अम्बेडकर नगर: फर्जी अभिलेखों के सहारे नाम बदल कर नौकरी करने वाली अनीता सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. पुलिस तफसीस में यह उजागर हुआ है कि महज 10 हजार रुपये के लालच में अनीता सिंह फर्जी अनामिका शुक्ला बन कर जिले में नौकरी कर रही थी. इन्हें शुक्रवार को पुलिस ने मैनपुरी से गिरफ्तार कर लिया है.
जिले के राम नगर ब्लॉक में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका के रूप में एक महिला नौकरी कर रही थी. महिला अपना नाम अनामिका शुक्ला बताती थी. जब अनामिका प्रकरण चर्चा में आया तो वह बगैर किसी सूचना के फरार हो गई. मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला कि गोंडा की अनामिका शुक्ला के नाम पर मैनपुरी की महिला नौकरी कर रही है. मामला तूल पकड़ा तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज करा दिया.
मैनपुरी के बेबर थाने से हुई गिरफ्तारी
पुलिस फर्जी अनामिका की तलाश में जुटी रही और शुक्रवार को अभिलेखों में दर्ज पते के आधार पर पड़ताल करते हुए मैनपुरी से इस महिला को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार महिला का असली नाम अनीता सिंह है, जो मैनपुरी के बेबर थाना क्षेत्र की रहने वाली है. पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि महज 10 हजार रुपये महीने पर यह महिला नौकरी कर रही थी.
पुष्पेंद्र नामक व्यक्ति ने लगवाई थी महिला की नौकरी
एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि अम्बेडकर नगर में अनामिका के नाम से नौकरी कर रही महिला का नाम अनीता सिंह है. इसे महीने का 22 हजार रुपये वेतन मिलता था, लेकिन उस पैसे को खाते से निकाल कर इसे महज 10 हजार रुपये नकद दिया जाता था. बाकी का पैसा पुष्पेंद्र नाम का एक व्यक्ति लेता था. जांच में पता चला कि पुष्पेंद्र ने ही इसे फर्जी कागजातों के सहारे नौकरी दिलाई थी. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.