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वाराणसी: पीएम मोदी के विरोध में आए सैकड़ों पूर्व सैनिक - मोदी

सेना में खराब खाना और अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने वाले पूर्व सैनिक तेज बहादुर के समर्थन में कई पूर्व सैनिक वाराणसी पहुंचे. यह सभी पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनकी मुसीबत बढ़ाने का काम करने के लिए जुटे हुए हैं.

पूर्व जवान तेज बहादुर
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Published : Apr 20, 2019, 2:22 PM IST

Updated : Apr 20, 2019, 3:29 PM IST

वाराणसी: सेना में खराब खाना और अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने वाले पूर्व जवान तेज बहादुर का साथ देने सैकड़ों पूर्व सैनिक वाराणसी पहुंच रहे हैं. पूर्व सैनिक तेज प्रताप मिल रहे समर्थन को लेकर खासा उत्साहित हैं. उनका कहना है कि पीएम मोदी के नामांकन के दौरान सभी सेना से निकाले गए सैनिक उन्हें आईना दिखाने का काम करेंगे.

ईटीवी भारत से बातचीत करते पूर्व सैनिक तेज बहादुर.


पीएम मोदी के खिलाफ जवान तेज बहादुर-

  • पीएम के खिलाफ सेना में खराब खाना और अव्यवस्था के खिलाफ उठा चुकें हैं आवाज.
  • वाराणसी में मोदी के खिलाफ कर रहे चुनाव प्रचार.
  • किसी-न-किसी कारण से सेना से निकाले गए देशभर के पूर्व सैनिकों को कर रहे एकजुट.
  • निष्कासित सैनिक पीएम मोदी के नामांकन के दौरान बढ़ाएंगे मुसीबतें.
  • पीएम मोदी पर चुनाव में सेना के नाम का इस्तेमाल करने का आरोप.

बनारस को अब यह पता चलेगा की असली चौकीदार कौन है और नकली चौकीदार कौन है. देश मैं सेना के नाम पर राजनीति करने वाले प्रधानमंत्री मोदी सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं. मेरे साथ कई ऐसे साथी हैं जिन्होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और उनको सेना से बाहर कर दिया गया.

तेज बहादुर, पूर्व सैनिक

चंदौली के रहने वाले मडीन्दू का कहना है कि वह सेना से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले कर तेज बहादुर का साथ दे रहे हैं क्योंकि सेना में रहते हो उन्होंने कई भ्रष्टाचार का विरोध किया लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी अब जब मौका है तो वह देश को बताएंगे कि सेना में किस तरह से सैनिकों के नाम पर मजाक हो रहा है

पूर्व जवान

वाराणसी: सेना में खराब खाना और अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने वाले पूर्व जवान तेज बहादुर का साथ देने सैकड़ों पूर्व सैनिक वाराणसी पहुंच रहे हैं. पूर्व सैनिक तेज प्रताप मिल रहे समर्थन को लेकर खासा उत्साहित हैं. उनका कहना है कि पीएम मोदी के नामांकन के दौरान सभी सेना से निकाले गए सैनिक उन्हें आईना दिखाने का काम करेंगे.

ईटीवी भारत से बातचीत करते पूर्व सैनिक तेज बहादुर.


पीएम मोदी के खिलाफ जवान तेज बहादुर-

  • पीएम के खिलाफ सेना में खराब खाना और अव्यवस्था के खिलाफ उठा चुकें हैं आवाज.
  • वाराणसी में मोदी के खिलाफ कर रहे चुनाव प्रचार.
  • किसी-न-किसी कारण से सेना से निकाले गए देशभर के पूर्व सैनिकों को कर रहे एकजुट.
  • निष्कासित सैनिक पीएम मोदी के नामांकन के दौरान बढ़ाएंगे मुसीबतें.
  • पीएम मोदी पर चुनाव में सेना के नाम का इस्तेमाल करने का आरोप.

बनारस को अब यह पता चलेगा की असली चौकीदार कौन है और नकली चौकीदार कौन है. देश मैं सेना के नाम पर राजनीति करने वाले प्रधानमंत्री मोदी सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं. मेरे साथ कई ऐसे साथी हैं जिन्होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और उनको सेना से बाहर कर दिया गया.

तेज बहादुर, पूर्व सैनिक

चंदौली के रहने वाले मडीन्दू का कहना है कि वह सेना से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले कर तेज बहादुर का साथ दे रहे हैं क्योंकि सेना में रहते हो उन्होंने कई भ्रष्टाचार का विरोध किया लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी अब जब मौका है तो वह देश को बताएंगे कि सेना में किस तरह से सैनिकों के नाम पर मजाक हो रहा है

पूर्व जवान

Intro:स्पेशल:

