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अंबेडकर नगर: पीएम फसल बीमा योजना पर किसानों ने उठाए सवाल

केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी किसानों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं. 2016 में किसानों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई गई लेकिन किसानों के अनुसार उन्हें उसका लाभ नहीं मिल रहा है.

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Published : Feb 28, 2019, 2:22 PM IST

अंबेडकर नगर: मोदी सरकार ने साल 2016 में फसल से संबधित बीमा योजनाओं को बंद कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू किया तो उस समय किसानों की तकदीर बदलने का दावा किया गया था. लेकिन समय के साथ किसानों की तकदीर तो नहीं बदली लेकिन बीमा कम्पनियों की बुलन्दी जरूर सातवें आसमान पर पहुंच गयी.

पीएम फसल बीमा योजना का नहीं मिल रहा लाभ.


फसलों से जुड़े जोखिम की वजह से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए वर्ष 2016 में सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू किया था. इसके तहत पुरानी बीमा योजना को यह कह कर बन्द कर दिया कि इससे किसानों को नुकसान हो रहा है. नई योजना के तहत जिलेवार बीमित फसलों की प्राथमिकता निर्धारित की गई. अंबेडकर नगर जिले में रबी की फसल में गेहूं और खरीफ के फसल में धान के फसल का बीमा हो रहा है. इसके लिए बीमा कम्पनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को नामित किया है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से परेशान किसान -

धान की फसल के लिए किसान से उसके हिस्से का प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 1145 रुपये और गेहूं के लिए प्रति हेक्टेयर 801.66 पैसा बीमा कम्पनी ले रही है. सरकार के मानकों के अनुरूप फसल के पूर्ण नुकसान पर धान के लिए प्रति हेक्टेयर 57264 और गेहूं के लिए 53444 रुपये का भुगतान होना चाहिए. यही नहीं बीमा कम्पनियां केसीसी होते ही किसानों के खाते से बीमा की राशि काट लेते हैं.

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किसानों ने कहा इंश्योरेंस के बाद भी नहीं मिल रहा लाभ -


कागजी आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 41हजार 703 किसानों के खरीफ की फसल का बीमा हुआ था. इसके लिए बीमा कम्पनी ने 3 करोड़ 19 लाख 63 हजार 258 रुपये प्रीमियम की वसूली भी की थी. जबकि रबी के फसल के लिए 43 हजार 197 किसानों के फसल का बीमा हुआ था. जिसका बीमा कम्पनी ने 2 करोड़ 75 लाख 4 हजार 971 रुपये का प्रीमियम वसूला. इसके बाद जब क्लेम देने की बारी आई तो पूरे जिले में महज 1054 किसानों का चयन किया गया. जिन्हें 18 लाख 44 हजार 736 रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव है.


किसानों का कहना है कि सरकार किसानों से बीमा के लिए पैसा तो लेती है, लेकिन नुकसान होने पर मिलता नहीं मिलता. हर बीमे पर कोई घटना न होने पर कम से कम प्रीमियम का जमा पैसा वापस मिलता, लेकिन इस बीमा में कुछ भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में सवाल तो उठेगा है कि यह बीमा योजना किसानों के लिए बनी है या फिर सरकार ने बीमा कम्पनी को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई है.

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अंबेडकर नगर: मोदी सरकार ने साल 2016 में फसल से संबधित बीमा योजनाओं को बंद कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू किया तो उस समय किसानों की तकदीर बदलने का दावा किया गया था. लेकिन समय के साथ किसानों की तकदीर तो नहीं बदली लेकिन बीमा कम्पनियों की बुलन्दी जरूर सातवें आसमान पर पहुंच गयी.

पीएम फसल बीमा योजना का नहीं मिल रहा लाभ.


फसलों से जुड़े जोखिम की वजह से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए वर्ष 2016 में सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू किया था. इसके तहत पुरानी बीमा योजना को यह कह कर बन्द कर दिया कि इससे किसानों को नुकसान हो रहा है. नई योजना के तहत जिलेवार बीमित फसलों की प्राथमिकता निर्धारित की गई. अंबेडकर नगर जिले में रबी की फसल में गेहूं और खरीफ के फसल में धान के फसल का बीमा हो रहा है. इसके लिए बीमा कम्पनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को नामित किया है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से परेशान किसान -

धान की फसल के लिए किसान से उसके हिस्से का प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 1145 रुपये और गेहूं के लिए प्रति हेक्टेयर 801.66 पैसा बीमा कम्पनी ले रही है. सरकार के मानकों के अनुरूप फसल के पूर्ण नुकसान पर धान के लिए प्रति हेक्टेयर 57264 और गेहूं के लिए 53444 रुपये का भुगतान होना चाहिए. यही नहीं बीमा कम्पनियां केसीसी होते ही किसानों के खाते से बीमा की राशि काट लेते हैं.

