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सहारनपुर: जहरीली शराब पीने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत, पसरा मातम

शुक्रवार की सुबह जहरीली शराब का कहर देखने को मिला. उमाहि कोटा गांव में शराब पीकर न सिर्फ दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती हुए बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा लोग अकाल मौत की आगोश में चले गए.

जहरीली शराब का कहर
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Published : Feb 9, 2019, 9:59 PM IST

सहारनपुर : कहते हैं कि " अगर कोई किसी के लिए गड्ढा खोदता है तो ऊपर वाला उसके लिए खाई खोद देता है". यह कहावत सहारनपुर के शराब माफिया पिंटू और उसके परिवार पर सही बैठती है. बताया जा रहा है, थाना नागल इलाके उमाहि गांव में उस मौत के सौदागर के घर से भी पांच अर्थियां निकली हैं.

जहरीली शराब का कहर
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जहरीली शराब न सिर्फ शराब के सौदागर पिंटू को निगल गई बल्कि शराब के सेवन से उसके पिता, चाचा, दो भाइयों को भी मौत की नींद सुला दिया. यूं तो इस गांव में सबसे ज्यादा 8 लोगो की मौत हुई है लेकिन जनपद में यह आंकड़ा बढ़ते हुए 60 के पार पहुंच गया है. जबकि 40 से ज्यादा लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. खास बात ये है कि पिंटू के के घर मे अब कमाने वाला कोई नही रहा. जिसके चलते उसके परिवार को भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. पिंटू के घर से एक साथ 5 अर्थियां उठी तो पूरा गांव सन्न रह गया.




आपको बता दें कि उमाहि कोटा ये वही गांव है जहां से शुक्रवार की सुबह जहरीली शराब का कहर देखने को मिला. पिंटू नाम के शराब माफिया के यहां से शराब पीकर न सिर्फ दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण अस्पतालो में भर्ती हुए बल्कि पिंटू समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग अकाल ही मौत के आगोश में चले गए. खास बात ये है कि इस शराब कांड में शराब माफिया पिंटू समेत उसके पिता, चाचा और दो भाइयों की भी मौत हो गई. इस घर का सबसे छोटा बेटा जितेंद्र ही बचा है. जितेंद्र ने बताया कि उसका भाई पिंटू कच्ची शराब का कारोबार किया करता था. कभी शराब माफिया कच्ची शराब घर पर दे जाते थे तो कभी पिंटू खुद जाकर ले आता था. यह कच्ची शराब कहाँ से आती थी ये उनको भी नही मालूम.

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दरअसल पिन्टू कैंसर से पिडित था ओर जिसका आपरेशन भी हुआ हुआ था. पिन्टू के छोटे भाई जितेंद्र ने बताया की मेरा भाई पिन्टू मजबूरी के चलते शराब बेचने का काम करता था क्योकि घर मे कोई भी कमाने वाला नही था. इस करोबार को करने वाला पिन्टू अब इस दुनिया मे नहीं रहा. वो खुद भी इस जहरीली शराब का शिकार हुआ है.

पिन्टू के परिवार पर भी इस जहरीली शराब का सबसे बड़ा कहर टूटा है. इस घर में अब तक पांच मौत हो चुकी हैं. घर के मुखिया बल्लू उनके दो बेटे पिन्टू, जलसिंह, बल्लू के बडे भाई राजकुमार व छोटे भाई श्यामलाल की भी मौत हो गई है. घर पर पुलिस आलाधिकारियों के साथ-साथ ग्रामीणों का भी ताता लगा हुआ है. हालांकि योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये मुवावजे रूपी मरहम लगाने की कोशिश की है.

सहारनपुर : कहते हैं कि " अगर कोई किसी के लिए गड्ढा खोदता है तो ऊपर वाला उसके लिए खाई खोद देता है". यह कहावत सहारनपुर के शराब माफिया पिंटू और उसके परिवार पर सही बैठती है. बताया जा रहा है, थाना नागल इलाके उमाहि गांव में उस मौत के सौदागर के घर से भी पांच अर्थियां निकली हैं.

जहरीली शराब का कहर
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जहरीली शराब न सिर्फ शराब के सौदागर पिंटू को निगल गई बल्कि शराब के सेवन से उसके पिता, चाचा, दो भाइयों को भी मौत की नींद सुला दिया. यूं तो इस गांव में सबसे ज्यादा 8 लोगो की मौत हुई है लेकिन जनपद में यह आंकड़ा बढ़ते हुए 60 के पार पहुंच गया है. जबकि 40 से ज्यादा लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. खास बात ये है कि पिंटू के के घर मे अब कमाने वाला कोई नही रहा. जिसके चलते उसके परिवार को भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. पिंटू के घर से एक साथ 5 अर्थियां उठी तो पूरा गांव सन्न रह गया.




आपको बता दें कि उमाहि कोटा ये वही गांव है जहां से शुक्रवार की सुबह जहरीली शराब का कहर देखने को मिला. पिंटू नाम के शराब माफिया के यहां से शराब पीकर न सिर्फ दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण अस्पतालो में भर्ती हुए बल्कि पिंटू समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग अकाल ही मौत के आगोश में चले गए. खास बात ये है कि इस शराब कांड में शराब माफिया पिंटू समेत उसके पिता, चाचा और दो भाइयों की भी मौत हो गई. इस घर का सबसे छोटा बेटा जितेंद्र ही बचा है. जितेंद्र ने बताया कि उसका भाई पिंटू कच्ची शराब का कारोबार किया करता था. कभी शराब माफिया कच्ची शराब घर पर दे जाते थे तो कभी पिंटू खुद जाकर ले आता था. यह कच्ची शराब कहाँ से आती थी ये उनको भी नही मालूम.

