रायबरेली: मोदी सरकार लगातार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और इसमें संलिप्त लोगों पर कार्रवाई करने का दावा करती है. कई लोगों पर अब तक कार्रवाई भी हुई है, लेकिन अधिकारी इसके बावजूद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. अमेठी से गुरुवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया है. लखनऊ से आई विजिलेंस टीम ने विकास भवन में डीपीआरओ कार्यालय में डीपीआरओ को तीस हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद डीपीआरओ को लेकर तत्काल वहां से रवाना हो गए. यह सूचना आग की तरह प्रशासनिक अमले में फैल गई और अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई.
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अमेठी के विकास भवन में रोज की तरह सभी कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारी अपने सरकारी कामकाज को निपटा रहे थे. अचानक से दो गाड़ियों में सवार करीब 24 लोग विकास भवन पहुंचे और सीधे डीपीआरओ कार्यालय में जा धमके. उन लोगों ने वहां मौजूद जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा को एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से तीस हजार रुपये लेते हुए दबोच लिया. जब तक लोग कुछ समझ पाते टीम उन्हें अपने साथ लेकर रवाना हो गई और गौरीगंज के एक निजी होटल में उनसे पूछताछ शुरू कर दी.
कार्रवाई इतनी गोपनीय थी कि जिलाधिकारी तक को इसकी भनक नहीं लगी. वहीं, कार्रवाई की जानकारी विजिलेंस टीम ने पुलिस को कुछ देर पहले दी. विजिलेंस टीम को शिकायत मिली थी कि श्रेया चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को डेढ़ लाख रुपये का मानदेय दिलाने के लिए उससे तीस हजार रुपये लेने वाली हैं. ये सूचना मिलते ही टीम बुधवार को गौरीगंज के एक निजी होटल में पहुंच गई.