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भांग की ठंडाई के बिना अधूरी है होली, बरसों पुरानी है परम्परा

भांग की ठंडाई के बिना होली अधूरी सी लगती है. होली ही एक ऐसा त्यौहार है जिसमें जमकर भांग की ठंडाई पी और पिलाई जाती है. वैसे तो आपको बाजार में भांग की ठंडाई के पैकेट्स मिल जाएंगे जिन्हें दूध में मिला कर सर्व किया जा सकता है. कल देशभर में होली का त्यौहार मनाया जाएगा.

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Published : Mar 20, 2019, 10:18 PM IST

चोैक में ठंडाई पीते हुए स्थानीय

लखनऊ:होली का जश्न मनाने के लिए लखनऊ मे भांग और ठंडाई पीने की पुरानी परंपरा है. होली के दिन लोग भांग के नशे में खूब मौज मस्ती करते हैं और नाचते गाते हैं. खुमारी लाने के लिए दुकानदार भांग से बनी ठंडाई में केसर, बादाम, पिस्ता, काजू, सौंफ, तरबूज के बीज, गुलाब जल, ब्लैक पेपर सहित कई पौष्टिक चीजों का इस्तेमाल करते हैं.

इस बार भांग के नशे में क्या है खास जानेंगे चौक के दुकानदारों के साथ...

भांग की ठंडाई के बिना अधूरी है होली, बरसों पुरानी है परम्परा


पुराने दुकानदार ओम प्रकाश दीक्षित कहते हैं कि होली और भांग एक दूसरे के पूरक हैं. होली पर भांग का नशा त्यौहार का मजा दोगुना कर देता है. भांग और भांग से बनी ठंडाई में खुमार पैदा करने के लिए सभी पौष्टिक पदार्थों को सीमित मात्रा में मिलाया जाता है. जिसमें केसर, पिस्ता, बादाम, गुलाब जल, सौंफ, तरबूज के बीजों को का मिश्रण तैयार किया जाता है. इसके बाद ताजे दूध और चीनी को मिक्स किया जाता है. फिर चीनी मिले दूध में डालकर ठण्डाई बनायी जाती है. यहां पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भी ठंडाई पीने आया करते थे. बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन भांग से बनी ठंडाई का सेवन करने के लिए आते हैं.
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चोैक में ठंडाई पीते हुए स्थानीय


चौक की ठंडाई दूर-दूर तक मशहूर है. दूर-दूर से लोग ठण्डाई का सेवन करने परिवार सहित आते हैं. छोटी होली के दिन से ही दुकान पर लोगों की भीड़ जुटने लगती है. हज़ारो की संख्या में लोग ठंडाई पीने आते हैं. इन्होंने बताया कि होली के दिन भांग और भांग से बनी ठंडाई पीने का मजा ही अलग है. सुबह से ही ठंडाई बिकनी शुरू हो जाती है. नशे में लोग घण्टों मौज-मस्ती करते हैं.

विष्णु लंकेश तिवारी ने बताया कि वह काफी लंबे समय से भांग का सेवन करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि चौक में होली के दिन भांग से बनी भुजिया, मलाई गिलौरी, पापड़ सहित कई तरह की चीजें बनायी जाती है.

लखनऊ:होली का जश्न मनाने के लिए लखनऊ मे भांग और ठंडाई पीने की पुरानी परंपरा है. होली के दिन लोग भांग के नशे में खूब मौज मस्ती करते हैं और नाचते गाते हैं. खुमारी लाने के लिए दुकानदार भांग से बनी ठंडाई में केसर, बादाम, पिस्ता, काजू, सौंफ, तरबूज के बीज, गुलाब जल, ब्लैक पेपर सहित कई पौष्टिक चीजों का इस्तेमाल करते हैं.

इस बार भांग के नशे में क्या है खास जानेंगे चौक के दुकानदारों के साथ...

