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जलनिगम के एक और इंजीनियर के खिलाफ विजलेंस ने दर्ज की FIR, 84 लाख रुपये का नहीं दे सके हिसाब - JAL NIGAM UP

अधिशासी अभियंता ने 1 करोड़ 35 लाख आमदनी दिखाई, जबकि उन्होंने 2 करोड़ 19 लाख खर्च किए.

जल निगम के अभियंता पर आय से अधिक संपत्ति का केस.
जल निगम के अभियंता पर आय से अधिक संपत्ति का केस. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 27, 2024, 7:45 AM IST

लखनऊ: जल निगम की यूनिट सीएनडीएस में तैनात अधिशासी अभियंता जयकार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर विजलेंस ने केस दर्ज किया है. अधिशासी अभियंता ने 1 करोड़ 35 लाख आमदनी दिखाई, जबकि उन्होंने 2 करोड़ 19 लाख खर्च किए थे. अतिरिक्त राशि का अधिशाषी अभियंता हिसाब नहीं दे सके. जिसके बाद विजलेंस की लखनऊ यूनिट थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

यूपी विजलेंस विभाग की लखनऊ यूनिट में तैनात इंस्पेक्टर धीरेन्द्र प्रताप कुशवाहा के मुताबिक, शासन ने सीएनडीएस जलनिगम में अधिशाषी अभियंता जयकार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की खुली जांच के वर्ष 2020 में आदेश दिए थे. जांच में सामने आया कि जयकार सिंह ने लोकसेवक के रूप में कार्यरत रहते हुए सभी वैध श्रोतों से 1 करोड़ 34 लाख 95 हजार 877 रुपए कमाए थे. जबकि इसी अवधि में उन्होंने 2 करोड़ 19 लाख 11 हजार 450 रुपए खर्च किए. जो वैध श्रोतों से कमाई गई आय से 84 लाख 15 हजार 573 रुपए अधिक थे.

इंस्पेक्टर के मुताबिक, जांच में अधिशाषी अभियंता जयकार सिंह अनानुपातिक परिसम्पत्ति अर्जन करने के प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये गए हैं, जो कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित 2018) की धारा 13 (1) बी सपठित धारा 13 (2) के अन्तर्गत आपराधिक कृत्य है. शासन के निर्देश पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयकार सिंह के खिलाफ इंस्पेक्टर ने विजिलेंस विभाग की लखनऊ थाने में एफआईआर दर्ज की है.

यह भी पढ़ें : यूपी के कन्नौज में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर बड़ा हादसा, सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के 5 डॉक्टरों की मौत

लखनऊ: जल निगम की यूनिट सीएनडीएस में तैनात अधिशासी अभियंता जयकार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर विजलेंस ने केस दर्ज किया है. अधिशासी अभियंता ने 1 करोड़ 35 लाख आमदनी दिखाई, जबकि उन्होंने 2 करोड़ 19 लाख खर्च किए थे. अतिरिक्त राशि का अधिशाषी अभियंता हिसाब नहीं दे सके. जिसके बाद विजलेंस की लखनऊ यूनिट थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

यूपी विजलेंस विभाग की लखनऊ यूनिट में तैनात इंस्पेक्टर धीरेन्द्र प्रताप कुशवाहा के मुताबिक, शासन ने सीएनडीएस जलनिगम में अधिशाषी अभियंता जयकार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की खुली जांच के वर्ष 2020 में आदेश दिए थे. जांच में सामने आया कि जयकार सिंह ने लोकसेवक के रूप में कार्यरत रहते हुए सभी वैध श्रोतों से 1 करोड़ 34 लाख 95 हजार 877 रुपए कमाए थे. जबकि इसी अवधि में उन्होंने 2 करोड़ 19 लाख 11 हजार 450 रुपए खर्च किए. जो वैध श्रोतों से कमाई गई आय से 84 लाख 15 हजार 573 रुपए अधिक थे.

इंस्पेक्टर के मुताबिक, जांच में अधिशाषी अभियंता जयकार सिंह अनानुपातिक परिसम्पत्ति अर्जन करने के प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये गए हैं, जो कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित 2018) की धारा 13 (1) बी सपठित धारा 13 (2) के अन्तर्गत आपराधिक कृत्य है. शासन के निर्देश पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयकार सिंह के खिलाफ इंस्पेक्टर ने विजिलेंस विभाग की लखनऊ थाने में एफआईआर दर्ज की है.

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