एंकर- वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं विपक्ष ने अभी तक अपना चेहरा जो प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ खड़ा होगा उसे साफ नहीं किया है कयास बाजी के बीच अभी चुनावी मैदान में अकेले प्रधानमंत्री मोदी ताल ठोक रहे हैं लेकिन उनके सामने सेना में खराब खाने को लेकर आवाज उठाने वाला जवान तेज बहादुर यादव चुनावी रण में कूद चुका है. तेज बहादुर वाराणसी में पहुंचकर चुनाव प्रचार भी कर रहा है बकायदा चुनावी कार्यालय खोलकर 22 अप्रैल से शुरू होने वाले नामांकन के तहत 24 अप्रैल को नामांकन की तैयारियों में जुटा है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि तेज बहादुर ने बनारस में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ देशभर के उन पूर्व सैनिकों को एकजुट करना शुरू कर दिया है जिनको किन्ही ना किन्ही कारणों से या तो सेना से निकाला गया या फिर उन्होंने खुद वॉलंटरी रिटायरमेंट ले कर तेज बहादुर का साथ देने की तैयारी की है.


Body:वीओ-01 तेज बहादुर यादव बीते 2 दिनों से वाराणसी में हैं और शहर के इलाके में अपना चुनावी कार्यालय बनाकर वहां पर चुनावी रणनीति तैयार कर रहे ईटीवी से खास बातचीत में तेज बहादुर ने बताया कि वह 24 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगे और बाकायदा रोड शो करके वह नामांकन के लिए जाएंगे, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तेज प्रताप का दावा है कि उनके इस नामांकन जुलुस में 2 से 3000 बर्खास्त सैनिक या रिटायर्ड सैनिकों की अच्छी खासी तादाद होगी जिनमें से कुछ सैनिक तो बनारस पहुंचने भी लगे हैं तेज प्रताप का साथ देने के लिए बनारस पहुंचे सैनिकों का समर्थन पाकर तेजप्रताप गदगद है उनका कहना है कि बनारस को अब यह पता चलेगा की असली चौकीदार कौन है और नकली चौकीदार कौन है देश मैं सेना के नाम पर राजनीति करने वाले प्रधानमंत्री मोदी शिवसेना के इस्तेमाल कर रहे हैं तेज प्रताप का कहना है कि मेरे साथ कई ऐसे साथी हैं जिन्होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और उनको सेना से बाहर कर दिया गया.

बाईट- तेज बहादुर यादव, बर्खास्त बीएसएफ जवान


Conclusion:वीओ-02 - तेज बहादुर का बनारस में साथ देने के लिए बिहार चलाने वाले सीआरपीएफ के निष्कासित जवान पंकज मिश्रा चंदौली के सीमा सुरक्षा बल में तैनात रह चुके, मडीन्दू चतुर्वेदी और बीएसएफ से निकाले गए इरफान अहमद समेत कई और जवानों ने तेज बहादुर का साथ देने के लिए बनारस में डेरा डाल दिया है
- पंकज मिश्रा का कहना है कि वह इस बात बात से आहत हैं कि सेना में रहते हुए अगर उन्होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई तो उनको नौकरी से निकाल दिया गया
- पंकज मिश्रा बताते हैं की सुकमा नक्सली हमले मैं उनका एक भाई शहीद हुआ लेकिन राजनाथ सिंह गृह मंत्री रहते हुए लगातार सिर्फ निंदा करते रहे और जब उसने इस निंदा का विरोध किया तो उसे प्रताड़ित किया गया मारा पीटा गया और नौकरी से निकाल दिया गया
- जिसके बाद उसने तेज बहादुर का साथ देना बेहतर समझा
- चंदौली के रहने वाले मडीन्दू का कहना है कि वह सेना से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले कर तेज बहादुर का साथ दे रहे हैं क्योंकि सेना में रहते हो उन्होंने कई भ्रष्टाचार का विरोध किया लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी अब जब मौका है तो वह देश को बताएंगे कि सेना में किस तरह से सैनिकों के नाम पर मजाक हो रहा है
- इरफान भी बीएसएफ से निष्कासित है उनका कहना है कि बॉर्डर पर रहते हुए जब उन्होंने अवैध तस्करी रोकने का प्रयास कर इसे ना होने देने की बात कही तो उसे प्रताड़ित कर मारा पीटा जाने लगा जिसकी वजह से हुआ भाग आया और उसे भगोड़ा घोषित कर बाहर निकाल दिया गया.
- जिसकी वजह से वह तेज बहादुर का साथ दे रहा है कुल मिलाकर कहा जाए प्रधानमंत्री मोदी जिस सेना के शौर्य का नाम लेकर चुनावी समर में बीजेपी को बड़ी जीत दिलाना चाह रहे हैं वहीं सेना के पूर्व जवान बनारस यानी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में उनकी मुसीबत बढ़ाने का काम करने में जुटे हुए अब देखने वाली बात यह होगी कि बनारस में प्रधानमंत्री मोदी को सेना के जवान कितना नुकसान पहुंचा पाते हैं.

बाईट- पंकज मिश्रा, निष्कासित सीआरपीएफ जवान

गोपाल मिश्र

9839809074
Last Updated : Apr 20, 2019, 3:29 PM IST
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