भांग की ठंडाई के बिना अधूरी है होली, बरसों पुरानी है परम्परा


पुराने दुकानदार ओम प्रकाश दीक्षित कहते हैं कि होली और भांग एक दूसरे के पूरक हैं. होली पर भांग का नशा त्यौहार का मजा दोगुना कर देता है. भांग और भांग से बनी ठंडाई में खुमार पैदा करने के लिए सभी पौष्टिक पदार्थों को सीमित मात्रा में मिलाया जाता है. जिसमें केसर, पिस्ता, बादाम, गुलाब जल, सौंफ, तरबूज के बीजों को का मिश्रण तैयार किया जाता है. इसके बाद ताजे दूध और चीनी को मिक्स किया जाता है. फिर चीनी मिले दूध में डालकर ठण्डाई बनायी जाती है. यहां पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भी ठंडाई पीने आया करते थे. बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन भांग से बनी ठंडाई का सेवन करने के लिए आते हैं.
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चोैक में ठंडाई पीते हुए स्थानीय


चौक की ठंडाई दूर-दूर तक मशहूर है. दूर-दूर से लोग ठण्डाई का सेवन करने परिवार सहित आते हैं. छोटी होली के दिन से ही दुकान पर लोगों की भीड़ जुटने लगती है. हज़ारो की संख्या में लोग ठंडाई पीने आते हैं. इन्होंने बताया कि होली के दिन भांग और भांग से बनी ठंडाई पीने का मजा ही अलग है. सुबह से ही ठंडाई बिकनी शुरू हो जाती है. नशे में लोग घण्टों मौज-मस्ती करते हैं.

विष्णु लंकेश तिवारी ने बताया कि वह काफी लंबे समय से भांग का सेवन करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि चौक में होली के दिन भांग से बनी भुजिया, मलाई गिलौरी, पापड़ सहित कई तरह की चीजें बनायी जाती है.
Intro:लखनऊ। होली का जश्न मनाने के लिए लखनऊ मे भांग और ठंडाई पीने की पुरानी परंपरा है। होली के दिन लोग भांग के नशे में खूब मौज मस्ती करते हैं और नाचते गाते हैं। भांग के नशे में खुमार लाने के लिए दुकानदार भांग से बनी ठण्डाई में केसर, बादाम, पिस्ता, काजू, सौंफ, तरबूज के बीज, गुलाब जल, ब्लैक पेपर सहित कई पौष्टिक चीजों का इस्तेमाल करते है। इस बार भांग के नशे में क्या है खास जानेंगे चौक के दुकानदारों के साथ।




Body:
1- बाईट_ दुकानदार, ओम प्रकाश दीक्षित

पुराने दुकानदार ओम प्रकाश दीक्षित कहते है कि होली और भंग एक दूसरे के पूरक है। होली पर भांग का नशा त्योहार का मजा दोगुना कर देता है। भांग और भांग से बनी ठण्डाई में खुमार पैदा करने के लिए सभी पौष्टिक पदार्थों को सीमित मात्रा में मिलाया जाता है। जिसमें केसर, पिस्ता, बादाम, गुलाब जल, सौंफ, तरबूज के बीजों को का मिश्रण तैयार किया जाता है। फिर ताजे दूध और चीनी को मिक्स किया जाता है। इसके बाद चीनी मिले दूध में डाल कर ठण्डाई बनायी जाती है। यहां पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन भांग से बनी ठण्डाई का सेवन करने के लिए आते हैं।

2- बाईट_ दुकानदार, अंकित तिवारी, श्री गिरधारी केसरिया ठण्डाई

चौक की ठण्डाई दूर-दूर तक मशहूर है। दूर-दूर से लोग ठण्डाई कि सेवन करने परिवार सहित आते है। छोटी होली के दिन से ही दुकान पर लोगों की भीड़ जुटने लगती है। हज़ारो की संख्या में लोग ठण्डाई पीने आते है।

3- बाईट_ कन्हैया लाल तिवारी

इन्होंने बताया कि होली के दिन भांग और भांग से बनी ठण्डाई पीने का मजा ही अलग है। सुबह से ही ठण्डाई बिकनी शुरू हो जाती है। नशे में लोग घण्टों मौज-मस्ती करती है।

4- बाईट_ विष्णु लंकेश त्रिपाठी
विष्णु लंकेश तिवारी ने बताया कि वह काफी लंबे समय से भांग का सेवन करें। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि चौक में होली के दिन भांग से बनी भुजिया, मलाई गिलौरी, पापड़ सहित कई तरह की चीजे बनायी जाती है और लोग उसका सेवन करते है। भांग के नशे की खुमारी लोगों को खूब मजा देती है।










Conclusion:कल देशभर में होली त्योहार मनाया जाएगा। त्योहार को लेकर लखनऊ की बाजारों में रौनक दिखाई दे रही है। होली का जश्न मनाने के लिए लोगों ने भांग की दुकान ऊपर ऑर्डर देने शुरू कर दिए।


रितेश यादव
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