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रामपुर में एक कोतवाल और चार दारोगा पर FIR

रामपुर के थाना अज़ीमनगर में एक कोतवाल और 4 दारोगा पर कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. मामला 2015 का है, जिसमें इन लोगों ने सही जांच नहीं की थी और कुछ तथ्य भी छिपाए गए थे. इन पांचों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

शिव हरि मीना एसपी,रामपुर
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Published : May 13, 2019, 11:32 PM IST

रामपुर: योगी सरकार में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक कोतवाल और 4 दारोगा पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. दरअसल कोर्ट के आदेश पर रामपुर के थाना अजीमनगर में एक कोतवाल और 4 दारोगा पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. मामला 2015 का है, जिसमें इन लोगों ने सही जांच नहीं की थी और कुछ तथ्य भी छिपाए गए थे. इस वजह से इन पांचों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

रामपुर में कोतवाल और 4 दरोगा पर रिपोर्ट दर्ज की गई है.

आखिर क्या है मामला :

  • रामपुर के थाना अज़ीमनगर के खण्डिया निवासी कमला देवी ने अपने साथ घटित घटना के सम्बंध में थाना अज़ीमनगर में मुकदमा दर्ज कराया था.
  • घटना 19 अप्रैल 2015 की है. कमला अपने जेठ दाताराम उर्फ ध्यान सिंह के साथ थाना अजीमनगर गयी.
  • घटना की लिखित तहरीर तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह को दी.
  • कुशलवीर सिंह ने घटना की तहरीर पर कोई भी अभियोग पंजीकृत नहीं किया.
  • पीड़ित महिला का कोई मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया.
  • पीड़िता ने मजबूर होकर खुद 20 अप्रैल 2015 को ज़िला अस्पताल में अपना मेडिकल परीक्षण कराया.
  • थाने पर मुकदमा दर्ज नहीं होने पर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली और 156/3 में मुकदमा दर्ज कराया.
  • इसमें 4 दारोगा और एक तत्कालीन थानाध्यक्ष पर रिपोर्ट दर्ज न करने का आरोप था.
  • पीड़ित महिला ने खुद मेडिकल परीक्षण ज़िला अस्पताल में कराए जाने की बात कही.
  • विवेचक द्वारा मेडिकल परीक्षण न प्राप्त होने के कारण के सम्बंध में कोई स्पष्ट टिप्पणी केस डायरी में अंकित नहीं की गई.
  • पीड़ित महिला ने अपने 162 और 164 के बयान में अपने कपड़े भी फाड़ने की बात कही थी.
  • लेकिन किसी भी विवेचक ने पीड़िता के फटे हुए कपड़ों को कब्जे में लेकर सील-मोहर नहीं किया.
  • न ही फटे हुए कपड़ों का कोई खास कारण अपराध दैनिकी में दर्ज किया गया.
  • कमला के अनुसार, अभियुक्तों द्वारा चलाई गई गोली से नन्हे उर्फ जमुना प्रसाद घायल हो गया था.
  • पुलिस द्वारा घायल के इलाज की बात कही गई है.
  • किसी भी विवेचक ने केस डायरी में मेडिकल रिपोर्ट सम्मिलित नहीं की है.
  • इन सब उत्पीड़न की वजह से पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली थी.

बहरहाल देर से ही सही, लेकिन पीड़ित महिला को इंसाफ मिला और कोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह और दारोगा संजय गिरी, नरेंद्र कुमार,सतीश कुमार और राजेश कुमार के खिलाफ रिपार्ट दर्ज करने के आदेश थाना अज़ीमनगर को दिए हैं.


ये मामला 2015 का है, जिसमें पीड़ित द्वारा 307 का एक मुकदमा लिखा जाना था. वह नहीं लिखा गया और कुछ तथ्यों को भी छुपाया गया था. उसी सन्दर्भ में सीबीसीआइडी के आदेश पर थाना अज़ीमनगर पर एक मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इन पांचों विवेचकों के विरोध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
-शिवहरि मीना, एसपी

रामपुर: योगी सरकार में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक कोतवाल और 4 दारोगा पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. दरअसल कोर्ट के आदेश पर रामपुर के थाना अजीमनगर में एक कोतवाल और 4 दारोगा पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. मामला 2015 का है, जिसमें इन लोगों ने सही जांच नहीं की थी और कुछ तथ्य भी छिपाए गए थे. इस वजह से इन पांचों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

रामपुर में कोतवाल और 4 दरोगा पर रिपोर्ट दर्ज की गई है.

आखिर क्या है मामला :

