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औरैया: जिला पंचायत सदस्य का प्रशासन पर आरोप, 'अभियंता पर नहीं की कार्रवाई'

यूपी के औरैया में जिला पंचायत सदस्य ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाए हैं. जिला पंचायत सदस्य का कहना है कि गबन के मामले अवर अभियंता के दोषी पाए जाने के बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं की.

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जिला पंचायत सदस्य का प्रशासन पर आरोप.
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Published : May 27, 2020, 5:47 PM IST

औरैया: बुधवार को जिला पंचायत सदस्य शरद राणा ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिला पंचायत सदस्य ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पूर्व में गबन के मामले में अभियंता के खिलाफ शिकायत डीएम से की गई थी. जांच कमेटी बैठाकर जांच कराई थी और जांच में अभियंता दोषी भी पाए गए थे.

उन्होंने कहा है कि अभियंता के खिलाफ धारा 420, 408, 409 में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन न तो उन्हें बर्खास्त ही किया गया और न ही उनका ट्रांसफर किया गया. साथ ही अतिरिक्त और चार्ज दे दिया गया.

बता दें कि जिला पंचायत में कार्यरत अवर अभियंता लक्ष्मी कांत पर आरोप है कि उन्होंने ठेकेदार से आपसी सांठगांठ कर बिना सड़क बनवाए ही फर्जी तरीके से सरकारी धन निकाल लिया गया था. इसकी शिकायत पर जांच कमेटी गठित की गई थी. जांच कमेटी ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी थी.

जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट के मुताबिक अवर अभियंता को दोषी माना था. इसके बाद अभियंता के खिलाफ 420 जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन वावजूद इसके अभियंता पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही शासन के आधार पर अभियंता को अतिरिक्त पद का भी चार्ज दे दिया गया. यह आरोप जिला पंचायत शरद राणा ने लगाया है.

इसे भी पढ़ें: यूपी में 34 नए कोरोना मरीज आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 6758

औरैया: बुधवार को जिला पंचायत सदस्य शरद राणा ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिला पंचायत सदस्य ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पूर्व में गबन के मामले में अभियंता के खिलाफ शिकायत डीएम से की गई थी. जांच कमेटी बैठाकर जांच कराई थी और जांच में अभियंता दोषी भी पाए गए थे.

उन्होंने कहा है कि अभियंता के खिलाफ धारा 420, 408, 409 में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन न तो उन्हें बर्खास्त ही किया गया और न ही उनका ट्रांसफर किया गया. साथ ही अतिरिक्त और चार्ज दे दिया गया.

बता दें कि जिला पंचायत में कार्यरत अवर अभियंता लक्ष्मी कांत पर आरोप है कि उन्होंने ठेकेदार से आपसी सांठगांठ कर बिना सड़क बनवाए ही फर्जी तरीके से सरकारी धन निकाल लिया गया था. इसकी शिकायत पर जांच कमेटी गठित की गई थी. जांच कमेटी ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी थी.

जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट के मुताबिक अवर अभियंता को दोषी माना था. इसके बाद अभियंता के खिलाफ 420 जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन वावजूद इसके अभियंता पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही शासन के आधार पर अभियंता को अतिरिक्त पद का भी चार्ज दे दिया गया. यह आरोप जिला पंचायत शरद राणा ने लगाया है.

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