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दरअसल पिन्टू कैंसर से पिडित था ओर जिसका आपरेशन भी हुआ हुआ था. पिन्टू के छोटे भाई जितेंद्र ने बताया की मेरा भाई पिन्टू मजबूरी के चलते शराब बेचने का काम करता था क्योकि घर मे कोई भी कमाने वाला नही था. इस करोबार को करने वाला पिन्टू अब इस दुनिया मे नहीं रहा. वो खुद भी इस जहरीली शराब का शिकार हुआ है.

पिन्टू के परिवार पर भी इस जहरीली शराब का सबसे बड़ा कहर टूटा है. इस घर में अब तक पांच मौत हो चुकी हैं. घर के मुखिया बल्लू उनके दो बेटे पिन्टू, जलसिंह, बल्लू के बडे भाई राजकुमार व छोटे भाई श्यामलाल की भी मौत हो गई है. घर पर पुलिस आलाधिकारियों के साथ-साथ ग्रामीणों का भी ताता लगा हुआ है. हालांकि योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये मुवावजे रूपी मरहम लगाने की कोशिश की है.

Intro:सहारनपुर : कहते हैं कि " अगर कोई किसी के लिए गड्ढा खोदता है तो ऊपर वाला उसके लिए खाई खोद देता है" यह कहावत सहारनपुर के शराब माफिया पिंटू और उसके परिवार पर सही बैठती है। थाना नागल इलाके उमाहि गांव में किस शख्स की वजह से किसी के सिर से बाप का साया उठ गया तो किसी का सवाग उजड़ गया। उस मौत के सौदागर के घर से भी पांच अर्थियां निकली है। जिम्मेदार न्यूज़ चैनल होने के नाते ईटीवी जहरीली शराब से हुई मौतों पर शोक व्यक्त करता है लेकिन सच्चाई यही है। जहरीली शराब न सिर्फ शराब के सौदागर पिंटू को निगल गई बल्कि शराब के सेवन से उसके पिता, चाचा, दो भाइयों को भी मौत की नींद सुला दिया। यूं तो इस गांव में सबसे ज्यादा 8 लोगो की मौत हुई है लेकिन जनपद में यह आंकड़ा बढ़ते हुए 60 के पार पहुंच गया है। जबकि 40 से ज्यादा लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। खास बात ये है कि पिंटू के के घर मे अब कमाने वाला कोई नही रहा। जिसके चलते उसके परिवार को भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पिंटू के घर से एक साथ 5 अर्थियां उठी तो पूरा गांव सन्न रह गया। ग्रामीण पिंटू के मरने का गम नही कर रहे लेकिन उसके घर ले चार सदस्यों के मरने का अफसोस जरूर मना रहे है।




Body:VO 1 - आपको बता दें कि उमाहि कोटा ये वही गांव है जहां से शुक्रवार की सुबह जहरीली शराब का कहर देखने को मिला था। पिंटू नाम के शराब माफिया के यहां से शराब पीकर न सिर्फ दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण अस्पतालो में भर्ती हुए बल्कि पिंटू समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग अकाल ही मौत के आघोष में चले गए। खास बात ये है कि इस शराब कांड में शराब माफिया पिंटू समेत उसके पिता , चाचा , ओर दो भाइयों की भी मौत हो गई। इस घर का सबसे छोटा बेटा जितेंद्र ही बचा है। जितेंद्र ने बताया कि उसका भाई पिंटू कच्ची शराब का कारोबार किया करता था। कभी शराब माफिया कच्ची शराब घर पर दे जाते थे तो कभी पिंटू खुद जाकर ले आता था। यह कच्ची शराब कहाँ से आती थी ये उनको भी नही मालूम। दरअसल पिन्टू कैंसर से पिडित था ओर जिसका आपरेशन भी हुआ हुआ था। पिन्टू के छोटे भाई जितेंद्र ने बताया की मेरा भाई पिन्टू मजबूरी के चलते शराब बेचने का काम करता था। क्योकि घर मे कोई भी कमाने वाला नही था। इस करोबार को करने वाला पिन्टू अब इस दुनिया मे नही रहा है। वो खुद भी इस जहरीली शराब का शिकार हुआ है। जहां जिले भर में करीब 60 लोग जहरीली शराब के सेवन से मौत के मुँह में जा चुके है। वही अब मौत के सौदागर पिन्टू के परिवार पर भी इस जहरीली शराब का सबसे बड़ा कहर टुटा है। इस घर में अब तक पाच मौत हो चुकी है। घर के मुखिया बल्लू उनके 2 बेटे पिन्टू व जलसिंह तथा बल्लू के बडे भाई राजकुमार व छोटे भाई श्यामलाल की भी मौत हो गई है। घर पर पुलिस आलाधिकारियों के साथ साथ ग्रामीणो का भी ताता लगा हुआ है घर के बाहर जो आदमी लकडी काट रहा है वो इस घर के मुखिया यानी शराब बेचने वाले पिन्टू के पिता बल्लू का शव आने वाला है ओर ये अर्थी उसी के लिए तैयार की जा रही है। हालांकि योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये मुवावजे रूपी मरहम लगाने की कोशिश की है।

बाइट - जितेंद्र ( पिंटू का भाई )
बाइट - ग्रामीण


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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9759945153
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