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वाराणसी: BHU के प्रोफेसर ने डीन सहित 8 लोगों पर दर्ज कराया मुकदमा

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर ने कला संकाय के पूर्व डीन डॉक्टर पंकज सहित 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है. एसोसिएट प्रोफेसर ने इन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय
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Published : May 11, 2019, 11:51 AM IST

वाराणसी: वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र ने लंका थाने में 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है. इनमें कला संकाय के पूर्व डीन डॉ. कुमार पंकज, इनके पीए चंदन बरोई, तत्कालीन कुलपति के सेकेट्री जी. सुरेश, लाईब्रेरी साईंस के प्रो. डॉ. आदित्य त्रिपाठी, सहायक कुल सचिव आनंद विक्रम सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर दिलीप त्रिपाठी, शोध छात्र मनिंदर कुमार सिंह और केपी राय भी शामिल हैं.

जानकारी देते ज्ञान प्रकाश मिश्र, एसोसिएट प्रोफेसर.

क्या है पूरा मामला

  • पूर्व डीन डॉ. कुमार पंकज ने एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप लगाया था.
  • डीन डॉ. कुमार पंकज ने कुलपति को पत्र भेजा था.
  • तत्कालीन कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस कलीमुल्लाह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी.
  • एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र ने जांच का आधार जानने के लिए आरटीआई के जरिए जानकारी हासिल की.

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रकाश मिश्रा के अनुसार

  • 20 नवंबर 2017 को मुझे पत्र मिला कि आपके खिलाफ एक इंक्वायरी गठित हुई है.
  • इसमें फर्जीवाड़ा किया गया है. मैंने विश्वविद्यालय में एक दर्जन से ज्यादा आरटीआई लगाई.
  • आरटीआई से जो जवाब मिला, इससे यह साफ हो गया कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है.
  • सबने मिलकर मेरे साथ कूटनीति और धोखाधड़ी की.
  • मैंने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें पुलिस विवेचना कर रही है.

वाराणसी: वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र ने लंका थाने में 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है. इनमें कला संकाय के पूर्व डीन डॉ. कुमार पंकज, इनके पीए चंदन बरोई, तत्कालीन कुलपति के सेकेट्री जी. सुरेश, लाईब्रेरी साईंस के प्रो. डॉ. आदित्य त्रिपाठी, सहायक कुल सचिव आनंद विक्रम सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर दिलीप त्रिपाठी, शोध छात्र मनिंदर कुमार सिंह और केपी राय भी शामिल हैं.

जानकारी देते ज्ञान प्रकाश मिश्र, एसोसिएट प्रोफेसर.

क्या है पूरा मामला

  • पूर्व डीन डॉ. कुमार पंकज ने एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप लगाया था.
  • डीन डॉ. कुमार पंकज ने कुलपति को पत्र भेजा था.
  • तत्कालीन कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस कलीमुल्लाह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी.
  • एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र ने जांच का आधार जानने के लिए आरटीआई के जरिए जानकारी हासिल की.

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रकाश मिश्रा के अनुसार

  • 20 नवंबर 2017 को मुझे पत्र मिला कि आपके खिलाफ एक इंक्वायरी गठित हुई है.
  • इसमें फर्जीवाड़ा किया गया है. मैंने विश्वविद्यालय में एक दर्जन से ज्यादा आरटीआई लगाई.
  • आरटीआई से जो जवाब मिला, इससे यह साफ हो गया कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है.
  • सबने मिलकर मेरे साथ कूटनीति और धोखाधड़ी की.
  • मैंने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें पुलिस विवेचना कर रही है.
Intro:वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र ने लंका थाने में कला संकाय के पूर्व डीन डॉ पंकज सहित आठ पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। असिस्टेंट प्रोफेसर का आरोप है कि इन लोग मेरे खिलाफ धोखाधड़ी किया है।

डॉ ज्ञान प्रकाश की तहरीर पर लंका थाने में कुमार पंकज इनके पीएंचंदन बरोई,तत्काली कुलपति से सेकेट्री जी सुरेश,लाईब्रेली साईंस के प्रो डॉ आदित्य त्रिपाठी, सहायक कुल सचिव आनंद विक्रम सिंह,कम्प्यूटर आपरेटर दिलीप त्रिपाठी, शोध छात्र मनिंदर कुमार सिंह,केपी राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ

नॉट कापी ठीक कर के फिर से भेज रहा हूं।


Body:मामला यह है पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग बीएचयू के एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप लगाते हुए कला संकाय के तत्कालीन डीन डॉ कुमार पंकज ने कुलपति को पत्र भेजा था तत्कालीन कुलपति प्रो जीसी त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस कलीमुल्लाह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी।


डॉ ज्ञान प्रकाश में जांच के आधार जानने के लिए आरटीआई के जरिए जानकारी हासिल की जवाब में यह बात सामने आई कि तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर जिसे त्रिपाठी के समय डॉ ज्ञानप्रकाश पर कोई जांच नहीं बैठे वहीं जिस पत्र के आधार पर जांच कमेटी गठित की गई उसके बैक डेट में स्पेस क्रिएट कर लिखा गया है कला संकाय कर्मचारी अनुशासन समिति ने भी माना कि डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्र के खिलाफ षड्यंत्र में डॉ कुमार पंकज की भूमिका संदिग्ध।


Conclusion:एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रकाश मिश्रा ने बताया 20 नवंबर 2017 को मुझे एक पत्र मिला आपके खिलाफ एक इंक्वायरी गठित हुई है मुझे जो पत्र मिला उसपर मुझे शक हुआ कि इसमें फर्जीवाड़ा किया गया है मैंने विश्वविद्यालय में एक दर्जन से ज्यादा आरटीआई लगाई। आरटीआई से जो जवाब मिली इससे यह साफ हो गया कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचना की गई है। धोखाधड़ी की गई है। और इसमें पूर्व कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी जी भी शामिल हैं पूर्व डीन कुमार पंकज। उस समय तत्कालीन कुलपति के पर्सनल सेक्रेट्री जो इस समय भी कुलपति के पर्सनल सेक्रेट्री हैं जी सुरेश इनमें सब का हाथ था यह सब मिलकर मेरे साथ कूटनीति भी और धोखाधड़ी की रचना किए हैं। मैंने ऐसा एफ आई आर दर्ज कराई है जिसमें अन्य अधिकारी भी लिखा है पुलिस विवेचना कर रही है मैं बयान दूंगा तथ्य प्रसतुत करुगा। .
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