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कौशांबी के गांव कचरे से करेंगे आमदनी, जिला प्रशासन ने बनाया यह प्लान !

ग्रामीण आबादी के लिए विकास कार्यों की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों के कंधों पर होती है. सरकार भी ग्राम पंचायतों के महत्व को देखते हुए इनकी मजबूती के प्रयास करती है. जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक प्लान तैयार किया है.

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Published : Jun 29, 2019, 11:03 PM IST

कौशांबी में ग्राम पंचायतों में कचरा प्रबंधन.

कौशांबी: पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कूड़ाघर बनवाया जा रहा है. गांव से निकलने वाला सारा कचरा इसी कूड़ा घर में डाला जाएगा. बाद में उसे बेचकर ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाई जाएगी. इससे ग्राम पंचायतें स्वच्छ बनेंगी साथ ही ग्राम पंचायत की आय भी बढ़ेगी. इससे प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल विकास कार्यों में किया जाएगा.

कौशांबी में ग्राम पंचायतों में कचरा प्रबंधन.
कचरा प्रबंधन
  • प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे को एक स्थान पर जमा करने और उस कचरे को रिसाइकल करने की योजना बनाई है.
  • इसके लिए कौशांबी की हर ग्राम पंचायत व मजरों में कचरे के लिए अलग-अलग 10x10 फीट के दो कूड़ाघर बनाए जाएंगे.
  • गांव के लोग एक कूड़ेदान में जैविक कचरा जैसे- घर से निकलने वाले छिलके व गंदगी तथा दूसरे में लोहा, प्लास्टिक व फाइबर आदि कचरे डालेंगे.
  • ग्राम पंचायत इस कचरे से उन पदार्थों को अलग करेगी जिसे रिसाइकिल किया जा सकता है.
  • बाकी बचे पदार्थों को ग्राम पंचायत स्क्रब में बेचकर उससे पैसे कमाएगी.
  • घर से निकलने वाले कचरे और अन्य पदार्थों से जैविक खाद बनाई जाएगी.
  • इस खाद को किसानों को बेचा जाएगा.
  • इससे मिलने वाले पैसे से ग्राम पंचायत में 14वें वित्तीय राजस्व से होने वाले विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा.

जिला पंचायती राज अधिकारी के नेतृत्व में एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत ग्राम सभा से निकलने वाले कूड़े के लिए समुचित व्यवस्था की जानी है. इस योजना से एक तो ग्राम पंचायत में साफ-सफाई रहेगी और प्लास्टिक आदि को स्क्रब में बेचकर उससे ग्राम पंचायत की आय बढ़ेगी.
- इन्द्रसेन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी

कौशांबी: पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कूड़ाघर बनवाया जा रहा है. गांव से निकलने वाला सारा कचरा इसी कूड़ा घर में डाला जाएगा. बाद में उसे बेचकर ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाई जाएगी. इससे ग्राम पंचायतें स्वच्छ बनेंगी साथ ही ग्राम पंचायत की आय भी बढ़ेगी. इससे प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल विकास कार्यों में किया जाएगा.

कौशांबी में ग्राम पंचायतों में कचरा प्रबंधन.
कचरा प्रबंधन
  • प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे को एक स्थान पर जमा करने और उस कचरे को रिसाइकल करने की योजना बनाई है.
  • इसके लिए कौशांबी की हर ग्राम पंचायत व मजरों में कचरे के लिए अलग-अलग 10x10 फीट के दो कूड़ाघर बनाए जाएंगे.
  • गांव के लोग एक कूड़ेदान में जैविक कचरा जैसे- घर से निकलने वाले छिलके व गंदगी तथा दूसरे में लोहा, प्लास्टिक व फाइबर आदि कचरे डालेंगे.
  • ग्राम पंचायत इस कचरे से उन पदार्थों को अलग करेगी जिसे रिसाइकिल किया जा सकता है.
  • बाकी बचे पदार्थों को ग्राम पंचायत स्क्रब में बेचकर उससे पैसे कमाएगी.
  • घर से निकलने वाले कचरे और अन्य पदार्थों से जैविक खाद बनाई जाएगी.
  • इस खाद को किसानों को बेचा जाएगा.
  • इससे मिलने वाले पैसे से ग्राम पंचायत में 14वें वित्तीय राजस्व से होने वाले विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा.

