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मऊ: बारिश से मौसम हुआ खुशगवार, धान की नर्सरी तैयार कर रहे किसान - कोविड-19 महामारी

यूपी के मऊ में कोरोना संकट काल में रोजगार छिनने से बड़ी संख्या में प्रवासी घर वापसी कर चुके हैं. ऐसे में रोजगार न होने से वह गांव में ही रहकर किसानी करके जीविकोपार्जन की तैयारी कर रहे हैं.

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धान की फसल के लिए तैयारी कर रहे किसान.
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Published : Jun 4, 2020, 7:46 PM IST

मऊ: जून माह के प्रथम सप्ताह में छिटपुट बूंदाबांदी और हल्की बारिश से मौसम खुशगवार हो गया है. रुक-रुक कर हो रही बारिश से गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. लिहाजा अब किसान भी खेती के कार्य में जुट गए हैं. इस समय खरीफ फसलों के लिए धान की नर्सरी डाली जा रही. वहीं खेतों की जुताई का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है.

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धान की फसल के लिए तैयारी कर रहे किसान.

प्रवासी कर रहे खेती
कोविड-19 महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन में महानगरों में काम करने वाले प्रवासी कामगार बड़ी संख्या में गांव पहुंचे हैं. कोरोना संकट में रोजगार छिन जाने से कामगार घर पर रहकर खेती करके जीविकोपार्जन की तैयारी में जुटे हुए हैं. खेती को बटाई पर देकर ज्यादातर लोग गांव से शहरों की ओर पलायन कर गए थे. वह अब घर वापसी कर खुद अपने खेतों में फसल उगाने की तैयारी में जुट गए हैं.

जिले के विकासखण्ड रानीपुर स्थित बस्ती गांव में रोजगार छिन जाने से सूर्याम्बर चार साल के लंबे अंतराल बाद गांव लौटे हैं. वह इस समय खेत में धान की नर्सरी लगा रहे हैं. सूर्याम्बर ने बताया कि पूना में रहकर वह काम करते थे, लेकिन अब वह वापस पूना नहीं जाना चाहते. ऐसे में कुछ रुपयों का इंतजाम कर गांव पर ही रहकर खेती करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने अभी तक अपनी तीन बीघे जमीन बटाई पर दे रखी थी. उसी से खाने को राशन मिल जाता था, लेकिन अब गांव में हैं, इसलिए खुद धान की खेती कर रहे हैं, ताकि कुछ पैसे की कमाई हो जाए.

मऊ: जून माह के प्रथम सप्ताह में छिटपुट बूंदाबांदी और हल्की बारिश से मौसम खुशगवार हो गया है. रुक-रुक कर हो रही बारिश से गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. लिहाजा अब किसान भी खेती के कार्य में जुट गए हैं. इस समय खरीफ फसलों के लिए धान की नर्सरी डाली जा रही. वहीं खेतों की जुताई का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है.

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धान की फसल के लिए तैयारी कर रहे किसान.

प्रवासी कर रहे खेती
कोविड-19 महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन में महानगरों में काम करने वाले प्रवासी कामगार बड़ी संख्या में गांव पहुंचे हैं. कोरोना संकट में रोजगार छिन जाने से कामगार घर पर रहकर खेती करके जीविकोपार्जन की तैयारी में जुटे हुए हैं. खेती को बटाई पर देकर ज्यादातर लोग गांव से शहरों की ओर पलायन कर गए थे. वह अब घर वापसी कर खुद अपने खेतों में फसल उगाने की तैयारी में जुट गए हैं.

जिले के विकासखण्ड रानीपुर स्थित बस्ती गांव में रोजगार छिन जाने से सूर्याम्बर चार साल के लंबे अंतराल बाद गांव लौटे हैं. वह इस समय खेत में धान की नर्सरी लगा रहे हैं. सूर्याम्बर ने बताया कि पूना में रहकर वह काम करते थे, लेकिन अब वह वापस पूना नहीं जाना चाहते. ऐसे में कुछ रुपयों का इंतजाम कर गांव पर ही रहकर खेती करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने अभी तक अपनी तीन बीघे जमीन बटाई पर दे रखी थी. उसी से खाने को राशन मिल जाता था, लेकिन अब गांव में हैं, इसलिए खुद धान की खेती कर रहे हैं, ताकि कुछ पैसे की कमाई हो जाए.

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