूक कर रही है और लोगो से अपने वोट बनवाने की अपील कर रही है लेकिन एक व्यक्ति अपना वोट बनवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है और उसकी कोई सुनने वाला नही है


Conclusion:वही इस मामले पर पीड़ित सुखविन्दर सिंह ने बताया उन्होंने बीएलओ को आवेदन किया था और उसके बाद वे उपजिलाधिकारी से मिले उन्होंने वोट बनाने से साफ मना कर दिया कहा तुहारी वोट नही बनेगी इस लिए हाई कोर्ट की शरण ली जिस में कोर्ट ने डीएम साहब को नियमानुसार वोट बनाने के आदेश किये है

इस मामले पर डीएम आंजनेय कुमार ने बताया एक जगह से दूसरी जगह का शिफ्टिंग का मामला था और नियम ये है 6 महीने तक उस जगह का निवासी होना चाहिए पहले जो इन्होंने शरुआत में पेपर लगाये थे वे 6 महीने तक का शो नही कर रहे है अब जो इन्होंने पेपर दिये है वे सही है इसलिए मैंने इनका वोट बनवाने के आदेश कर दिए है
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