जिला पंचायती राज अधिकारी के नेतृत्व में एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत ग्राम सभा से निकलने वाले कूड़े के लिए समुचित व्यवस्था की जानी है. इस योजना से एक तो ग्राम पंचायत में साफ-सफाई रहेगी और प्लास्टिक आदि को स्क्रब में बेचकर उससे ग्राम पंचायत की आय बढ़ेगी.
- इन्द्रसेन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी

Intro:कौशांबी जिले में पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जिले के सभी ग्राम पंचायतों में कूड़ा घर बनवाया जा रहा है। गांव के लोगों व सफाई कर्मचारियों से निकलने वाले कचरे को इसी में डालने को कहा गया है। इससे बस्ती में कूड़ा नजर नहीं आएगा। ग्राम पंचायत से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को अलग-अलग डाला जाएगा। ल बाद में उसे बेचकर ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाई जाएगी। इससे ग्राम पंचायतों को दो फायदा मिलेगा एक तो ग्राम पंचायत स्वच्छ बनेगा और ग्राम पंचायत की आय बढ़ेगी। जिससे ग्राम पंचायत में विकास कार्य होंगे।


Body:गांव का वातावरण प्रदूषण रहित रहे इसके लिए अब प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे को एक स्थान में जमा करने और उस कचरे को रिसाइकल करने की योजना बनाई है। इसके लिए कौशांबी की हर ग्राम पंचायत व मजरों में कचरे के लिए अलग-अलग 10 गुणे 10 का दो कूड़ा घर बनाया जाएगा । गांव के लोग एक कूड़ेदान में जैविक कचरा जैसे घर से निकलने वाले छिलके व गंदगी तथा दूसरे में लोहा प्लास्टिक व फाइबर आदि कचड़े डालेंगे। ग्राम पंचायत इन कचरा से उन पदार्थों को अलग करेगी जिसे रिसाइकिल किया जा सकता है। बाकी बचे पदार्थों को ग्राम पंचायत स्क्रब में बेचकर उससे पैसे कमाएगी । घर से निकलने वाले कचड़े व अन्य पदार्थों से जैविक खाद बनाई जाएगी। इस खाद को किसानों के हाथ बेचा जाएगा। इनसे दोनों चीजो से मिलने वाले पैसे से ग्राम पंचायत में 14 वे वित्तीय राजस्व से होने वाले विकास कार्यों में खर्चा किया जाएगा। इससे गांव का वातावरण स्वच्छ होने से लोगों को संक्रमित बीमारी फैलने की संभावनाएं ना के बराबर रहेगी।


Conclusion:कौशांबी जिले के मुख्य विकास अधिकारी इंद्रसेन के मुताबिक इस समय जिला पंचायती राज अधिकारी के नेतृत्व में एक अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें ग्राम सभा से निकलने वाले कूड़े के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है। जिसमें हर ग्राम सभा में एक बिना छत का कमरा बनाकर प्लास्टिक आदि रखने का काम शुरू हो गया है तथा अन्य तरह के कूड़े जिनसे कंपोस्ट खाद बनाई जा सकती है उनको एक अलग गड्ढे में रखने का काम शुरू किया गया है। इस योजना से एक तो ग्राम पंचायत में साफ-सफाई रहेगी और प्लास्टिक आदि को स्क्रब में बेचकर उसे ग्राम पंचायत की आय बढ़ेगी । कंपोस्ट खाद से भी ग्राम पंचायतों की आय बढ़ेगी इन सब से मिलने वाले पैसे को गांव के विकास कार्य में खर्चा किया जाएगा।

बाइट-- इन्द्रसेन सिंह मुख्य विकास अधिकारी कौशाम्बी
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