अयोध्या: डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय ई-सेमिनार का आयोजन किया गया है. इस आयोजन के उद्घाटन सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य भी शामिल हुए. सेमिनार में शामिल हुई राज्यपाल ने कहा कि सदियों से भगवान श्रीराम का महत्व विद्यमान रहा है.
डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में 26 मई से' राम नाम अवलंबन एकू' विषय पर तीन दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय ई-सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. इसमें शामिल हुईं मुख्य अतिथि प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नेे कहा कि भारतीय संस्कृति में भगवान श्रीराम का महत्व सदियों से सदैव विद्यमान रहा है.
अयोध्या की पावन भूमि पर स्थित अवध विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार ‘राम नाम अवलंबन एकू’ एक महत्वपूर्ण आयोजन के रूप में है. प्रभु श्री राम भारतीय संस्कृति की चेतना के प्राण तत्व हैं. संपूर्ण भारतीय संस्कृति में राम नाम की महत्ता की चर्चा पाई जाती है. राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी ने करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित कर दिया है. ऐसी स्थिति में भगवान राम के जीवन आदर्शों से काफी कुछ सीखने का वक्त है.
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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि अंग्रेजों के समय में जब काला पानी की सजा दी जाती थी तो उन्हें समुद्री जीवों से खतरा रहता था. ऐसे समय में उनके द्वारा वहां स्थित पत्थरों पर श्री राम लिख कर उनकी पूजा से अपनी दिनचर्या शुरू करते थे.
विश्वविद्यालय के ई- सेमिनार में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए जगतगुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि भारत आध्यात्म की भूमि है. राम नाम अवलंबन एकू रामचरितमानस के बालकांड की चौपाई है. अयोध्या दुनिया की पवित्रतम भूमि में से एक है जहां किसी का वध अकारण न हो वह अयोध्या है. राम नाम सदैव ही स्मरणीय रहा है. हर विपत्ति के समय में आदमी व्यक्ति राम नाम ही लेता है.