कौशांबी: पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कूड़ाघर बनवाया जा रहा है. गांव से निकलने वाला सारा कचरा इसी कूड़ा घर में डाला जाएगा. बाद में उसे बेचकर ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाई जाएगी. इससे ग्राम पंचायतें स्वच्छ बनेंगी साथ ही ग्राम पंचायत की आय भी बढ़ेगी. इससे प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल विकास कार्यों में किया जाएगा.
- प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे को एक स्थान पर जमा करने और उस कचरे को रिसाइकल करने की योजना बनाई है.
- इसके लिए कौशांबी की हर ग्राम पंचायत व मजरों में कचरे के लिए अलग-अलग 10x10 फीट के दो कूड़ाघर बनाए जाएंगे.
- गांव के लोग एक कूड़ेदान में जैविक कचरा जैसे- घर से निकलने वाले छिलके व गंदगी तथा दूसरे में लोहा, प्लास्टिक व फाइबर आदि कचरे डालेंगे.
- ग्राम पंचायत इस कचरे से उन पदार्थों को अलग करेगी जिसे रिसाइकिल किया जा सकता है.
- बाकी बचे पदार्थों को ग्राम पंचायत स्क्रब में बेचकर उससे पैसे कमाएगी.
- घर से निकलने वाले कचरे और अन्य पदार्थों से जैविक खाद बनाई जाएगी.
- इस खाद को किसानों को बेचा जाएगा.
- इससे मिलने वाले पैसे से ग्राम पंचायत में 14वें वित्तीय राजस्व से होने वाले विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा.
जिला पंचायती राज अधिकारी के नेतृत्व में एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत ग्राम सभा से निकलने वाले कूड़े के लिए समुचित व्यवस्था की जानी है. इस योजना से एक तो ग्राम पंचायत में साफ-सफाई रहेगी और प्लास्टिक आदि को स्क्रब में बेचकर उससे ग्राम पंचायत की आय बढ़ेगी.
- इन्द्रसेन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी