गोरखपुर : मतदाता को वोटिंग के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. सबसे ज्यादा चुनौती सर्विस वोटरों को लेकर है, जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट दिया जाएगा. इसे डाउनलोड करके वह अपने वोटिंग राइट्स का इस्तेमाल कर सकेंगे.
⦁ गोरखपुर जिले में लोकसभा की 2 सीटें हैं.
⦁ जिन पर करीब 34 लाख 60 हजार मतदाता हैं.
⦁ पिछले साल हुए लोकसभा उपचुनाव में इनकी संख्या 5645 बढ़कर साढ़े सात हजार से ऊपर हो गई है.
⦁ गोरखपुर में मतदान आखिरी चराण में 19 मई को होगा.
गोरखपुर में सर्विस वोटरों मतदाताओं की संख्या 7580 है. इन वोटरों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए जिला प्रशासन ने बैठक की और पूरी प्रकिया से वोटरों को अवगत कराया. इस प्रक्रिया के तहत सेना और नेवी आदि में नौकरी करने वाले वोटरों को मतदान का मौका मिल जाएगा.
वन वे कम्युनिकेशन मतदान
मतदान की यह प्रक्रिया पूरी तरह से वन वे कम्युनिकेशन की होगी, जिसे मतदाता को बाई पोस्ट भेजना होगा. वोटर्स के पास यह मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पहुंचेगा, जिसे उन्हें स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री के द्वारा वापस करना होगा. इस पोस्ट का कोई भी शुल्क नहीं लगेगा.
ऐसा होगा वन वे कम्युनिकेशन मतदान
जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी रवीश श्रीवास्तव ने बताया कि इसके लिए टू लेयर सिक्योरिटी तय की गई है. पहले इसमें डाउनलोड करने के लिए वन टाइम पासवर्ड की जरूरत पड़ेगी. वहीं प्रिंट करने के लिए पर्सनल आईडेंटिफिकेशन नंबर (पिन) की जरूरत पड़ेगी, जो सर्विस वोटर को उनके मोबाइल पर मिलेगा.
सर्विस वोटर की इस बैठक में आर्मी के अफसर से लगायत एयरफोर्स के अधिकारी शामिल हुए तो जिला स्तरीय अधिकारियों की भी मौजूदगी रही. इलेक्ट्रॉनिक बैलेट पेपर के प्रयोग के बाद उसे एफ वन और एफटू लिफाफे में अपने अधिकारी के समाने वोटर को सील करना होगा. यही नहीं दोनों लिफाफों पर वोटर के हस्ताक्षर होंगे, जिसको उनके बड़े अधिकारी प्रमाणित भी करेंगे. उप जिला निर्वाचन अधिकारी की माने तो उन्हें ऐसे मतपत्र 23 मई को मतगणना के दिन 8 बजे से पहले बंद लिफाफे में मिल जाना चाहिए, क्योंकि सबसे पहले ऐसे मतों की ही गणना होगी.