वाराणसी: वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र ने लंका थाने में 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है. इनमें कला संकाय के पूर्व डीन डॉ. कुमार पंकज, इनके पीए चंदन बरोई, तत्कालीन कुलपति के सेकेट्री जी. सुरेश, लाईब्रेरी साईंस के प्रो. डॉ. आदित्य त्रिपाठी, सहायक कुल सचिव आनंद विक्रम सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर दिलीप त्रिपाठी, शोध छात्र मनिंदर कुमार सिंह और केपी राय भी शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
- पूर्व डीन डॉ. कुमार पंकज ने एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप लगाया था.
- डीन डॉ. कुमार पंकज ने कुलपति को पत्र भेजा था.
- तत्कालीन कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस कलीमुल्लाह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी.
- एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र ने जांच का आधार जानने के लिए आरटीआई के जरिए जानकारी हासिल की.
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रकाश मिश्रा के अनुसार
- 20 नवंबर 2017 को मुझे पत्र मिला कि आपके खिलाफ एक इंक्वायरी गठित हुई है.
- इसमें फर्जीवाड़ा किया गया है. मैंने विश्वविद्यालय में एक दर्जन से ज्यादा आरटीआई लगाई.
- आरटीआई से जो जवाब मिला, इससे यह साफ हो गया कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है.
- सबने मिलकर मेरे साथ कूटनीति और धोखाधड़ी की.
- मैंने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें पुलिस विवेचना कर रही है.