  • रामपुर के थाना अज़ीमनगर के खण्डिया निवासी कमला देवी ने अपने साथ घटित घटना के सम्बंध में थाना अज़ीमनगर में मुकदमा दर्ज कराया था.
  • घटना 19 अप्रैल 2015 की है. कमला अपने जेठ दाताराम उर्फ ध्यान सिंह के साथ थाना अजीमनगर गयी.
  • घटना की लिखित तहरीर तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह को दी.
  • कुशलवीर सिंह ने घटना की तहरीर पर कोई भी अभियोग पंजीकृत नहीं किया.
  • पीड़ित महिला का कोई मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया.
  • पीड़िता ने मजबूर होकर खुद 20 अप्रैल 2015 को ज़िला अस्पताल में अपना मेडिकल परीक्षण कराया.
  • थाने पर मुकदमा दर्ज नहीं होने पर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली और 156/3 में मुकदमा दर्ज कराया.
  • इसमें 4 दारोगा और एक तत्कालीन थानाध्यक्ष पर रिपोर्ट दर्ज न करने का आरोप था.
  • पीड़ित महिला ने खुद मेडिकल परीक्षण ज़िला अस्पताल में कराए जाने की बात कही.
  • विवेचक द्वारा मेडिकल परीक्षण न प्राप्त होने के कारण के सम्बंध में कोई स्पष्ट टिप्पणी केस डायरी में अंकित नहीं की गई.
  • पीड़ित महिला ने अपने 162 और 164 के बयान में अपने कपड़े भी फाड़ने की बात कही थी.
  • लेकिन किसी भी विवेचक ने पीड़िता के फटे हुए कपड़ों को कब्जे में लेकर सील-मोहर नहीं किया.
  • न ही फटे हुए कपड़ों का कोई खास कारण अपराध दैनिकी में दर्ज किया गया.
  • कमला के अनुसार, अभियुक्तों द्वारा चलाई गई गोली से नन्हे उर्फ जमुना प्रसाद घायल हो गया था.
  • पुलिस द्वारा घायल के इलाज की बात कही गई है.
  • किसी भी विवेचक ने केस डायरी में मेडिकल रिपोर्ट सम्मिलित नहीं की है.
  • इन सब उत्पीड़न की वजह से पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली थी.

बहरहाल देर से ही सही, लेकिन पीड़ित महिला को इंसाफ मिला और कोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह और दारोगा संजय गिरी, नरेंद्र कुमार,सतीश कुमार और राजेश कुमार के खिलाफ रिपार्ट दर्ज करने के आदेश थाना अज़ीमनगर को दिए हैं.


ये मामला 2015 का है, जिसमें पीड़ित द्वारा 307 का एक मुकदमा लिखा जाना था. वह नहीं लिखा गया और कुछ तथ्यों को भी छुपाया गया था. उसी सन्दर्भ में सीबीसीआइडी के आदेश पर थाना अज़ीमनगर पर एक मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इन पांचों विवेचकों के विरोध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
-शिवहरि मीना, एसपी

Intro:Rampur up
Reporter Azam khan 8228676978,,,8791987181
स्लग एक कोतवाल और चार दरोगा पर रिपोर्ट दर्ज

एंकर रामपुर के थाना अज़ीमनगर में एक कोतवाल और 4 दरोगा पर कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है मामला 2015 का है जिस में इन लोगो ने सही जांच नही की थी ओर कुछ तस्थय भी छिपाए थे इस वजह से इन पांचों पर मुकद्दमा दर्ज किया गया है


Body:वियो रामपुर के थाना अज़ीमनगर के खण्डिया निवासी कमला देवी ने अपने साथ घटित घटना के सम्बंध में थाना अज़ीमनगर में मुकद्दमा दर्ज कराया था घटना 19 अप्रैल 2015 की है कमला अपने जेठ दाताराम उर्फ ध्यान सिंह के साथ थाना अज़ीमनगर गयी और घटना की लिखित तहरीर तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह को दी लेकिन कुशलवीर सिंह ने घटना की तहरीर पर कोई भी अभियोग पंजिकृत नही किया और न ही पीड़ित महिला का कोई मेडिकल परीक्षण कराया गया मजबूर होकर पीड़िता ने खुद 20 अप्रैल 2015 ज़िला अस्पताल में अपना मेडिकल परीक्षण कराया थाने पर मुकद्दमा दर्ज नही होने पर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली और 156/3 में मुकद्दमा दर्ज कराया इस मे 4 दरोगा और एक तत्कालीन थानाध्यक्ष पर रिपोर्ट दर्ज न करने का आरोप था

वियो पीड़ित महिला ने खुद मेडिकल परीक्षण ज़िला अस्पताल में कराए जाने की बात कही लेकिन विवेचक द्वारा मेडिकल परीक्षण न प्राप्त होने के कारण के सम्बंध में कोई स्पष्ट टिप्पड़ी केस डायरी अंकित नही की गई पीड़ित महिला ने अपने 162 व 164 के बयान में अपने कपड़े भी फाड़ने की बात कही गयी थी लेकिन किसी भी विवेचक ने पीड़िता के फ़टे हुए कपड़ो को क़ब्ज़े में लेकर सील सर्वे मोहर नही किया गया और न ही फ़टे हुए कपड़ो का कोई खास कारण अपराध दैनिकी में दर्ज किया गया है कमला के अनुसार अभियुक्तों द्वारा चलाई गई गोली से नन्हे उर्फ जमुना प्रसाद घायल हो गया था पुलिस द्वारा घायल को इलाज की बात कही गई है लेकिन किसी भी विवेचक ने केस डायरी में मेडिकल रिपोर्ट सम्मलित नही की है
इन सब उत्पीड़न की वजह से पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली थी बरहाल देर से ही सही लेकिन पीड़ित महिला को इंसाफ मिला और कोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह ,,और 4 उप निरीक्षक संजय गिरी,,नरेंद्र कुमार,,सतीश कुमार,,और राजेश कुमार के ख़िलाफ़ रिपार्ट दर्ज करने के आदेश थाना अज़ीमनगर को दिए है


Conclusion:वही इस मामले के बारे में पुलिस अधीक्षक शिव हरि मीना ने बताया ये मामला 2015 का है जिसमे पीड़ित द्वारा एक 307 का एक मुकद्दमा लिखा जाना था वे नही लिखा गया और कुछ तथ्यों को भी छुपाया गया था उसी सन्दर्भ में सीबीसीआइडी के आदेश पर थाना अज़ीमनगर पर एक मुकद्दमा पंजिकृत किया गया है इन पांचों विवेचकों के विरोध विभिन्न धाराओं में मुकद्दमा दर्ज किया गया है
बाइट शिव हरि मीना एसपी
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