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किसानों ने कहा इंश्योरेंस के बाद भी नहीं मिल रहा लाभ -


कागजी आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 41हजार 703 किसानों के खरीफ की फसल का बीमा हुआ था. इसके लिए बीमा कम्पनी ने 3 करोड़ 19 लाख 63 हजार 258 रुपये प्रीमियम की वसूली भी की थी. जबकि रबी के फसल के लिए 43 हजार 197 किसानों के फसल का बीमा हुआ था. जिसका बीमा कम्पनी ने 2 करोड़ 75 लाख 4 हजार 971 रुपये का प्रीमियम वसूला. इसके बाद जब क्लेम देने की बारी आई तो पूरे जिले में महज 1054 किसानों का चयन किया गया. जिन्हें 18 लाख 44 हजार 736 रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव है.


किसानों का कहना है कि सरकार किसानों से बीमा के लिए पैसा तो लेती है, लेकिन नुकसान होने पर मिलता नहीं मिलता. हर बीमे पर कोई घटना न होने पर कम से कम प्रीमियम का जमा पैसा वापस मिलता, लेकिन इस बीमा में कुछ भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में सवाल तो उठेगा है कि यह बीमा योजना किसानों के लिए बनी है या फिर सरकार ने बीमा कम्पनी को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई है.

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Intro:UP-AMBEDKAR NAGAR-ANURAG CHAUDHARY
SLUG-PRDHAN MANTRI FASAL BIMAYOJNA
VISUAL-KISAN BIMA

स्पेशल स्टोरी

एंकर-सरकार किसी की भी लेकिन सत्ता के केंद्र में हमेशा किसान ही रहता है और सरकारें किसान हितों अपनी प्राथमिकता बताने से नही चूकते हैं लेकिन क्या वाकई सरकारें अन्नदाताओं को लेकर जो नीति निर्धारण करते हैं वो धरातल पर सही मायने में लागू हो रही हैं ,हम बात कर रहे हैं मोदी सरकार द्वारा लागू किये गए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की ,वर्ष 2016 में जब सरकार ने पूरी बीमा योजनाओं को बंद कर इस योजना को लागू किया तो उस समय किसानों की तकदीर बदलने का दावा किया गया था लेकिन समय के साथ किसानों की तकदीर तो नही बदली लेकिन बीमा कम्पनी रिलायंस की बुलन्दी जरूर सातवें आसमान पर पहुँच गयी ,आंकड़े बता रहे हैं बीमा कम्पनी ने सिर्फ अंबेडकर नगर से ही प्रीमियम के रुप में किसानों से 6 करोड़ से अधिक की धनराशि वसूली और क्लेम के रूप में मांग के बावजूद किसानों को फूटी कौड़ी भी नही दी है।


Body:vo-फसलों से जुड़े जोखिम की वजह से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए वर्ष 2016 में सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू किया था और पुरानी बीमा योजना को यह कह कर बन्द कर दिया था कि इससे किसानों को नुकसान हो रहा है ,नई योजना के तहत जिले वार बीमित फसलो की प्राथमिकता निर्धारित की गई ,अंबेडकर नगर जनपद में रवी के फसल में गेहूं और खरीफ के फसल में धान के फसल का बीमा हो रहा है और इसके लिए बीमा कम्पनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को नामित किया है ,धान की फसल के लिए किसान से उसके हिस्से का प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 1145 रुपये और गेहूं के लिए प्रति हेक्टेयर 801.66 पैसा बीमा कम्पनी ले रही है ,सरकार के मानकों के अनुरूप फसल के पूर्ण नुकसान पर धान के लिए प्रति हेक्टेयर 57264 और गेहूं के लिए 53444 रुपये का भुगतान होना चाहिए लेकिन किसानों को फूटी कौड़ी भी नही मिल रही है,यही नही बीमा कम्पनिया केसीसी होते ही किसानों के खाते से बीमा की राशि काट लेते हैं,


Conclusion:vo-कागजी आंकड़ो पर गौर करें तो जिले में 41हजार 703 किसानों के खरीफ की फसल का बीमा हुआ था और इसके लिए बीमा कम्पनी ने 3 करोड़ 19 लाख 63 हजार 258 रुपये प्रीमियम वसूला था जबकि रवी के फसल के लिए 43हजार 197 किसानों के फसल का बीमा हुआ है और बीमा कम्पनी ने 2 करोड़ 75 लाख 4 हजार 971 रुपये का प्रीमियम वसूला ,और जब क्लेम देने की बारी आई तो पूरे जीले में महज 1054 किसानों का चयन किया गया और इन्हें 18 लाख 44 हजार 736 रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव है ,किसान बीरेंद्र वर्मा ,रामदयाल ,सुनील का कहना है कि सरकार किसानों से बीमा के लिए पैसा तो लेती है लेकिन नुकसान होने पर मिलता नही जिन्हें मिलता है वो भी नाममात्र का ,हर बीमे पर कोई घटना न होने पर कम से कम प्रीमियम का जमा पैसा वापस मिलता लेकिन इस बीमा में कुछ भी नही मिल रहा है ,ऐसे में सवाल तो उठेगा ही कि यह बीमा योजना किसानों के लिए बनी है या फिर सरकार ने बीमा कम्पनी को लाभ पहुचाने के लिए बनाई है।

अनुराग चौधरी
अम्बेडकरनगर
9451734102
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