हरदोई: योगी सरकार बनने के बाद नदियों के पुनर्जीवित करने के सरकार के वादे को अमलीजामा पहनाये जाने का काम शुरू हो चुका है. जनपद में सई नदी को पुनर्जीवित करने के लिए प्रस्तुत हुई परियोजना मनरेगा से स्वीकृत होने के बाद वन विभाग नदी के किनारे 20 हजार 750 पौधे लगाएगा. इन पौधों में आम, नीम, पाकड़, पीपल आदि वृक्षों के पौधे रोपित किए जाएंगे.
सई नदी में जल स्तर की गिरती समस्या से आसपास के लोगों को निजात दिलाने और वाटर रिचार्ज करने के लिए पेड़ लगाने का यह फैसला लिया गया है. इससे गर्मी के मौसम में ग्रामीण इलाके के लोगों को और पशुओं- पक्षियों को भी इसका लाभ मिल सकेगा.
सई नदी को जिंदा करेगा वन विभाग
- हरदोई जिले में 180 किलोमीटर के लंबे क्षेत्र में बहने वाली सई नदी को पुनर्जीवित करने के लिए शासन के निर्देश के बाद मनरेगा से परियोजना प्रस्तुत की गई है.
- इस परियोजना को स्वीकृति मिलने के बाद वन विभाग जिले में सई नदी के किनारों पर वृक्षारोपण का काम शुरू करेगा.
- इसके लिए लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है. वन विभाग 20 हजार 750 पौधे सई नदी के किनारों पर रोपित करेगा.
- सई नदी के दोनों किनारों पर आम नीम, पाकड़, पीपल आदि वृक्ष रोपित किए जाएंगे ताकि सई नदी पुनः अपने मूर्त रूप में आ सके.
उपेक्षा के चलते नाले में तब्दील हुई सई नदी.
बता दें कि पौराणिक महत्व वाली सई नदी कभी जनपद के लिए जीवनदायिनी थी. ग्रामीण इलाके के लोगों के लिए यह नदी वरदान साबित होती थी. सिंचाई के लिए सई नदी के जल का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन पिछले दो दशक से यह नदी एक नाले में तब्दील होकर अपने अस्तित्व की जंग लड़ रही है. हरदोई के भिजवान झील से निकलने वाली यह नदी 715 किलोमीटर लंबी है जो हरदोई समेत कई जनपदों से होकर इलाहाबाद तक जाती है. हरदोई में यह नदी 185 किलोमीटर के लंबे क्षेत्र में बहती है. वन विभाग की नई पहल सालों से उपेक्षा का शिकार हुई सई नदी को दोबारा जिंदा करने की उम्मीद जगाती है.
मनरेगा में परियोजना प्रस्तुत की गई है. परियोजना स्वीकृत होने के बाद जल्द ही सई नदी के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण का काम शुरू कर दिया जाएगा. सई नदी को अपने मूल रूप में लाने के लिए यह पहल की गई है.
- रमेश चंद्र पाठक, उप प्रभागीय वनाधिकारी